एमबीए इन प्रोडक्शन मैनेजमेंट 2 साल की अवधि का एक पीजी कोर्स है जो वास्तव में एक संगठन, निर्माण उद्योग के उत्पादन प्रबंधन से संबंधित है। इस कोर्स के अध्ययन के माध्यम से, उम्मीदवारों को उत्पादन, शेड्यूल और स्टाफिंग, कच्चे माल और उपकरणों के रखरखाव, गुणवत्ता नियंत्रण, उत्पाद समन्वय आदि के लिए जिम्मेदार होना सिखाया जाता है।
बता दें कि एमबीए इन प्रोडक्शन मैनेजमेंट कोर्स के अध्ययन का मुख्य उद्देश्य गुणवत्ता वाले सामान का उत्पादन करना, संबंधित लागत को कम करके उत्पादन को अधिकतम करना, सुचारू उत्पादन सुनिश्चित करना और संगठन के मुनाफे को अधिकतम करना है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको एमबीए इन प्रोडक्शन मैनेजमेंट से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर प्रोडक्शन मैनेजमेंट में एमबीए करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में प्रोडक्शन मैनेजमेंट में एमबीए करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- एमबीए इन प्रोडक्शन मैनेजमेंट
• कोर्स का प्रकार- पोस्ट ग्रेजुएट
• कोर्स की अवधि- 2 साल
• पात्रता- स्नातक
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 2,00,000 से 15 लाख तक
• अवरेज सैलरी- 5 से 10 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- प्रोडक्शन मैनेजर, सीनियर टेक्निकल मैनेजर, फ्लोर शॉप मैनेजर, परचेज मैनेजर, बिजनेस प्रोसेस मैनेजर, लॉजिस्टिक्स मैनेजर, इन्वेंटरी मैनेजर आदि।
• जॉब फील्ड- विनिर्माण क्षेत्र, जैसे ऑटोमोबाइल, इंजीनियरिंग सामान, भारी मशीनरी उद्योग, लौह-इस्पात और धातु उद्योग, दूरसंचार, रसायन और उर्वरक, आईटी और ऊर्जा क्षेत्र आदि।
एमबीए इन प्रोडक्शन मैनेजमेंट: पात्रता
- उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री होनी चाहिए।
- उम्मीदवार के स्नातक डिग्री में कुल मिलाकर कम से कम 60% अंक होने चाहिए।
- उम्मीदवारों को अपनी पसंद के कॉलेजों में सीट सुरक्षित करने के लिए एमबीए सामान्य प्रवेश परीक्षा जैसे कैट, एक्सएटी, स्नैप, सीएमएटी में से किसी एक को उत्तीर्ण करना होगा।
- अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित उम्मीदवारों को अनिवार्य प्रक्रिया के रूप में पाठ्यक्रम कार्यक्रम में 5% छूट प्रदान की जाती है।
एमबीए इन प्रोडक्शन मैनेजमेंट: प्रवेश प्रक्रिया
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में एमबीए इन प्रोडक्शन मैनेजमेंट कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
एमबीए इन प्रोडक्शन मैनेजमेंट के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार एमबीए इन प्रोडक्शन मैनेजमेंट में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि एमबीए इन प्रोडक्शन मैनेजमेंट के लिए एडमिशन प्रोसेस कैट, एक्सएटी, स्नैप और सीएमएटी आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें एमबीए इन प्रोडक्शन मैनेजमेंट का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
एमबीए इन प्रोडक्शन मैनेजमेंट: सिलेबस
सेमेस्टर 1
- संगठनों का प्रबंधन
- मात्रात्मक तकनीक और तरीके
- प्रबंधकीय अर्थशास्त्र
- कॉर्पोरेट पर्यावरण
- व्यवसाय कौशल विकास
- कॉर्पोरेट कानूनी वातावरण
- प्रबंधकों के लिए लेखांकन
सेमेस्टर 2
- संगठनों का प्रबंधन
- मात्रात्मक तकनीक और तरीके
- प्रबंधकीय अर्थशास्त्र
- कॉर्पोरेट पर्यावरण
- व्यवसाय कौशल विकास
- कॉर्पोरेट कानूनी वातावरण
- प्रबंधकों के लिए लेखांकन
सेमेस्टर 3
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का प्रबंधन
- व्यापार नीति और सामरिक प्रबंधन
- ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण परियोजना
- सेमिनार
- विशेषज्ञता समूह ए (प्रत्येक विशेषज्ञता से दो पेपर पेश किए जाएंगे)
- विशेषज्ञता समूह बी (प्रत्येक विशेषज्ञता से दो पेपर पेश किए जाएंगे)
- विशेषज्ञता समूह सी (प्रत्येक विशेषज्ञता से दो पेपर पेश किए जाएंगे)
सेमेस्टर 4
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का प्रबंधन
- व्यापार नीति और सामरिक प्रबंधन
- ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण परियोजना
- सेमिनार
- विशेषज्ञता समूह ए (प्रत्येक विशेषज्ञता से दो पेपर पेश किए जाएंगे)
- विशेषज्ञता समूह बी (प्रत्येक विशेषज्ञता से दो पेपर पेश किए जाएंगे)
- विशेषज्ञता समूह सी (प्रत्येक विशेषज्ञता से दो पेपर पेश किए जाएंगे)
एमबीए इन प्रोडक्शन मैनेजमेंट: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- भारतीय प्रबंधन प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान
- भारतीय प्रबंधन प्रशिक्षण संस्थान- फीस 6,50,000
- सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट- फीस 9,60,000
- प्रबंधन अध्ययन के लिए अंतर्राष्ट्रीय परिषद- फीस 3,500
- लघु उद्योग सेवा संस्थान
- भारतीय उत्पाद प्रबंधन संस्थान- फीस 2,00,000
- आधुनिक प्रबंधन संस्थान- फीस 70,000
- एलेना इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट साइंस- फीस 92,200
एमबीए इन प्रोडक्शन मैनेजमेंट: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- प्रोडक्शन मैनेजर- सैलरी 7,80,000
- सिनियर टेक्निकल मैनेजर- सैलरी 12,00,000
- फ्लोर शॉप मैनेजर- सैलरी 2,46,000
- प्रचेज मैनेजर- सैलरी 7,14,000
- बिजनेस प्रोसेस मैनेजर- सैलरी 7,31,000
- लॉजिस्टिक मैनेजर- सैलरी 4,00,000
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