भारत आजादी का अमृत महोत्सव माना रहा है। भारत ने आजादी के 75 वर्ष पूरे हो गए हैं। इस साल भारत 76वां स्वतंत्रता दिवस माना रहा है। इस स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष पर यदि भारत के उन वीरों को याद न किया जाए जिनकी वजह से भारत हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस मनाता है। ऐसा तो हो ही नहीं सकता है। भारत के स्वतंत्रता में जितना योगदान उत्तर भारत का है उतना ही योगदान दक्षिण भारत का भी है। भारत के हर राज्य और उनके निवासियों ने भारत की स्वतंत्रता में अपना अहम योगदान दिया है। केरना भी उन राज्यों में से एक है। आज हम आपको केरला के स्वतंत्रता संग्राम के भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बताएंगे।
केरला दक्षिण में स्थित राज्य है। भारत के सबसे बड़े क्षेत्र वाले राज्यों में 21वें स्थान पर आता है। भारत के आबादी वालें राज्यों में इस राज्य की आबादी 13वें स्थान पर है। 18 सदी की बात है जब पूरे केरला पर ब्रिटिश का अधिकार हुआ। 20वीं शताब्दी में केरला में सबसे उल्लेखनीय संग्राम मालाबार विद्रोह, त्रावणकोर का समाजिक संघर्ष आदि के लिए जाना जाता है। मालाबार विद्रोह 1921 में हुई थी। उसी दौरान जातिगत असमानता के लिए भी कई आंदोलन किए गए थे। इस तरह से केरला में स्वतंत्रता संग्राम हुआ। आईए जाने केरला के स्वतंत्रात सेनानियों के बारे में।
के.कुमार
के.कुमार एक स्वतंत्रता सेनानी और लेखक थे। उनका जन्म 1894 में हुआ था। गांधी जी की केरला यात्रा के दौरान के.कुमार ने गांधी के साथ यात्रा की थी। गांधी द्वारा दिए भाषण को उन्होंने ममलयालम में ट्रांसलेट किया था। इतना ही नहीं के.कुमार नेहरू की सराकार में एडवाइजर भी थे। के.कुमार त्रावणकोर कांग्रेस कमेटी के प्रसिडेंट थे। उन्हें मुख्य तौर पर नमक सत्याग्रह और मंदिरों में प्रवेश के लिए आंदोलन में भाग लिया था।
अक्कम्मा चेरियन
अक्कम्मा चेरियन का जन्म 14 फरवरी 1909 में हुआ था। इन्हें मुख्य तौर पर सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने और योगदान देने के लिए जाना जाता है। यह भारत की उन महिला स्वतंत्रता सेनानियों में एक है जिन्होंने भारत की आजादी में अपने आप को समर्पित किया था। इसी के साथ स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान देने के लिए उन्होंने अपनी शिक्षिका की नौकरी तक छोड़ दी थी।
ए.वी. कट्टिमालु अम्मा
अनक्कारा वडक्कथु कुट्टीमालु अम्मा का जन्म 23 अप्रैल 1905 में हुआ था। भारत में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन्होंने एक महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उन्हें मुख्य तौर पर असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया था। वह हिंदी प्रचार सभा और हिंदी प्रचारिका की अध्यक्ष भी थी।
के केलप्पन
कोयापल्ली केलप्पन का जन्म 24 अगस्त 1889 में हुआ था। वह एक स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ, शिक्षावादी, और एक पत्रकार थे। के केलप्पन केरला कांग्रेस के प्रमुख व्यक्ति थें। गांधी द्वारा बनाए संगठनों में कई पदों पर वह कार्यरत रहे हैं। उन्हें मुख्य तौर भूदान आंदोलन के लिए जाना जाता है।
मोहम्मद अब्दुर रहमान
मोहम्मद अब्दुर रहमान का जन्म 1898 में हुआ था। मोहम्मद अब्दुर रहमान एक स्वतंत्रता सेनानी, मुस्लिम नेता और राजनीतिज्ञ थे। जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता में योगदान दिया गया है। उन्होंने नमक सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन और खिलाफत आंदोलन में अपना अहम योगदान दिया था।