Internet Of Things Meaning UPSC इंटरनेट ऑफ थिंग्स क्या है? वर्तमान में "इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स" बेहद ही रोचक विषय बना हुआ है। नेटवर्किंग क्षेत्र में इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स को बड़ी सफलता के रूप में देखा जाता है। दैनिक जीवन में इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक उपकरणो, स्मार्ट डिवाइस एवं गैजेट्स को आपस में जोड़ने के लिए किया जाता है जिसकी मदद से इस नेटवर्क में जुडी डिवाइस एक दूसरे को डाटा भेजती हैं एवं डाटा प्राप्त करती हैं। इस क्षेत्र में हो रहे शोध आने वाले समय में हमारी जीवन शैली को बिल्कुल ही बदल देगे।जरा सोचिये कि जब आप अपने ऑफिस में या घर पर अपने रूम में जाते हो और लाइट,एयर कंडीशनिंग स्वयम से एडजस्ट हो जाये। यह एक छोटा सा उदाहरण है। इस नेटवर्क में जुडी डिवाइस अपने डाटा को डिजिटल रूप में परिवर्तित परिवर्तित करके एक दुसरे के साथ आपस में कम्यूनिकेट कर सकती हैं और इनको इन्टरनेट से जोड़ा जा सकता है।
कहने को तो इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स एक नया क्षेत्र है लेकिन इसकी शुरुवात आरएफआईडी के समय से ही हो चुकी थी।यदि हम अपने घरो में प्रयोग होने वाली मशीनों जैसे एसी, वाशिंग मशीन,टीवी,फ्रीज़ ,आदि को एक यूनिक एड्रेस दे दे तो हम इनको सेंसर टेक्नोलॉजी एवम वायरलेस नेटवर्क की मदद से आपस में कनेक्ट कर सकते हैं एवं इन सभी मशीनों को कंप्यूटर की मदद से ऑपरेट कर सकते हैं। बस यही से कुछ शुरुवात हुयी इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स की। जब भी कोई नया आविष्कार होता है या कोई नयी तकनीक प्रयोग में आती है तो उसके पीछे एक सोच होती है वह तकनीक जिसे अब लाखो करोडो लोग इस्तेमाल कर रहे हैं कभी न कभी किसी का सिर्फ एक आईडिया मात्र थी।साथ ही साथ उस सोच के साथ होते हैं मानव मष्तिष्क में उमड़ते अनगिनत सवाल। ऐसा ही कुछ इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स के साथ है।
जहा एक सोच है कि अगर हम अपने दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाली मशीनों को कनेक्ट कर सकते हैं? यदि हाँ तो कैसे? किस प्रकार का वायरलेस नेटवर्क बनाये जिसमे इनको जोड़ा जा सकते और इनके बीच कम्युनिकेशन हो सके? वर्तमान में इंटरनेट का जो ढांचा जो इंफ्रास्ट्रक्चर है उसमे किस तरह से सुधार किये जाये कि इन सभी मशीनों को इन्टरनेट से जोड़ा जा सके ? इन सभी मशीनों को वायरलेस एनवायरनमेंट में पावर सप्लाई कैसे दी जा सकती है ? इस तकनीक को कॉस्ट इफेक्टिव कैसे बनाया जा सके ? इन सभी सवालों के जवाब ढूंढने हेतु शोध हो रहे हैं।
दैनिक जीवन में इंटरनेट ऑफ थिंग्स के अनुप्रयोग इस प्रकार हैं
स्मार्ट घर
वर्तमान समय में इंटरनेट ऑफ थिंग्स की मदद से हम घर को स्मार्ट घर बना सकते हैं। घर को स्मार्ट बनाने के लिए हम घर के सारे उपकरणों को इंटरनेट के साथ जोड़ सकते हैं। ये उपकरण सेंसर की मदद से ही घर की हीटिंग, एसी, घर के दरवाजों इत्यादि को नियंत्रित करते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि आप घर पर नहीं हैं और आप घर का कोई दरवाजा खुला छोड़कर चले गए हैं तो ऐसे में अगर उस दरवाजे पर सेंसर लगा होगा तो वो अपने आप ही कुछ समय बाद बंद हो जाएगा। इसके लिए आप अपने मोबाइल फ़ोन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं एवं अपने घर से दूर होते हुए भी मोबाइल फ़ोन की मदद से घर के दरवाजे को बंद कर सकते हैं, सिर्फ घर के दरवाजे को ही नहीं बल्कि एसी , वाशिंग मशीन , फ्रिज आदि को भी घर से दूर रहते हुए भी मोबाइल से नियंत्रित कर सकते हैं।
स्मार्ट ऑफिस
वर्तमान में इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स की मदद से इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणो को आपस में जोड़कर ऑफिस को भी स्मार्ट बनाया जा रहा है। बॉस घर बैठे बैठे अपने ऑफिस में कार्य क्र रहे कर्मचारियों की गतिविधियों पर भी नज़र रख सकता है, वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से मीटिंग कर सकता है।
कृषि क्षेत्र में
वर्तमान में कृषि क्षेत्र में भी इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स का उपयोग होने लगा है। खेत में पानी देने के लिए किसान टयूबबेल का उपयोग करते हैं। इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स की मदद से किसान टूयबबेल को घर बैठे बैठे अपने मोबाइल फ़ोन से ऑपरेट कर सकता है। साथ ही साथ सेंसर नेटवर्क की मदद से खेत में लगे सेंसर्स के माध्यम से भूमि की आद्रता, सूखापन, हवा इत्यादि से जुडी जानकारियां अपने मोबाइल में प्राप्त कर सकता है जिसकी मदद से फसल की सही देखभाल करके किसान उपज को बढ़ा सकता है ।
चिकत्सा के क्षेत्र में
चिकत्सा के क्षेत्र में में इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स का उपयोग किये जाने लगा है जिसमे बॉडी सेंसर नेटवर्क का उपयोग सबसे अधिक लोकप्रिय है। इसकी मदद से मरीज के शरीर पर लगे सेंसर उसकी हेल्थ जैसे शरीर के तापमान, धड़कनो की गति, ब्लड प्रेशर आदि बारे में जानकरी जुटाकर डॉक्टर के मोबाइल या कंप्यूटर सिस्टम पर भेज सकते हैं एवं डॉक्टर घर बैठे ही मरीज की तबियत के बारे में जान सकता है।
इंटरनेट ऑफ थिंग्स का भविष्य
आज के समय में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स के अंतर्गत आने वाले वाले उपकरणो की मांग बढ़ती जा रही। आने वाले समय से ये संख्या इस समय की संख्या से 26 गुना बढ़ जाएगी। इसके अलावा आईओटी का वैश्विक बाजार मूल्य 2022 तक 7.1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। वहीं इन आकड़ों से आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में इस तकनीक की कितनी मांग होने वाली है।