पीएचडी जूलॉजी 3 साल की अवधि का कोर्स है जो कि उन छात्रों के लिए डिजाइन किया गया है जो जूलॉजी से संबंधित विषयों में रिसर्च करने में रूचि रखते हो। जैसा कि नाम से ही प्रतित होता है जूलॉजी यानि के जानवरों का अध्ययन, इस कोर्स में जानवारों का स्ट्रक्चरल वर्गीकरण और पर्यावरण में उनके अस्तित्व का विज्ञान शामिल है। बता दें कि जूलॉजी स्टडी को कई उप शाखाओं में बांटा गया है, जैसे: इचिथोलॉजी: मछली और उनके आवास का अध्ययन, ऑर्निथोलॉजी: पक्षियों का अध्ययन और मेमोलॉजी: मैमल्स का अध्ययन।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी जूलॉजी से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर जूलॉजी में पीएचडी के करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में जूलॉजी में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलोसफी इन जूलॉजी
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 साल
• एलिजिबिलिटी- पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम और इंट्रव्यू बेस्ड
• कोर्स फीस- 2,000 से 8,00,000 तक
• अवरेज सैलरी- 1 लाख से 6 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- एनिमल केयरटेकर, कंजर्वेशनिस्ट, एनिमल रिहैबिलिटेटर, डॉक्यूमेंट्री मेकर, एनिमल एंड वाइल्डलाइफ एजुकेटर, फोरेंसिक एक्सपर्ट, एनिमल ट्रेनर, लैब टेक्नीशियन, जू क्यूरेटर, एनिमल ब्रीडर, रिसर्चर, एनिमल, बिहेवियरिस्ट, वाइल्डलाइफ बायोलॉजिस्ट, वेटरनेरियन, जू कीपर आदि।
• जॉब फील्ड- वन्यजीव अभयारण्य, राष्ट्रीय उद्यान, वनस्पति उद्यान, चिड़ियाघर, अनुसंधान प्रयोगशालाएं, एक्वैरियम, पशु क्लीनिक, मत्स्य पालन और जलीय कृषि, संग्रहालय, फार्मास्युटिकल कंपनियां, पशु चिकित्सा अस्पताल आदि।
पीएचडी जूलॉजी: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के संबंधित विषय में मास्टर डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी जूलॉजी में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• जबकि आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% छूट मिलती है।
• इसमें एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवारों के पास संबंधित विषय रिसर्च का कम से कम 5 साल का अनुभव होना चाहिए।
पीएचडी जूलॉजी: एडमिशन प्रोसेस
पीएचडी जूलॉजी में एडमिशन प्रोसेस कॉलेज से कॉलेज में भिन्न होती है। ज्यादातर कॉलेजों में जूलॉजी में पीएचडी करने के लिए एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर एडमिशन होता है। भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है।
चरण 1: रजिस्ट्रेशन प्रोसेस
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी जूलॉजी में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। एंट्रेंस एग्जाम के लिए छात्रों को रजिस्ट्रेशन करना होता है और रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी जूलॉजी के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी (नेट/जेआरएफ), सीएसआईआर (नेट/जेआरएफ), आईसीएआर (जेआरएफ/एसआरएफ), एसएलईटी, गेट, जीपीएटी, आईसीएआर आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे व्यक्तिगत साक्षात्कार के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है। जिसके बाद छात्रों को उनकी रैंक अनुसार कॉलेज आवंटित किए जाते हैं। रिजल्ट चैक करने के लिए छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम, एमएस टीम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर जूलॉजी का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी जूलॉजी: सिलेबस
जूलॉजी में पीएचडी का सिलेबस छात्रों की रुचि अनुसार हर कॉलेज में अलग हो सकता है जबकि सामान्य सिलेबस निम्नलिखित है।
- इकोलॉजी
- एंडोक्रिनोलॉजी
- एंटोमोलॉजी
- एंवायरमेंटल बायोलॉजी एंड टोक्सीकोलॉजी
- फिशरिस एंड एक्वाकल्चर
- जेनेटिक्स एंड मोलिक्यूलर बायोलॉजी
- इंयूनोलॉजी
- वाइल्डलाइफ बायोलॉजी
- स्टेम सेल्स एंड डेवलेपमेंटल बायोलॉजी
आमतौर पर कॉलेज फैक्लटी पीएचडी करने वाले छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी जूलॉजी: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- लोयोला कॉलेज, चेन्नई- फीस 7,200
- क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बैंगलोर- फीस 52,000
- प्रेसीडेंसी कॉलेज, चेन्रई- फीस 3,000
- रामकृष्ण मिशन विवेकानंद कॉलेज, चेन्नई- फीस 3,000
- जादवपुर विश्वविद्यालय, कोलकत्ता- फीस 3,000
- आईआईटी कानपुर, उत्तर प्रदेश- फीस 29,000
- नॉर्थ कैप यूनिवर्सिटी, गुरुग्राम- फीस 72,000
- शिव नादर विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा- फीस 1,23,000
- बीआईटी मेसरा, रांची- फीस 59,000
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी- फीस 7,000
पीएचडी जूलॉजी: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- एनिमल केयर टेकर- सैलरी 3,20,000
- कंर्सवेशनटिस्ट- सैलरी 5,80,000
- फॉरेंसिक एक्सपर्ट- सैलरी 6,35,000
- वाइल्डलाइफ बायोलॉजिस्ट- सैलरी 8,20,000
- जुकीपर- सैलरी 7,50,000