इसरो ने फिर रचा इतिहास, SSLV D3 के साथ लॉन्च की EOS-8 सैटेलाइट, जानिए इस रॉकेट की 10 खास बातें

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज, 16 अगस्त 2024 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से SSLV-D3 (स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) के साथ EOS-8 (Earth Observation Satellite) को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। यह लॉन्च भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे छोटे उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने में नई दिशा मिली है।

इसरो ने लॉन्च की SSLV D3 के साथ EOS-8 सैटेलाइट, जानिए इस रॉकेट की 10 खास बातें

इस मिशन ने न केवल देश के वैज्ञानिक समुदाय को गौरवान्वित किया है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की तकनीकी क्षमता का प्रमाण दिया है। चलिए आज के इस लेख में हम आपको SSLV-D3 रॉकेट की 10 खास विशेषताओं के बारे में बताते हैं जो कि निम्न प्रकार है-

1. लॉन्चिंग क्षमता:
SSLV-D3 को विशेष रूप से छोटे सैटेलाइट्स को लॉन्च करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह 500 किलोग्राम तक के उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में स्थापित कर सकता है।

2. तेजी से प्रक्षेपण:
इस रॉकेट की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे जल्दी और कम समय में तैयार किया जा सकता है। इससे उपग्रहों को लॉन्च करने का समय और खर्च दोनों कम हो जाते हैं।

3. लचीला डिजाइन:
SSLV-D3 को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह विभिन्न प्रकार के सैटेलाइट्स को लॉन्च कर सकता है, जिससे इसे बहुउद्देशीय रॉकेट के रूप में देखा जा सकता है।

4. लो-कॉस्ट रॉकेट:
SSLV-D3 का निर्माण और प्रक्षेपण अन्य बड़े रॉकेटों की तुलना में काफी कम खर्चीला है, जिससे यह छोटे सैटेलाइट्स के लिए आदर्श विकल्प बनता है।

5. मल्टीपल पेलोड कैपेसिटी:
यह रॉकेट एक साथ कई उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने में सक्षम है। इस क्षमता के कारण, SSLV-D3 को छोटे सैटेलाइट्स की बड़ी संख्या को लॉन्च करने के लिए उपयुक्त माना जा रहा है।

6. तेज गति में बदलाव:
SSLV-D3 को विशेष रूप से तैयार किया गया है ताकि यह प्रक्षेपण के दौरान तीव्र गति में भी बदलाव कर सके, जिससे इसे सटीक रूप से लक्ष्य पर पहुँचने में मदद मिलती है।

7. नई तकनीक:
इस रॉकेट में कई नई तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें एडवांस्ड नेविगेशन सिस्टम और स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन शामिल हैं, जो इसे अधिक प्रभावी बनाते हैं।

8. इंडिजिनस तकनीक:
SSLV-D3 को पूरी तरह से भारत में विकसित किया गया है। इस रॉकेट का निर्माण और विकास स्वदेशी तकनीक पर आधारित है, जिससे भारत की आत्मनिर्भरता और भी बढ़ी है।

9. कम लॉन्च समय:
इस रॉकेट का प्रक्षेपण समय अन्य रॉकेटों की तुलना में कम है, जिससे इसे तेजी से लॉन्च किया जा सकता है। इसके अलावा, यह तुरंत लॉन्च विंडो का फायदा उठा सकता है।

10. राहत अभियानों में उपयोग:
SSLV-D3 की क्षमता का उपयोग आपातकालीन स्थिति में राहत अभियानों के लिए भी किया जा सकता है, जिससे प्राकृतिक आपदाओं के दौरान त्वरित संचार सेवाएँ बहाल की जा सकेंगी।

गौरतलब है कि SSLV-D3 का सफल प्रक्षेपण भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस रॉकेट की विशेषताओं से न केवल छोटे सैटेलाइट्स के लॉन्च में तेजी आएगी, बल्कि इससे भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नई पहचान मिलेगी। इसरो के इस कदम से भारत की अंतरिक्ष तकनीक और भी सुदृढ़ होगी।

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English summary
The Indian Space Research Organisation (ISRO) has successfully launched EOS-8 (Earth Observation Satellite) with SSLV-D3 (Small Satellite Launch Vehicle) from Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota, Andhra Pradesh today, 16 August 2024. This launch is an important step in India's space journey and has given a new direction to sending small satellites into space.
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