पीएचडी का मतलब डॉक्टरेट इन फिलॉसफी है जिसे उच्चतम क्रम की डिग्री माना जाता है। यह भूगोल, गणित, भौतिकी और जीव विज्ञान जैसे विभिन्न विषयों में और यहां तक कि फ्रेंच, जर्मन, अंग्रेजी और उर्दू आदि भाषाओं में भी किया जा सकता है। बता दें कि पीएचडी इन उर्दू 3 से 4 साल तक की अवधि का एक शोध आधारित डॉक्टरेट स्तर का कोर्स है जो कि फुल-टाइम और पार्ट टाइम दोनों मोड से किया जा सकता है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इन उर्दू से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर उर्दू में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में उर्दू में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन उर्दू
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 से 4 साल तक
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 2,000 से 2,00,000 तक
• अवरेज सैलरी- 2 से 10 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- सहायक प्रोफेसर, भाषा प्रशिक्षक, रिपोर्टर, अनुवादक, संपादक, ग्राहक सहायता कार्यकारी, ट्यूटर, शोधकर्ता आदि।
• जॉब फील्ड- विश्वविद्यालय, कॉलेज, समाचार चैनल, दूतावास, ट्यूशन, भाषा अकादमी आदि।
पीएचडी इन उर्दू: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास उर्दू से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन या एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इन उर्दू में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 50% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंकों की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
पीएचडी इन उर्दू: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी इन उर्दू कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी इन उर्दू के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी इन उर्दू में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन उर्दू के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी नेट, सीएसआईआर नेट, गेट जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर उर्दू का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी इन उर्दू: सिलेबस
सेमेस्टर 1
- अनुसंधान क्रियाविधि
- अनुसंधान की विधि
- अनुसंधान समस्या की पहचान, गठन और परिसीमन
- अनुसंधान प्रस्ताव
- अनुसंधान के उपकरण
सेमेस्टर 2
- उर्दू का साहित्यिक इतिहास
- साहित्यिक इतिहास का अर्थ और दायरा
- उर्दू साहित्यिक इतिहास की विभिन्न अवधारणाएं
- उर्दू साहित्य के साहित्यिक काल और उनका महत्व
- साहित्यिक विद्यालय और उनका महत्व
सेमेस्टर 3
- दक्कनी साहित्य का अध्ययन
- दक्कन में उर्दू साहित्य की शुरुआत और मूल्यांकन
- दक्कनी भाषाविज्ञान की मुख्य विशेषताएं
- उर्दू साहित्य का फार्म "मथनवी"
सेमेस्टर 4
- उर्दू साहित्यिक आलोचना और अनुसंधान का इतिहास
- साहित्यिक आलोचना का महत्व
- उर्दू साहित्यिक आलोचना के सिद्धांत
- साहित्यिक आलोचना के स्कूल के विभिन्न विचार
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी इन उर्दू: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- दिल्ली विश्वविद्यालय- फीस 20000
- जामिया मिलिया इस्लामिया- फीस 30000
- जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय- फीस 1381
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय- फीस 9000
- अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय- फीस 9285
- पंजाब विश्वविद्यालय- फीस 14500
- हैदराबाद विश्वविद्यालय- फीस 8980
- जम्मू विश्वविद्यालय- फीस 75000
- मद्रास विश्वविद्यालय- फीस 10970
- उस्मानिया विश्वविद्यालय- फीस 1000
- कलकत्ता विश्वविद्यालय- फीस 4400
- क्वीन्स मैरी कॉलेज- फीस 1335
- मुंबई विश्वविद्यालय- फीस 2000
- पटना विश्वविद्यालय- फीस 9000
- मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय- फीस 9000
- इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय- फीस 35500
पीएचडी इन उर्दू: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- उर्दू राइटर- सैलरी 4 लाख
- एडिटर- सैलरी 3 लाख
- प्राइवेट ट्यूटर- सैलरी 2 लाख
- टीचर- सैलरी 3 लाख
- प्रोफेसर- सैलरी 6 लाख
- कंटेंट राइटर- सैलरी 5 लाख
- हेड ऑफ डिपार्टमेंट- सैलरी 13 लाख
- ट्रांसलेटर- सैलरी 5 लाख