UPSC Civil Services Result 2022 Analysis यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के सोमवार को जारी अंतिम नतीजों में यूपी के बिजनौर की श्रुुति शर्मा ने टॉप किया। यही नहीं, टॉप-3 में सभी लड़कियां हैं। दूसरे पर बिहार की अंकिता अग्रवाल और तीसरे पर गामिनी सिंगला रहीं। 4 साल बाद किसी लड़की ने यूपीएससी में टॉप किया है। 2016 में नंदिनी टॉपर रही थीं। 2010 से 2021 के बीच 7 बार लड़कियां यूपीएससी टॉपर रह चुकी हैं। लगातार दूसरे साल टॉप-50 में 19 लड़कियां रहीं। पहले प्रयास में एक नंबर से चूकी श्रुति दूसरे प्रयास में टॉपर बन गईं।
इंटरव्यू के बाद बेहद निराश थी। खूब रोई थी, पर फाइनल रिजल्ट से बहुत खुश हूं। रिजल्ट आने के बाद कम से कम 10 बार अलग-अलग स्रोतों से इसे कन्फर्म किया। पढ़ने में कभी घंटे नहीं गिने। एकाग्रता पर फोकस किया। नोट्स बनाए। इतिहास से संबंधित अखबार की खबरों पर रोज फोकस किया। इससे निबंध में काफी मदद मिली। मां पढ़ाई को लेकर हमेशा सख्त रहीं, ये उसी का नतीजा है।
सिविल सेवा-2021 के नतीजों में डीयू व आर्ट्स स्ट्रीम का दबदबा रहा। टॉपर श्रुति शर्मा ने दिल्ली की दो सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की है। सेंट स्टीफेंस कॉलेज से हिस्ट्री ऑनर्स, जेएनयू से एमए की अधूरी पढ़ाई की और जामिया मिलिया इस्लामिया के रेजिडेंशियल इंस्टीट्यूट से कोचिंग की। इस बार टॉप-20 में डीयू के 7 पूर्व छात्र हैं, जिनमें से 4 ने सेंट स्टीफेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। टॉप-20 में 14 आर्ट्स बैकग्राउंड से हैं। सबसे अधिक 4 उम्मीदवार सोशियोलॉजी विषय से सफल हुए हैं। हिंदी मीडियम से परीक्षा देने वाले श्रीगंगानगर के रवि कुमार ने 18वीं रैंक पाई। 2015 में निशांत जैन की 13वीं रैंक थी।
जामिया की कोचिंग से टॉपर श्रुति समेत 23 छात्र सफल
जामिया मिल्लिया इस्लामिया की आवासीय कोचिंग अकादमी से इस बार टॉपर श्रुति सहित 23 छात्रों ने यूपीएससी में सफलता पाई। इनमें 9 छात्राएं हैं। यहां हर साल एससी, एसटी, अल्पसंख्यक समुदाय व महिला छात्रों को सिविल सेवा की मुफ्त कोचिंग दी जाती है। यहां क्लासरूम कोचिंग के अलावा सातों दिन 24 घंटे पुस्तकालय की सुविधा है। यहां 200 सीटें हैं। पहले प्रयास में श्रुति ने गलती से अंग्रेजी की जगह हिंदी मीडियम भर दिया था, जबकि पढ़ाई अंग्रेजी में की थी। इसलिए चूक गई थीं।
टॉप-20 में सबसे ज्यादा ने सोशियोलॉजी विषय चुना
रैंक-1; श्रुति शर्मा, सेंट स्टीफेंस से हिस्ट्री ऑनर्स, जेएनयू से एमए की अधूरी पढ़ाई की। जामिया के रेजिडेंशियल इंस्टीट्यूट से कोचिंग।
रैंक-2; अंकिता अग्रवाल, सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स ऑनर्स किया। पॉलिटिकल साइंस एंड इंटरनेशनल रिलेशंस विषय से परीक्षा दी थी।
रैंक-7; सम्यक जैन, डीयू से इंग्लिश ऑनर्स किया। वे दिव्यांग श्रेणी में अव्वल रहे।
रैंक-8; इशिता राठी, डीयू के लेडी श्रीराम कॉलेज से इकोनॉमिक्स ऑनर्स किया है।
रैंक-10; हरकीरत सिंह रंधावा, सेंट स्टीफेंस कॉलेज से हिस्ट्री ऑनर्स किया है।
रैंक-12; यशार्थ शेखर ने भी सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इकॉनोमिक्स ऑनर्स किया है।
रैंक-17; महक जैन, हंसराज से ग्रेजुएशन व जामिया से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एमए।
7 साल बाद हिंदी मीडियम से परीक्षा देने वाला टॉप-20 में
गामिनी (रैंक-3), यक्ष (रैंक-6), प्रियंवदा (रैंक-13) और अभिनव (रैंक-14) ने सोशियोलॉजी से परीक्षा दी थी।
यूपीएससी रिजल्ट में महिलाओं का दबदबा
यूपीएससी की परीक्षा का परिणाम सोमवार को जारी हुआ। इसमें पहले चार स्थानों पर छात्राओं ने जगह बनाई है। यूपीएससी की पिछली 24 परीक्षाओं के परिणाम के आंकड़े बता रहे हैं कि 12 बार इसमें महिलाओं को सर्वोत्तम स्थान मिला है, जबकि 12 बार ही पुरूष उम्मीदवार टॉप पर रहे हैं। हालांकि टॉप करती इन महिला उम्मीदवारों के सुकून देते आंकड़ों से इतर एक आंकड़ा यह भी है कि आज भी देश में मौजूद आईएएस अधिकारियों में महिलाओं की संख्या 20 फीसदी भी नहीं है और 80 फीसदी से अधिक पुरूष मौजूद हैं।
1999 के बाद बदले हालात : 1972 से लेकर अब तक यूपीएससी की 40 परीक्षाओं के परिणाम जारी हुए हैं। इसमें सिर्फ 12 परीक्षाएं ही ऐसी रही हैं, जिनमें महिलाएं रैंक वन पाने में सफल रही हैं। इसमें भी 1972 से 1997 तक हुई 16 परीक्षाओं में एक में महिला टॉपर रही।