पीएचडी माइक्रोबायोलॉजी 3 से 5 साल तक की अवधि का डॉक्टरेट लेवल का कोर्स है जो कि उन छात्रों के लिए डिजाइन किया गया है जो माइक्रोबायोलॉजी से संबंधित विषयों में रिसर्च करने में रूचि रखते हो। माइक्रोबायोलॉजी में पीएचडी के अध्यन में बायोकेमेस्ट्री, फिजियोलॉजी एंड जेनेटिक्स ऑफ माइक्रो ऑर्गेनिज्म जैसे विषय शामिल है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी माइक्रोबायोलॉजी से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर माइक्रोबायोलॉजी में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में माइक्रोबायोलॉजी में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलोसफी इन माइक्रोबायोलॉजी
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 साल
• एलिजिबिलिटी- पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम और मेरिट बेस्ड
• कोर्स फीस- 2,000 से 8,00,000 तक
• शुरुआती सैलरी- 8 लाख से 16 लाख तक
• जॉब फील्ड- कॉलेज/यूनिवर्सिटी, फुड इंडस्ट्री, डेवलेपमेंट लेबोरेट्री आदि।
• जॉब प्रोफाइल- लेबोरेट्री टेक्नोलॉजिस्ट, टेक्नीकल स्पेशलिस्ट, मेडिकल टेक्नोलॉजिस्ट, लेबोरेट्री साइंटिस्ट, लेक्चरर आदि।
पीएचडी माइक्रोबायोलॉजी: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से संबंधित विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन की होनी चाहिए।
• पीएचडी माइक्रोबायोलॉजी में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• जबकि आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% छूट मिलती है।
• इसमें एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवारों के पास संबंधित विषय में कम से कम 5 साल का अनुभव होना चाहिए।
• माइक्रोबायोलॉजी में पीएचडी करने के लिए अधिकतर कॉलेज कॉमन एंट्रेंस टेस्ट जैसे सीएसआईआर-नेट आदि के माध्यम से एडमिशन देते हैं।
पीएचडी माइक्रोबायोलॉजी: एडमिशन प्रोसेस
पीएचडी माइक्रोबायोलॉजी में एडमिशन प्रोसेस कॉलेज से कॉलेज में भिन्न होती है। कुल कॉलेज में एडमिशन मेरिट + इंट्रव्यू के आधार पर होता है जबकि ज्यादातर कॉलेजों में माइक्रोबायोलॉजी में पीएचडी करने के लिए एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर एडमिशन होता है। भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है।
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी माइक्रोबायोलॉजी में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। एंट्रेंस एग्जाम के लिए छात्रों को रजिस्ट्रेशन करना होता है और रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी माइक्रोबायोलॉजी के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी-नेट फॉर जेआरएफ , सीएसआईआर- यूजीसी नेट फॉर जेआरएफ, एनबीएचएम, गेट, जीपीएटी आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट मेरिट लिस्ट के रूप में घोषित किया जाता है। जिसके बाद छात्रों को उनकी रैंक अनुसार कॉलेज आवंटित किए जाते हैं। रिजल्ट चैक करने के लिए छात्रों को नियमित रूप से यूनिवर्सिटी की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर माइक्रोबायोलॉजी का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी माइक्रोबायोलॉजी: सिलेबस
माइक्रोबायोलॉजी में पीएचडी का सिलेबस छात्रों की रुचि अनुसार हर कॉलेज में अलग हो सकता है जबकि सामान्य सिलेबस निम्नलिखित है।
- डाइवर्सिटी ऑफ प्रोकैरियोटिक यूकैरियोटिक माइक्रोबस
- माइक्रोबियल फिजियोलॉजी और मेटाबॉलिज्म
- वाइरोलॉजी
- इम्यूनोलॉजी
- मॉलिक्यूलर बायोलॉजी
- रिकॉमबिनेंट डीएनए टेक्नोलॉजी
- माइक्रोबियल जेनेटिक्स
- इंडस्ट्रीयल एंड फुड माइक्रोबायोलॉजी
आमतौर पर कॉलेज फैक्लटी पीएचडी करने वाले छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी माइक्रोबायोलॉजी: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी- फीस 8,368
- कलकत्ता विश्वविद्यालय, कोलकाता- फीस 4,400
- हैदराबाद विश्वविद्यालय, हैदराबाद- फीस 11,210
- वेल्स इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड एडवांस्ड स्टडीज, चेन्नई- फीस 46,000
- पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़- फीस 15,667
- महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, कोट्टायम- फीस 33,200
- एसआरएम प्रौद्योगिकी संस्थान, कांचीपुरम- फीस 16,000
- पांडिचेरी विश्वविद्यालय, पांडिचेरी- फीस 36,283
- उत्कल विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर- फीस 9,500
- असम विश्वविद्यालय, सिलचर- फीस 26,545
पीएचडी माइक्रोबायोलॉजी: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- एग्रीकल्चर एंड फूड साइंटिस्ट- सैलरी 10 लाख
- बायोकेमिस्ट एंड बायोफिजिसिस्ट- सैलरी 11 लाख
- बायोलॉजिकल टेक्नीशियन- सैलरी 9 लाख
- मेडिकल टेक्नीशियन- सैलरी 12 लाख
- एपिडेमोलॉजिस्ट- सैलरी 15 लाख
- प्रोफेसर- सैलरी 10 लाख
- रिसर्च- सैलरी 8 लाख