Independence Day 2022: राजाओं की भूमि कहे जाने वाले राजस्थान के स्वतंत्रता सेनानियों की सूची

राजस्थान भारत के उत्तर के क्षेत्र में स्थित है। राजस्थान को राजा महाराजाओं की भूमि भी कहा जता है। भारत के सभी राज्यों में सबसे बड़े राज्य राजस्थान है। आबादी के मामले में यह 7वें स्थान पर आता है। राजस्थान को राजपूतों का राज्य भी कहा जाता है। भारत की स्वतंत्रता के दौरान कई लोगों ने स्वतंत्रता आंदोलनों में अपना योगदान दिया था। इन सभी स्वतंत्रता सेनानियों ने एक साथ मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई और भारत की आजादी के स्वतंत्रता संग्राम की शुरूआत की। भारत इस वर्ष 76वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। आइए भारत के इस स्वतंत्रता दिवस पर राजस्थान के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जाने।

Independence Day 2022: राजाओं की भूमि कहे जाने वाले राजस्थान के स्वतंत्रता सेनानियों की सूची

लोथू निथारवाल

लोथू निथारवाल का जन्म 1804 में हुआ था। वह राजस्थान के मूल निवासी थें। वह एक जाट स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ अवाज उठाई थी। ताकि वह अपने लोगों को जागीरदारी व्यवस्था में होने वाले शोषण से बता सकें।

सागरमल गोपा

सागरमल गोपा जैसलमेर राजस्थान के निवासी थे। इनका जन्म 2 नवंबर 1900 में हुआ था। उन्होंने असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया और तभी से सक्रिय रूप से भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के लिए काम करते रहें। आंदोलनों में सक्रिय रूप से काम करने और लगातार हिस्सा बने रहे की वजह से इन्हें 25 मई 1941 में ब्रिटिश सरकार द्वारा गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद लगातार उन्हें जेल में प्रताड़ित किया गया और फिर 4 अप्रैल 1946 में उन्हें आग से जला के मार दिया गया।

प्रताप सिंह भारती

कुंवर जी के नाम से जाने जाने वाले प्रताप सिंह भारती का जन्म 25 मई 1918 में हुआ था। वह एक भारतीय क्रांतिकारी थे। इसी के साथ वह ब्रिटिश विरोधी भी थे। कुंवर जी को मुख्य तौर पर वायसराय चार्ल्स हार्डिंग की हत्या की साजिश के लिए जाना जाता है। इन्होंने 1912 में एक जुलूस के दौरान वायसराय चार्ल्स हार्डिंग के ऊपर बम फेका था और 1916 में उन्हें इस षड्यंत्र के 5 साल की जेली की सजा सुनाई गई थी।

दौलत मल भंडारी

दौलत मल भंडारी राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यानाधीश थे। उनका जन्म 16 दिसंबर 1907 में हुआ था। दौलत मल भंडारी भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिक निभाई है। 1942 में उन्होंने आजाग मोर्चा की शुरूआत की और सत्याग्रह चलाया। इसके लिए उन्हें 9 महीने की सजा काटनी पड़ी। इसी के साथ उन्होंने प्रजा मंडल की भी शुरूआत की।

स्वामी केशवानंद

स्वामी केशवानंद का जन्म 2 मार्च 1883 में हुआ। वह भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और एक समाज सुधारक थे। 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड ने पूरा भारत को झुनझोड़ के रख दिया था। इस घटना ने स्वामी केशवानंद पर गहरा प्रभाव डाला था। इस कांड के बाद उन्होंने कांग्रेस की बैठकों में भाल लेना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने असहयोग आंदोलन में भाग लिया और सक्रिय भूमिका निभाई। इस आंदोलन में भाग लेने की वजह से उन्हें 2 साल जेल में काटने की सजा सुनाई गई।

For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

English summary
Rajasthan is also know as Land of king. There are many Freedom fighter from Rajasthan who have been actively involved in Indian freedom struggle.
--Or--
Select a Field of Study
Select a Course
Select UPSC Exam
Select IBPS Exam
Select Entrance Exam
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
Gender
Select your Gender
  • Male
  • Female
  • Others
Age
Select your Age Range
  • Under 18
  • 18 to 25
  • 26 to 35
  • 36 to 45
  • 45 to 55
  • 55+