सोशल वर्क में पीएचडी कैसे करें (Career in PHD Social Work)

डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन सोशल वर्क एक शोध आधारित डॉक्टरेट स्तर का कोर्स है। पीएचडी इन सोशल वर्क 3 से 5 साल तक की अवधि का कोर्स है जो कि फुल टाइम और पार्ट टाइम दोनों मोड से किया जा सकता है। यह कोर्स विशेष रूप से उन सामाजिक कार्यकर्ता के लिए डिज़ाइन किया गया है जो कि सामाजिक समस्याओं पर स्वयं शोध करने में रुचि रखते हो।

चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इन सोशल वर्क से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर सोशल वर्क में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में सोशल वर्क में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।

सोशल वर्क में पीएचडी कैसे करें

• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन सोशल वर्क
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 से 6 साल तक
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 10,000 से 2,00,000 तक
• अवरेज सैलरी- 4 से 6 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- प्रोफेसर, सामाजिक और सामुदायिक सेवा प्रबंधक, स्कूल और करियर काउंसलर, सामाजिक और मानव सेवा सहायक, स्वास्थ्य शिक्षक और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता, शिक्षक और शोधकर्ता, आदि।
• जॉब फील्ड- शैक्षिक संस्थान, मानव सेवा उद्योग, प्रकाशन गृह, समाचार पत्र, पत्रिकाएं, दार्शनिक पत्रिकाएं, अनुसंधान संस्थान, परामर्श सेवाएं, लॉ फर्म आदि।

  • पीएचडी इन सोशल वर्क: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया

• इच्छुक उम्मीदवार के पास सोशल वर्क से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन या एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इन सोशल वर्क में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंकों की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।

पीएचडी इन सोशल वर्क: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी इन सोशल वर्क कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।

पीएचडी इन सोशल वर्क के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है

चरण 1: रजिस्ट्रेशन

  • उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
  • ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
  • आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
  • मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
  • आवेदन पत्र सबमिट करें।
  • क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।

चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम

  • यदि उम्मीदवार पीएचडी इन सोशल वर्क में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
  • बता दें कि पीएचडी इन सोशल वर्क के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी नेट, डीयूईटी, क्राइस्ट यूनिवर्सिटी पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम, जेआरएफ- गेट जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।

चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।

चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट

  • एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
  • इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर सोशल वर्क का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।

पीएचडी इन सोशल वर्क: सिलेबस
सेमेस्टर I

  • सामाजिक कार्य - इतिहास और विचारधारा
  • व्यक्तियों और परिवारों के साथ काम करें
  • समूहों के साथ काम करें
  • समुदायों के साथ काम करें
  • मानव विकास और विकास
  • सामाजिक कार्य अभ्यास - I

सेमेस्टर II

  • विकास और कल्याण सेवाओं का प्रबंधन
  • सामाजिक कार्य अनुसंधान और सांख्यिकी
  • सामाजिक कार्य अभ्यास - II
  • सामाजिक कार्य अभ्यास - III
  • संचार और परामर्श / या कल्याण और विकास के लिए गांधीवादी दृष्टिकोण
  • व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास / या जनसंख्या और पर्यावरण

सेमेस्टर III

  • मानव संसाधन प्रबंधन
  • सामाजिक कार्य अभ्यास - IV
  • जनजातीय और ग्रामीण समुदायों/या संगठनात्मक व्यवहार और संगठनात्मक विकास के साथ सामाजिक कार्य
  • निवारक और सामाजिक चिकित्सा और चिकित्सा सामाजिक कार्य/या पुनर्वास और बाद की देखभाल सेवाएं
  • भारत में सामाजिक नीति, योजना और विकास / या कानूनी व्यवस्था

सेमेस्टर IV

  • कर्मचारी संबंध और विधान
  • मानसिक स्वास्थ्य और मनोरोग सामाजिक कार्य
  • बड़ी परियोजना
  • सामाजिक कार्य अभ्यास - V
  • सामाजिक कार्य अभ्यास - VI
  • मानव संसाधन विकास और कर्मचारी कल्याण / या केस स्टडी

कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।

पीएचडी इन सोशल वर्क: टॉप कॉलेज और उनकी फीस

  • टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान, मुंबई- फीस 44,667
  • राजगिरी कॉलेज ऑफ सोशल साइंस, कोचीन
  • दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली- फीस 20,600
  • मद्रास स्कूल ऑफ सोशल वर्क, चेन्नई- फीस 16,680
  • लोयोला कॉलेज, चेन्नई- फीस 18,000
  • क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बैंगलोर- फीस 30,000
  • बनारस हिंदू विश्वविद्यालय - बीएचयू वाराणसी- फीस 3,256
  • मणिपाल उच्च शिक्षा अकादमी, मणिपाल- फीस 59,000
  • राजस्थान के केंद्रीय विश्वविद्यालय, अजमेर- फीस 24,055
  • जनार्दन राय नगर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय, उदयपुर- फीस 42,300

पीएचडी इन सोशल वर्क: जॉब प्रोफाइल और सैलरी

  • सोशल एंड कम्यूनिटी सर्विस मैनेजर- सैलरी 2 से 3 लाख तक
  • स्कूल एंड करियर काउंसलर- सैलरी 2 से 4 लाख तक
  • सोशल एंड ह्यूमन सर्विस असिस्टेंट- सैलरी 5 से 6 लाख तक
  • हेल्थ एजुकेटर एंड कम्यूनिटी हेल्थ वर्कर- सैलरी 3 से 4 लाख तक
  • रिसर्च- सैलरी 4 से 6 लाख तक
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English summary
Doctor of Philosophy in Social Work is a research based doctoral level course. PhD in Social Work is a course of 3 to 5 years duration which can be done in both full time and part time mode. This course is specially designed for the social worker who is interested in doing self research on social problems.
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