What Is PM Vishwakarma Yojana/Benefits of PM Vishwakarma Yojana: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 13,000 करोड़ रुपये की पीएम विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना से बुनकरों, सुनारों, लोहारों, कपड़े धोने वाले धोबी और नाई सहित लगभग 30 लाख पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को लाभ मिलेगा।
मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में पीएम विश्वकर्मा योजना की घोषणा की थी।
प्रधानमंत्री ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पारंपरिक कौशल कार्यों से जुड़े लोगों के समर्थन और उनकी सहायता करने के लिए 'पीएम विश्वकर्मा' योजना को मंजूरी दी है। इसके तहत कौशल कार्यों से जुड़े कामगारों का कौशल विकास में उनकी मदद की जायेगी। इस योजना को लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया से कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत, कुछ शर्तों पर 1 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जायेगा।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना के तहत, शिल्पकारों को पहली किश्त में 1 लाख रुपये और दूसरी किश्त में 2 लाख रुपये का रियायती ऋण प्रदान किया जायेगा। शिल्पकारों और कौशलगारों को यह ऋण 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर प्रदान किया जायेगा।
आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना में कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखा जायेगा। इसके अंतर्गत चिन्हित किये गये वर्गों के कारीगरों और श्रमिकों का कौशल विकास किस प्रकार हो रहा है और उन्हें नए उपकरणों एवं डिजाइनों की जानकारी सही से मिल रही हो, इन बातों का खास ख्याल रखा जायेगा।
क्या है पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना
कौशल सम्मान के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना की घोषणा इस वर्ष बजट सत्र में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा की गई थी। यह एक कल्याणकारी योजना है, जिससे पारंपरिक तौर पर कौशल कार्यों से जुड़े समुदाय के लोगों का कौशल विकास के लिए उनकी सहायता की जायेगी। पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत निर्माण कार्यों से जुड़े, जैसे सुनार, लोहार, बुनकर समेत अन्य कई शिल्पकारों को तकनीकी विकास और उन्नत पद्धति सीखाने एवं परंपरागत कारीगरी को जिवित रखने के लिए उनकी मदद की जायेगी। इसके लिए उन्हें सरकार की ओर से कम ब्याज दरों पर ऋण उपलब्द्ध कराया जायेगा।
पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य क्या है
पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य गुरु-शिष्य परंपरा या अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों द्वारा पारंपरिक कौशल के परिवार-आधारित अभ्यास या व्यवसाय को मजबूत और पोषित करना है। इस योजना का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की पहुंच के साथ-साथ गुणवत्ता में सुधार करना और यह सुनिश्चित करना है कि विश्वकर्मा घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ एकीकृत हों।
पीएम विश्वकर्मा योजना के माध्यम से देश के सभी पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को उन्नत शैली की तमाम सुविधाएं प्रदान की जाएगी। इस कौशल विकास योजना का उद्देश्य कारीगरों के कौशल विकास करना है ताकि उन्हें उनके उत्पादन का अच्छा मूल्य प्राप्त हो सके और उनकी शिल्पकला को जीवित रखा जा सके। इस योजना से कारीगरी का कार्य करने वाले श्रमिकों को बेहतर कमाई का जरिया उपलब्द्ध कराया जायेगा। इसके साथ ही श्रमिकों तथा निर्माण कार्य करने वाले कारीगरों को उनके प्रोडक्ट में क्वालिटी सुधार करने संबंधी प्रशिक्षण भी दी जायेगी।
पीएम विश्वकर्मा योजना का क्या है लाभ
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत, कारीगर और शिल्पकार श्रमिकों के कौशल में वृद्धि करने के लिए उन्हें पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड के माध्यम से मान्यता प्रदान की जायेगी। इस योजना के अंतर्गत श्रमिकों या कारीगरों या शिल्पकारों को 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर के साथ 1 लाख रुपये (पहली किश्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक की क्रेडिट सहायता प्रदान की जायेगी। यह योजना आगे कौशल उन्नयन, टूलकिट प्रोत्साहन, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता प्रदान करेगी।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों द्वारा उपकरणों की खरीददारी में भी उनकी सहायता की जायेगी। इसके अंतर्गत दो प्रकार के कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शामिल होंगे, जिसमें पहला बेसिक और दूसरा एडवांस प्रशिक्षण कार्यक्रम होगा। इस कोर्स को करने वालों को मानदेय अर्थात स्टाइपेंड भी मिलेगा। वैष्णव ने यह भी बताया कि कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को प्रतिदिन के हिसाब से 500 रूपये मानदेय दिया जायेगा।
पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों की कारीगरों और श्रमिकों की आवश्यकताओं को पूरा करेगा, जिससे सालाना लगभग 15,000 नागरिकों को रोजगार के अवसर मिल सकेंगे। यह योजना कारीगरों को एमएसएमई क्षेत्र में एकीकृत करती है, जिससे उन्हें बाजार की समझ होगी और संसाधनों तक पहुंचने में मदद मिलेगी। यह योजना स्वरोजगार और पारंपरिक श्रमिकों के विकास को बढ़ावा देती है। पारंपरिक कौशल को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए वित्त पोषण दिया जायेगा। इस योजना से पारंपरिक शिल्प में संलग्न होने और रुचि बढ़ाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जायेगा। कारीगरों के जीवन स्तर में सुधार होगा। इस योजना के तहत योग्य व्यक्तियों को 15,000 रुपये से 1 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जायेगी।
PM Vishwakarma Yojana कौन से व्यवसाय हैं शामिल
पीएम विश्वकर्मा योजना पूरे भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान करेगी। पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत पहली बार में अठारह पारंपरिक व्यापारों को शामिल किया जाएगा।
इन व्यवसायों में शामिल हैं-
(1) बढ़ई (सुथार)
(2) नाव निर्माता
(3) कवचधारी
(4) लोहार
(5) हथौड़ा और टूल किट निर्माता
(6) ताला बनाने वाला
(7) गोल्डस्मिथ या सोनार
(8) कुम्हार
(9) मूर्तिकार (मूर्तिकार, पत्थर तराशने वाला), पत्थर तोड़ने वाला
(10) मोची (चार्मकार)/जूता कारीगर/जूते कारीगर
(11) मेसन (राजमिस्त्री)
(12) टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/कॉयर बुनकर
(13) गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक)
(14) नाई
(15) माला बनाने वाला (मालाकार)
(16) धोबी
(17) दर्जी
(18) मछली पकड़ने का जाल निर्माता
PM Vishwakarma Yojana पात्रता मापदंड क्या है
पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना के लिए पात्र होने के लिए आवेदकों को भारतीय नागरिक होना चाहिए।
विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक को पारंपरिक कारीगर या शिल्पकार होना चाहिए।
पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना में आवेदन करने के लिए कोई आयु प्रतिबंध निर्दिष्ट नहीं है।
PM Vishwakarma Yojana आवेदन कैसे करें
पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना के तहत कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने की इच्छा रखने वालों को पीएम विश्वकर्मा योजना ऑनलाइन पंजीकरण फॉर्म भरना होगा। फिलहाल, योजना की घोषणा हो चुकी है, लेकिन पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के संबंध में जानकारी जारी किया जाना बाकी है। एक बार ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू होने पर करियर इंडिया हिन्दी द्वारा इस संबंध में तमाम जानकारी प्रदान की जायेगी।
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