Makar Sankranti Speech In Hindi हिंदू पंचांग के अनुसार, भारत में हर साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। मकर संक्रांति को सूर्य उत्तरायण पर्व भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति पर भगवान सूर्य की उपासना की जाती है और पवित्र नदियों में स्नान और दान किया जाता है। लोग मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाते हैं, जिसे काईट फेस्टिवल के नाम से भी जाना जाता है। स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों को मकर संक्रांति पर भाषण लिखने के लिए दिया जाता है। ऐसे में यदि आपको भी मकर संक्रांति पर भाषण लिखना है तो हम आपके लिए सबसे बेस्ट मकर संक्रांति पर भाषण का ड्राफ्ट लेकर आए हैं, जिसकी मदद से आप आसानी से मकर संक्रांति पर भाषण लिख सकते हैं।
मकर संक्रांति पर भाषण हिंदी में | Speech On Makara Sankranti In Hindi
हर पतंग को पता होता है कि थोड़ी ही देर में उसे कट जाना है, फिर भी उसका उत्साह, उमंग और उड़ने की ललक देखने लायक होती है। जानते है उसमें यह उर्जा और बेफिक्री क्यों हैं? क्योंकि वह कल की चिंता में अपना आज बर्बाद नहीं करती है और वर्तमान को खुलकर जीती है लेकिन अनुशासन की डोर में बंधी रहकर। वह अपने स्वामी के इशारों पर ही ठुमकती और आनंदित होती है। ठीक इसी प्रकार हम भी आने वाले कल को विधाता के हाथ पर छोड दें और अनुशासन में बंध कर अपना वर्तमान मस्ती से जिएं और जिंदगी को पतंग की मानिंद हल्का, ऊर्जावान और मस्तीभरा बनाए रखें, तो उल्लास भरी जिंदगी जी सकते हैं।
पतंग की तरह इंसान का फ्यूचर भी हमेशा अनिश्चितताओं से भरपूर होता है। लेकिन आसमान में उडती पतंग की मानिंद जिंदगी के हर क्षण का आनंद लेना चाहिए, वो भी खुले दिल से, कल क्या हो जाए इसकी फ्रिक किए बगैर। तभी आप जिंदगी के हर क्षण को अच्छे से महसूस और एंजॉय कर पाएंगी. कल क्या होने वाला है, यह कोई नहीं जानता और न ही इसपर हमारा कोई नियंत्रण होता है,फिर भी बहुत लोग वर्तमान का आनंद छोडकर आने वाले कल को लेकर परेशान रहते हैं। इस व्यर्थ चिंता के कारण कई बार लोग जिंदगी के असली आनंद का मजा नहीं ले पाते।
कोई अनहोनी न हो जाए- आप अपने फ्यूचर के बारे में हमेशा निगेटिव विचार रखती हैं? अगर आप फ्यूचर के बारे में सोचना पसंद करती हैं तो निगेटिव सोचने की बजाय फ्यूचर को लेकर अच्छी-अच्छी बातें सोचें। वर्तमान में जो हालात हैं, उनसे कहीं ज्यादा बेहतर स्थिति फ्यूचर में होगी। आप वो सारी चीजें अपने फ्यूचर में करेंगी, जो आप अभी नहीं कर पा रही हैं, ऐसा सोचेंगी तो सुखी रहेंगी।
पतंग जब आसमान में उडती है तो अपने सारे बोझ जमीन पर छोड़ देती है. उसे उड़ानेवाला मांझा जिस भारी चरखी में रहता है,वो तो जमीन पर ही रहती है. कई वर्किंग मॉम्स यह सोचकर खुद को अपराधी महसूस करती हैं कि उन्होंने काम औऱ बच्चों पर केअर के बीच सही संतुलन नहीं रखा है। ऐसे में वे वर्कप्लेस पर मानसिक अपराध का बोझ साथ ले जाती हैं. ध्यान रहे, इससे न सिर्फ आपके स्वास्थ्य बल्कि लाइफ की क्वालिटी पर भी बुरा असर पड़ता है और इससे आपके बच्चों को कुछ भी नहीं मिलता।
सत्तर फीसदी से ज्यादा महिलाएं डाइटिंग आजमाती रहती हैं चाहे वे ओवरवेट हों या नहीं। हर समय खुद को मोटी महसूस करती हैं। अगर आप सचमुच खुद को सुंदर, आकर्षक औऱ स्लिम रखना चाहती हैं, तो व्यर्थ चिंता कर के समय नष्ट न करें कोई जिम ज्वाइन करें। अपना खानपान अच्छा रखें और खुद को फिट रखें.चिंता तो आपको असमय बूढा कर देगी।
कई महिलाएं तो अपने फेवरेट हीरो की फिल्म देखने जाएं, अपना सौंदर्य संवारने में कुछ समय लगाएं या पसंदीदा किताब पढ़ने लगें तो अचानक ऐसा महसूस करने लगती हैं कि वे दिनभर खुद में ही डूबी रहती हैं.यह चिंता उनका सारा मजा किरकिरा कर देती है और इससे मिलने वाला सुख नष्ट हो जाता है? यकीन कीजिए यह सब आपके लिए बेहद जरूरी है। अगर आप अपना पसंदीदा काम करके खुद को ब्रेक नहीं देंगी और रीचार्ज नहीं करेंगी, तो आप दूसरों का ध्यान कैसे रख पाएंगी। इसलिए इन व्यर्थ की चिंताओं को उतार फेंकें और मस्त बेलौस जिंदगी जीएं।