बिहार तीसरे नंबर पर सबसे अधिक जनसंख्या वाला भारतीय राज्य है। बिहार में बक्सर की लड़ाई 1764 में हुई थी। उसी के बाद ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने बिहार के साथ कुछ अन्य राज्यों में दीवानी अधिकार पाया। दीवानी अधिकार का अर्थ राजस्व के लिए कर लेने का अधिकार है। बिहार को एक अलग प्रांत के तौर पर बनाया गया और 1912 में बिहार ब्रिटिश भारत की प्रसीडेंसी का हिस्सा बना। 1914 -16 में चमपारण में किसानों ने नील की खेती को लेकर विद्रोह किया। इसके बाद चमपारण सत्याग्रह की शुरूआत हुई। जिसमें कई बिहारी सेनानियों ने इसका समर्थन किया। 1936 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने लखनऊ अधिवेशन में अखिल भारतीय किसान सभा का गठन किया। इस अधिवेश के बाद किसान आंदोलन ने बिहार गति पकड़ी और पूरे भारत में तेजी से फैल गया। इस तरह से बिहार से कई आंदोलनों और संघर्षों की शुरूआत हुई। उसी तरह से कई ऐसे सेनानी हैं जो बिहार से थे और उन्होंने भारत की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आइए जाने बिहार के उन स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जिन्होंने भारत की आजादी के लिए संघर्ष किया।
1). कुंवर सिंह
जगदिशपुर के महाराजा कुंवर सिंह का जन्म 13 नवंबर 1777 में हुआ था। उन्हें बाबू कुंवर सिंह के नाम से भी जाना जाता है। वह 80 साल के थे जब 1857 की क्रांति की शुरूआत हुई और इस क्रांति में उन्होंने एक अहम भूमिका निभाई। 80 साल की उम्र में उन्होंने कुछ चुनिंदा हशियाबंद योद्धाओं के साथ मिलकर इस क्रांति में भाग लिया। इस युद्ध के दौरान 23 अप्रैल 1858 में उनकी मृत्यु हो गई।
2). राजेन्द्र प्रसाद
भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का जन्म 2 दिसंबर 1884 में हुआ था। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उन्होंने कांग्रेस पार्टी को ज्वाइन किया। इस स्वतंत्रता आंदोलन में उन्होंने बिहार और महाराष्ट्र के प्रमुख नेता की भूमिका निभाई। वह गांधी के सच्चे समर्थक थे। नमक सत्याग्रह में उनकी हिस्सेदारी के लिए उन्हें ब्रिटिश सरकार ने गिरफ्तार कर लिया था।
3). जगजीवन राम
बाबूजी के नाम से जानें जाने वाले जगजीवन राम का जन्म 5 अप्रैल 1908 में हुआ था। वह अछूतों के लिए समानता चाहते थें। 1935 में एक संगठन बनाया जिसका नाम था ऑल इंडिया डिप्रेस्ड क्लारेस लीग जिसमें उनका बड़ा योगदान था। ये संगठन अछूतों को समानता दिलाने के लिए बनाया गया। 1946 में उन्हें जवाहरलाल नेहरू की अंतरिम सरकार में शामिल होने का मौका मिला और वह उस सरकार में सबसे कम उम्र के श्रम मंत्री भी बने।
4). श्री कृष्ण सिंह
श्री बाबू के नाम से जानें जाने वाले श्री कृष्ण सिंह का जन्म 21 अक्टूबर 1887 में हुआ था। वह बिहार के पहले मुख्यमंत्री थे और दूसरे वित्त मंत्री थे। वह एक स्वतंत्रता सेनानी और वकिल भी थे। श्री बाबू जी वह प्रमुख नेता थे। जिन्होंने जमींदारी सिस्टम को खत्म किया था।
5). डॉ अनुग्रह नारायण सिन्हा
बिहार विभूति के नाम से जानें जाने वाले अनुग्रह नारायण सिन्हा का जन्म 18 जून 1887 में हुआ था। यह भारतीय स्वंतत्रता आंदोलन में शामिल थे और भारत की आजादी में एक अहम भूमिका निभाई थी। अनुग्रह नारायण सिन्हा बिहार के पहले उपमुख्यमंत्री और पहले वित्त मंत्री थे। कृष्ण सिंह और अनुग्रह नारायण सिन्हा ने मिलकर बिहार सरकार चलाई थी।
6). जयप्रकाश नारायण
जेपी और लोक नायक के नाम से जानें जाने वाले जयप्रकाश नारायण भारत के स्वतंत्रता सेनानी थे जो बिहार से थे। इनका जन्म 11 अकटूबर 1902 में हुआ था। उन्हें जनता का नेता (पीपल्स लीडर) माना जाता था। जेपी को 1999 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाई थी। वह एक राजनीतिज्ञ, एक्टविस्ट और थ्योरिस्ट थें।