Tips to keep children away from mobile phones: आज हर घर में पेरेंट्स को बस एक ही चिंता होती है कि बच्चे को मोबाइल फोन से कैसे दूर रखा जाए। ज्यादातर अभिभावकों की यह सामान्य शिकायत होती है कि उनके बच्चे को मोबाइल फोन की आदत लग चुकी है। कई बार पेरेंट्स इस मामले में बच्चे को मोबाइल फोन से दूर रखने के लिए या उसकी लत छुड़ाने के लिए सख्ती से पेश आते हैं, जिसका प्रभाव उनकी बौद्धिक क्षमता पर पड़ सकता है और कहीं न कहीं इसका असर पढ़ाई पर भी नजर आ सकता है।
ऑनलाइन एजुकेशन के जमाने में मोबाइल फोन के महत्व से हर व्यक्ति परिचित है, लेकिन इसका जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल किए जाने से बच्चों पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। अगर आपके बच्चे को मोबाइल फोन की लत लग चुकी है, और वो मोबाइल का उपयोग पढ़ाई के अलावा अन्य चीजों के लिए कर रहा हो तो यह आपके बच्चे भविष्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। पेरेंट्स अक्सर ये पूछ बैठते हैं कि बच्चे को मोबाइल फोन से कैसे दूर रखें या उनके स्मार्टफोन देखने की लत को कैसे छुड़ाएं। यदि आप भी बच्चे के अत्यधिक मोबाइल देखने को लेकर चिंतित हैं और उससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो यहां बताए जा रहे 7 सिंपल टिप्स आजमा सकते हैं।
मोबाइल फोन के हानिकारक प्रभाव क्या है?
विशेषज्ञों का कहना है कि मोबाइल फोन का अतिरिक्त उपयोग करना आपके बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास पर असर डाल सकता है। चाहे आपके बच्चे की उम्र कोई भी हो, यह उसके सर्वांगीण विकास में नुकसानदायक हो सकता है। वे कहते हैं कि मोबाइल फोन के अतिरिक्त इस्तेमाल से बच्चों के दिमाग और उनकी सोचने की क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे मामलों में इसका बुरा प्रभाव बच्चों की शिक्षा पर पड़ता है। बढ़ती उम्र में स्मार्टफेन के अत्यधिक उपयोग से बच्चे सामाजिक तौर पर विकसित नहीं हो पाते हैं। इससे उनके दिमागी विकास में रुकावट पड़ जाती है।
मोबाइल फोन के अत्यधिक इस्तेमाल से अन्य समस्याएं भी बढ़ने लगती है, जिनमें बच्चों में चिड़चिड़ापन, एकाग्रता में कमी और अनिद्रा जैसी समस्याएं आम हैं। जरूरत से ज्यादा मोबाइल फोन देखने के कारण बच्चों को आंखों में जलन, सिरदर्द, पीठ और गर्दन में दर्द जैसी अन्य शारीरिक समस्याएं भी हो सकती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि अतिरिक्त स्मार्टफोन देखने के कारण दिमाग अन्य कार्य करना बंद कर देता है। बच्चों के विकास के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
बच्चों को मोबाइल फोन से दूर रखने के लिए आजमाएं ये 7 सिंपल टिप्स -
अपने बच्चे के साथ क्वालिटी समय बिताएं: व्यस्त जीवनशैली और विभिन्न कार्यों में व्यस्तता के कारण अक्सर माता-पिता अपने बच्चे को समय नहीं दे पाते, जिसके कारण बच्चे को मोबाइल फोन देखने की आदत लग जाती है। इसलिए अभिभावक ये प्रयास अवश्य करें कि जब वे घर पर हों, तो एक अच्छा माहौल बना रहे। 24 घंटों में से कुछ समय आप अपने बच्चों एवं परिवार को दें और उनके साथ क्वालिटी समय बिताएं। इस दौरान आप अपने बच्चे से उसके दिनचर्या के बारे में पूछे और उससे दिनभर की तमाम जानकारियां, घर और बाहर की, साझा करें।
बच्चे को बाहर यानी आउटोर गेम्स खेलने के लिए प्रोत्साहित करें: यूं तो बच्चे को मोबाइल फोन से दूर रखने के कई उपाय हैं, लेकिन सबसे अच्छा उपाय है कि उन्हें बाहर यानी आउटडोर गेम्स खेलने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। लोकप्रिय आउटडोर गेम्स में स्केटिंग, फुटबॉल, वॉलीबॉल, खो-खो, बैडमिंटन, क्रिकेट, कबड्डी, स्वीमिंग, साइकिलिंग आदि खेलों में शामिल कर सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आउटडोर गेम्स खेलने से बच्चों में शारीरिक और मानसिक विकास तेजी से होता है और पढ़ाई को लेकर उनकी एकाग्रता बढ़ती है।
बच्चे को विभिन्न गतिविधियों में व्यस्त रखें: बढ़ती उम्र के बच्चों के सर्वांगीण विकास यानी पढ़ाई और व्यावहारिक विकार, के लिए उनका विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में शामिल होना बेहद जरूरी होता है। इससे उनमें व्यावहारिकता बढ़ती है। इतना ही नहीं विभिन्न गतिविधियों में शामिल होने से उनका सामाजिक व्यवहार बेहतर होता है। मोबाइल फोन से दूरी बनाने के लिए अभिभावक अपने बच्चे को गृह कार्य समेत विभिन्न गतिविधियों में व्यस्त रख सकते हैं।
बच्चों में किताबें पढ़ने की रुचि विकसित करें: ऐसा कहा जाता है कि किताबों से बेहतर साथी कोई नहीं होता, लेकिन आज मोबाइल और टेक्नोलॉजी के इस दौर ने बच्चों को किताबों से दूर कर दिया है। अपने बच्चे को फोन की लत से दूर रखने के लिए उन्हें किताबों के करीब ले जाएं। किताबें पढ़ने की आदत से न केवल बच्चों के व्यक्तित्व का विकास होता है बल्कि उनके सोचने के तरीकों में सकारात्मक बदलाव आते हैं। अधिक से अधिक किताबें पढ़ने से सोचने की क्षमता में भी वृद्धि होती है। इतना ही नहीं इससे बच्चों की कम्नुनकेशन स्किल भी बेहतर होती है।
अपने घर के वाईफाई को बंद रखें: बच्चों को मोबाइल फोन की लत से दूर रखने के लिए आप यह उपाय भी आजमा सकते हैं। जब आप घर पर हों और आपका काम खत्म हो जाए तो आप अपने घर के वाई फाई कनेक्शन को बंद कर दें। इस उपाय से बच्चे मोबाइल फोन तो लेंगे लेकिन असीमित इंटरनेट एक्सेस नहीं कर सकेंगे। यह काफी कारगर सिद्ध हो सकता है।
अपने मोबाइल के स्क्रीन टाइम को लिमिट करें: विशेषज्ञों का कहना है कि एकाएक बच्चों से मोबाइल फोन छीन लेने से यह उनके मानसिक स्थिति पर बुरा असर डाल सकता है, इसीलिए आप अपने मोबाइल, जिसे आपका बच्चा इस्तेमाल करता है, में स्क्रीन टाइम को अपने अनुसार सीमित कर दें। छोटे बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम ज्यादा से ज्यादा 1 से 2 घंटे, किशोरावस्था के बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम 3 से 4 घंटे रख सकते हैं। इस दौरान अगर उन्हें पढ़ाई संबंधी जानकारी इंटरनेट से लेनी हो तो वे इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इस उपाय से बच्चों पर मोबाइल फोन के अत्यधिक इस्तेमाल का बुरा असर नहीं पड़ेगा।
बच्चे को लर्निंग वीडियोज देखने के लिए प्रेरित करें: मोबाइल फोन पर बच्चों को केवल इंटरनेट और सोशल मीडिया में रिल्स देखने की ही लत नहीं होती बल्कि ज्यादातर बच्चों को मोबाइल फोन पर ऑनलाइन गेम्स खेलने की भी लत लग जाती है। कुछ समय पहले तक बच्चों में ऑनलाइन गेम्स का क्रेज काफी हद तक बढ़ गया था। इसके साथ ही ऑनलाइन गेम्स खेलने वाले बच्चों में मानसिक सेहत संबंधी समस्याएं भी बढ़ने लगी। अपने बच्चों में ऑनलाइन गेम्स की लत को छुड़ाने के लिए आप बच्चे को लर्निंग वीडियोज देखने के लिए प्रेरित करें। इससे न केवल उनके सोचने की क्षमता बढ़ेगी बल्कि पढ़ाई एवं जिज्ञासा में रुचि बनी रहेगी।