डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन कन्नड़ एक शोध आधारित डॉक्टरेट स्तर का कोर्स है। पीएचडी इन कन्नड़ 3 से 5 साल तक की अवधि का कोर्स है जिसका मुख्य उद्देश्य कन्नड़ में छात्रों के ज्ञान का विस्तार करना और विषय के दृष्टिकोण को बढ़ाना है। इस कोर्स में कन्नड़ भाषा से संबंधित शोध पर जोर दिया जाता है जिसमें कन्नड़ साहित्य, कन्नड़ कविताएं, कन्नड़ नाटक आदि शामिल हैं।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इन कन्नड़ से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर कन्नड़ में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में कन्नड़ में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन कन्नड़
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 से 5 साल तक
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 4,000 से 3,00,000 तक
• अवरेज सैलरी- 2 से 4 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- वैज्ञानिक, सलाहकार, सलाहकार, प्रोफेसर, डेटा वैज्ञानिक, आदि।
• जॉब फील्ड- एनवीडिया, आईसीआरआई, रैप्टर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, नोवो नॉर्डिस्क सेंटर प्राइवेट लिमिटेड, आदि।
पीएचडी इन कन्नड़: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास कन्नड़ से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन या एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इन कन्नड़ में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंकों की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
पीएचडी इन कन्नड़: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी इन कन्नड़ कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी इन कन्नड़ के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी इन कन्नड़ में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन कन्नड़ के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी नेट, टैंसेट, जेएनयूईई जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर कन्नड़ का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी इन कन्नड़: सिलेबस
सेमेस्टर I
- अनुसंधान क्रियाविधि
- पांडुलिपि का परिचय
- शोध के विषय पर निबंध
- डिसर्टेशन
- वाइवा-वोक
सेमेस्टर II
- कन्नड़ भाषा और साहित्य
- व्याकरण
- न्याय
- अद्वैत वेदांत
- मीमांसा
सेमेस्टर III
- कंप्यूटर और इंटरनेट का उपयोग
- निबंध के डिजाइन
- समाजशास्त्रीय विधि
- क्षेत्र भाषाविज्ञान की परिभाषा और विवरण
- क्षेत्र अध्ययन - साक्षात्कार प्रश्नावली
सेमेस्टर IV
- भाषा वर्गीकरण के सिद्धांत
- भारत के संदर्भ में कन्नड़ व्याकरण
- पश्चिमी संदर्भ में कन्नड़ व्याकरण
- भाषाविज्ञान पर आधारित कन्नड़ व्याकरण
- ऐतिहासिक अध्ययन
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी इन कन्नड़: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- उस्मानिया विश्वविद्यालय- फीस 4,000
- रीवा विश्वविद्यालय- फीस 5,000
- मुंबई विश्वविद्यालय- फीस 5,000
- मद्रास विश्वविद्यालय- फीस 15,800
- गुलबर्गा विश्वविद्यालय- फीस 20,620
- महर्षि दयानंद कॉलेज ऑफ आर्ट्स साइंस एंड कॉमर्स- फीस 25,000
- मैसूर विश्वविद्यालय- फीस 3,000
- मदुरै कामराज विश्वविद्यालय- फीस 30,000
- शिवाजी विश्वविद्यालय- फीस 47,150
- कर्नाटक केंद्रीय विश्वविद्यालय- फीस 57,000
- कर्नाटक राज्य महिला विश्वविद्यालय- फीस 60,000
- तुमकुर विश्वविद्यालय- फीस 70,000
- बैंगलोर विश्वविद्यालय- फीस 75,000
पीएचडी इन कन्नड़: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- साइंटिस्ट- सैलरी 7 लाख
- रिसर्च फेलो- सैलरी 3.50 लाख
- प्रोफेसर- सैलरी 10 लाख
- रिसर्च कंस्लटेंट- सैलरी 6 लाख
- एडवाइजर- सैलरी 4 लाख
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