G20 क्या है? G20 या ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी, एक अंतर्राष्ट्रीय मंच है जिसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं। इसके सदस्य दुनिया के आर्थिक उत्पादन का लगभग 80 प्रतिशत और इसकी दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। बता दें कि G20 की स्थापना 1999 में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय स्थिरता और सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी।
जिसके लिए G20 प्रत्येक वर्ष वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित करता है जहां G20 के सदस्य देशों के नेता वैश्विक आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने और नीतियों और कार्यों पर निर्णय लेने के लिए एकत्रित होते हैं। गौरतलब है कि इस साल G20 2023 वार्षिक शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता भारत में की जा रही है।
G20 में कौन-कौन से देश शामिल है?
G20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राGल, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। दरअसल, G20 वार्षिक शिखर सम्मेलन के अलावा, वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों, शेरपाओं (नेताओं के प्रतिनिधि) और विशिष्ट विषयों पर कार्य समूहों सहित विभिन्न स्तरों पर साल भर में कई बैठकें भी आयोजित करता है।
शेरपा ट्रैक क्या है?
शेरपा ट्रैक एक G20 प्रक्रिया है जहां प्रत्येक सदस्य देश के उच्च स्तरीय सरकारी अधिकारी, जिन्हें शेरपा कहा जाता है। G20 शिखर सम्मेलन की तैयारी के लिए एक साथ काम करते हैं। भारत की अध्यक्षता के दौरान, प्राथमिकताओं पर चर्चा करने और शिखर सम्मेलन के लिए सिफारिशें प्रदान करने के लिए 13 कार्य समूह और 2 पहल की बैठक होगी। शेरपा ट्रैक का उद्देश्य शिखर सम्मेलन में नेताओं की चर्चाओं और निर्णयों को सूचित करना है।
शेरपा ट्रैक कृषि, भ्रष्टाचार-विरोधी, संस्कृति, डिजिटल अर्थव्यवस्था, आपदा जोखिम में कमी, विकास, शिक्षा, रोजगार, पर्यावरण और जलवायु स्थिरता, ऊर्जा संक्रमण, स्वास्थ्य, व्यापार और निवेश जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है।
वित्तीय ट्रैक क्या है?
G20 वित्त ट्रैक वित्त मंत्रियों, केंद्रीय बैंक के गवर्नरों, उनके प्रतिनिधियों और विभिन्न कार्यकारी समूहों की बैठकों के माध्यम से वैश्विक व्यापक आर्थिक मामलों को संबोधित करता है। फाइनेंस ट्रैक कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है, जैसे फ्रेमवर्क वर्किंग ग्रुप (एफडब्लयूजी), इंटरनेशनल फाइनेंशियल आर्किटेक्चर (आईएफए), इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप (आईडब्लयूजी), सस्टेनेबल फाइनेंस वर्किंग ग्रुप (एसएफडब्लयूजी), ग्लोबल पार्टनरशिप फॉर फाइनेंशियल इनक्लूजन (Gपीएफआई), ज्वाइंट वित्त और स्वास्थ्य कार्य बल, अंतर्राष्ट्रीय कराधान एजेंडा, वित्तीय क्षेत्र के मुद्दे।
G20 कैलेंडर के अनुसार, मार्च 2023 के लिए निम्नलिखित कार्यक्रम निर्धारित हैं
शेरपा ट्रैक
- 15 से 17 मार्च, 2023 तक - दूसरी शिक्षा कार्य समूह की बैठक अमृतसर में होगी।
- 27 से 29 मार्च, 2023 तक - दूसरी पर्यावरण और जलवायु कार्य समूह की बैठक गांधीनगर में होगी।
- 28 से 30 मार्च, 2023 तक - पहली व्यापार और निवेश कार्य समूह की बैठक मुंबई में होगी।
वित्त ट्रैक
- 20 मार्च, 2023 - दूसरी संयुक्त वित्त-स्वास्थ्य टास्क फोर्स की बैठक आभासी होगी।
- 21 से 23 मार्च, 2023 तक - दूसरी सस्टेनेबल फाइनेंस वर्किंग ग्रुप की बैठक उदयपुर में होगी।
- 24 से 25 मार्च, 2023 तक - दूसरी फ्रेमवर्क वर्किंग ग्रुप की बैठक चेन्नई में होगी।
- 28 से 29 मार्च, 2023 तक - दूसरी इन्फ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक विशाखापत्तनम में होगी।
अप्रैल 2023 में होने वाले G20 के कार्यक्रम इस प्रकार हैं
शेरपा ट्रैक
- 30 मार्च से 01 अप्रैल, 2023 तक - आपदा प्रबंधन कार्य समूह की 21वीं बैठक गांधीनगर में होगी।
- 01 अप्रैल से 04 अप्रैल, 2023 तक - दूसरी टूरिज्म वर्किंग ग्रुप मीटिंग सिलीगुड़ी/दार्जिलिंग में होगी।
- 02 अप्रैल से 04 अप्रैल, 2023 तक - दूसरी एनर्जी वर्किंग ग्रुप की बैठक गांधीनगर में होगी।
- 03 अप्रैल से 05 अप्रैल, 2023 तक - द्वितीय रोजगार कार्य समूह की बैठक गुवाहाटी में होगी।
- 06 से 09 अप्रैल, 2023 तक - विकास कार्य समूह की दूसरी बैठक कुमारकोम में होगी।
- 17 से 19 अप्रैल, 2023 तक - दूसरी डिजिटल अर्थव्यवस्था कार्य समूह की बैठक हैदराबाद में होगी।
- 17 से 19 अप्रैल, 2023 तक - दूसरी स्वास्थ्य कार्य समूह की बैठक गोवा में होगी।
- 17 से 19 अप्रैल, 2023 तक - कृषि प्रमुख वैज्ञानिकों की बैठक वाराणसी में होगी।
- 24 से 27 अप्रैल, 2023 तक - तीसरी शिक्षा कार्य समूह की बैठक भुवनेश्वर में होगी।
वित्त ट्रैक
- 12 से 13 अप्रैल, 2023 तक - वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की दूसरी बैठक वाशिंगटन डीसी में होगी।
कुल मिलाकर, इन बैठकों और कार्यकारी समूह के सत्रों का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सुगम बनाना और उन नीतियों को बढ़ावा देना है जो सतत और समावेशी आर्थिक विकास का समर्थन करती हैं।