UPSC Patna Bihar Toppers: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के अंतिम परिणाम 30 मई 2022 को घोषित कीये गए। उत्तर प्रदेश के बिजनौर की श्रुुति शर्मा ने ऑल इंडिया रैंक 1 प्राप्त करके यूपीएससी सिवल सेवा परीक्षा में टॉप किया। दूसरे पर बिहार की अंकिता अग्रवाल और तीसरे पर पंजाब की गामिनी सिंगला रहीं। बिहारीगंज के हार्डवेयर व्यवसायी मालीराम अग्रवाल की पोती अंकिता अग्रवाल ने सिविल सेवा परीक्षा में टॉप 10 में दूसरा स्थान प्राप्त कर बिहारीगंज का नाम रौशन किया। अंकिता ने अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने पिता मनोहर अग्रवाल तथा माता किरण अग्रवाल तथा अपने पूरे परिवार को दिया। अंकिता बचपन से मेधावी थी। उसका छोटा भाई आयुष अग्रवाल टाटा में एमबीए फाइनल ईयर में है। गौरतलब हो कि अंकिता के दादा बिहारीगंज के स्थाई निवासी है। यहीं पर रहकर वे अपना व्यवसाय करते थे। बाद में बच्चे कोलकाता में व्यापार करने लगे तो सभी वहीं शिफ्ट हो गए। इतनी बड़ी सफलता पर बिहारीगंज के व्यवसायियों ने भी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अंकिता को आशीष दिया है।
बिहार के इन जिलों में 11 ने पास सफलता
कोसी, सीमांचल और पूर्व बिहार के जिलों में 11 छात्र-छात्राओं ने यूपीएससी में सफलता पाई है। मूल रूप से मधेपुरा के बिहारीगंज की रहने वाली अंकिता अग्रवाल देश में दूसरे स्थान पर रही। उधर, खरीक प्रखंड के गणेशपुर गांव निवासी मंजीत कुमार को दूसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता मिली है। उन्हें 405वां रैंक मिला है। मंजीत हरियाणा के एनआई कुरुक्षेत्र से 2019 में बीटेक करने के बाद दिल्ली में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। मुंगेर से तीन छात्रों को सफलता मिली। जमालपुर की अंशु प्रिया ने 16वां रैंक हासिल किया है। अंशु प्रिया ने पहले प्रयास में यह सफलता हासिल की है। अंशु एम्स, पटना में डॉक्टर हैं। कोरोना के दौरान उन्होंने प्रशासनिक विफलता को देखते हुए सिविल सर्विसेज में जाने का फैसला किया। मुंगेर के शादीपुर के अक्षत आयुष को 104वां रैंक मिला है। उन्होंने भी पहले प्रयास में ही सफलता पाई है। इसके अलावा मुंगेर जिले के खड़गपुर के पहाड़पुर गांव के राज विक्रम को 436वां रैंक मिला है। उनका भी यह पहला प्रयास है।
पहले प्रयास में मिली सफलता
अररिया के आशीष कुमार को 85वां रैंक मिला है। यह उनका पहला प्रयास है। इन्होंने पहले बीपीएससी में सफलता हासिल की है। अररिया से सानू कुमार भगत ने चौथे प्रयास में 505वां रैंक हासिल किया है। किशनगंज डुमरिया प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका जूही कुमारी के पुत्र राज कृष्णा ने 158वां रैंक मिला है। चौथे प्रयास में सफलता मिली है। वह मूल रूप से नालंदा के हैं। सुपौल सदर प्रखंड स्थित हरदी पश्चिम पंचायत के हरदी गांव के विद्यासागर ने दूसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता पाकर ऑल इंडिया में 272 वां रैंक लाकर परचम लहराया है। सहरसा जिले के सलखुआ प्रखंड के सितुआहा गांव निवासी हेमंत कुमार को 327 वां रैंक मिला है। अभी वे फरीदाबाद में वित्त मंत्रालय में ट्रेनिंग ले रहे हैं। उनके पिता रामानुज प्रसाद यादव सेवानिवृत्त शिक्षक हैं। पूर्णिया के भवानीपुर के सुमित कुमार ठाकुर को 263वां स्थान मिला है। उनके पिता स्कूल में गाड़ी चलाते हैं।
बहन के साथ रहकर पढ़ाई की
पटना के बिस्कोमान कॉलोनी के रहने वाले आशीष ने पहले अटेंप्ट में यूपीएससी में 23वां रैंक प्राप्त किया है। आशीष ने नौकरी छोड़कर सितंबर 2020 से यूपीएससी की तैयारी शुरू की। कोविड के कारण उन्होंने कोई कोचिंग ज्वाइन नहीं किया, ओवरऑल उन्होंने अपनी तैयारी ऑनलाइन मीडियम के जरिए ही की है। आशीष पेशे से मेकेनिकल इंजीनियर थे। उन्होंने आईआईटी बीएचयू से मेकेनिकल इंजीनियरिंग की है। उन्होंने बताया कि हमेशा से मेरे दिमाग में सिविल सर्विसेज की परीक्षा देने की लालसा थी। लेकिन नौकरी के दौरान लगा मुझे लगा मुझे यूपीएससी करनी है और मैं तैयारी में जुट गया। मैंने बैंगलोर में अपनी बहन के साथ रहकर पढ़ाई शुरू की।
ऑनलाइन पढ़ाई से मिली मदद
ऑनलाइन मोड में युट्युब, कुछ ऑनलाइन क्लासेस और अन्य सोर्स से मैंने तैयारी की। आशीष बताते हैं कि बिहार में काम करना उनकी पहली च्वाइस होगी। उन्हें आटर्स और लिट्रेचर में बहुत रूची है तो वो शिक्षा के क्षेत्र में काम करना चाहते हैं और मौजूदा हालात को समझकर में जरूरी बदलाव करने की कोशिश करेंगे। जॉन ऑलिया, इरफान सिद्दिकी और कलिम अजिज उनके पसंदिदा पोएट हैं। तैयारी के दौरान वो अकसर थोड़ा रिलैक्स होने के लिए इनकी कविताओं को पढ़ते थे। आशीष ने अपनी 12वीं की पढ़ाई केशव सरस्तवी विद्या मंदीर से की है। इसके बाद वो आईआईटी बीएचयू में मेकेनिकल इंजीनियरिंग पढ़ने चले गए। आशीष ने अन्य एसिपेरेंट को टिप्स देते हुए कहा कि अपने आप पर भरोसा करना बहुत जरूरी है।
श्रुति राजलक्ष्मी को 5वां रैंक मिला
पटना की श्रुति राजलक्ष्मी को यूपीएससी में 25वां रैंक हासिल हुआ है। श्रुति ने प्री की तैयारी झारखंड से तैयारी की। मेंस की तैयारी के लिए दिल्ली गई। उन्होंने बताया की तैयारी का एक ही फार्मूला। लगातार पढ़ाई और रिवीजन। ज्यादा किताबों का मतलब ज्यादा कंफ्यूजन होता है। जब से तैयारी शुरू की सबसे पहले अपना सोशल मीडिया अकाउंट डिएक्टिवेट किया। व्हाट्सएप पर भी नहीं थी। श्रुति का मानना है कि 8 घंटे से कम पढ़ाई में यूपीएससी निकालना मुश्किल है। वह कोचिंग सिर्फ टेस्ट सीरीज के लिए गई। उन्होंने बताया कि ज्यादा जरूरत टेक्नाेलॉजी को ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए आईआईटी के बाद मैंने यूपीएससी की तैयारी की।
कर्मवीर केशव को 170वां रैंक मिला
जिद हो तो कुछ भी संभव है। ये पंक्ति पटना के कर्मवीर केशव पर सटीक बैठती हैं। 12वीं के बाद जब आईआईटी न मिलकर एनआईटी कॉलेज मिला तभी कर्मवीर ने ठाना था कि जो सबसे मुश्किल परीक्षा है उसको पास कर के रहूंगा। उसके बाद 2017 से मैंने तैयारी शुरू की। इस बीच 2018 में यूपीपीएससी में एआईआर 5वां रैंक पाया। 2019 में इंडियन फॉरेस्ट सर्विस में एआईआर 48वां रैंक प्राप्त किया। हर बार यूपीएससी के इंटरव्यू स्टेज तक पहुंचकर खाली हाथ लौटना पड़ा। लेकिन ठान उन्होंने लिया था कि तबतक नहीं रुकना है जबतक सफल न हो जाऊं। उन्हें 170 वां रैंक मिला है।
शुभंकर प्रत्यूष को 11वीं रैंक
पताही प्रखंड की पदुमकेर पंचायत के नारायणपुर गांव निवासी आरके पाठक के पुत्र शुभंकर प्रत्यूष पाठक ने यूपीएससी 2021 की परीक्षा में देश में 11वां रैंक लाया है। शुभंकर दो भाई हैं। छोटे भाई का नाम अभिषेक प्रतीक है। दोनों भाई आईआईटीयन हैं। आईआईटी पास करने के बाद शुभंकर को यूपीएससी में सफलता मिली है। उनके पिता भारत सरकार के तकनीकी विकास बोर्ड में सचिव हैं।
अभिनव को मिली 146वीं रैंक
यूपीएससी में 146वीं रैंक हासिल करने वाले बिहार मुजफ्फरपुर के रहने वाले अभिनव ने कहा कि बिहार में सरकारी नौकरी को लेकर गजब का क्रेज है। यह तस्वीर बदलनी चाहिए। वह भले ही यूपीएससी में सफल हो गए हैं लेकिन उनका युवाओं के लिए एक ही मंत्र है अपने लिए नौकरी खोजने की बजाए दूसरों को रोजगार देने लायक बनो। कहा कि उसने खुद का स्टार्टअप शुरू किया था।
महिला एवं बाल विकास निगम के द्वारा मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना के तहत नव स्वीकृत सिविल सेवा प्रोत्साहन राशि योजना के द्वारा सिविल सेवा में राज्य की सामान्य और पिछड़े वर्ग की महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए, इस वर्ष इस योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना के अंतर्गत निगम के द्वारा प्रारंभिक परीक्षा में सफल 22 अभ्यर्थियों को 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई थी। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 के फाइनल रिजल्ट में निगम द्वारा सिविल सेवा प्रोत्साहन राशि योजना के अंतर्गत पुरस्कृत 22 में से 5 महिलाएं यूपीएससी में चयनित हुई हैं। इसमें अंशु प्रिया को आल इंडिया में 16 वा रैंक प्राप्त हुआ है। सहरसा की शैलजा को 83वां रैंक, मुजफरपुर की शिवानी को 122वां रैंक, पटना की प्रिया रानी को 284वां रैंक और कैमूर की साक्षी कुमारी को 330वां रैंक प्राप्त हुआ है। सभी चयनित अभ्यर्थी सामान्य वर्ग से हैं।