टैक्सेशन में M.com में कैसे करें, जानिए कोर्स से जुड़ी आवश्यक डिटेल्स

एमकॉम टैक्सेशन 2 साल का स्नातकोत्तर कोर्स है जो कि कराधान के साथ-साथ वित्त क्षेत्र से संबंधित है। इस कोर्स की मुख्य संरचना में कराधान की समस्याओं को हल करना, कर साहित्य में शोध करना और कर रिटर्न की संपूर्ण विश्लेषणात्मक समीक्षा शामिल है। एमकॉम टैक्सेशन कोर्स में, छात्रों को उन नैतिक और कानूनी दायित्वों का पता लगाने के लिए बनाया जाता है जिनका कराधान प्रणाली में पालन किया जाना चाहिए।

चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको एमकॉम टैक्सेशन से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर टैक्सेशन में एमकॉम करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में टैक्सेशन में एमकॉम करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।

टैक्सेशन में M.com में कैसे करें, जानिए कोर्स से जुड़ी आवश्यक डिटेल्स

• कोर्स का नाम- मास्टर ऑफ कॉमर्स इन टैक्सेशन
• कोर्स का प्रकार- पोस्ट ग्रेजुएशन
• कोर्स की अवधि- 2 साल
• पात्रता- ग्रेजुएशन (कॉमर्स स्ट्रीम)
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम/ मेरिट बेस्ड
• कोर्स फीस- 12,000 से 4 लाख तक
• कोर्स सैलरी- 4 से 20 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- निवेश विश्लेषक, विपणन प्रबंधक, बाजार विश्लेषक, निवेश बैंकर, संचालन प्रबंधन, व्यक्तिगत वित्त सलाहकार, प्रतिभूति विश्लेषक, धन प्रबंधक, वरिष्ठ लेखाकार, वित्तीय विश्लेषक आदि।

एमकॉम टैक्सेशन: पात्रता

  • उम्मीदवार के पास बीकॉम की डिग्री होना अनिवार्य है।
  • उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कॉमर्स स्ट्रीम में 12वीं कक्षा की मार्कशीट होनी चाहिए।
  • उम्मीदवार के 12वीं कक्षा में कुल मिलाकर कम से कम 60% अंक होने चाहिए।
  • अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित उम्मीदवारों को अनिवार्य प्रक्रिया के रूप में पाठ्यक्रम कार्यक्रम में कुछ प्रतिशत छूट प्रदान दी जाती है।

एमकॉम टैक्सेशन: प्रवेश प्रक्रिया

किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में एमकॉम टैक्सेशन कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है जबकि कुछ कॉलेजों में मेरिट आधार पर भी एडमिशन दिए जाते हैं।

टैक्सेशन में एमकॉम के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन

  • उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
  • ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
  • आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
  • मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
  • आवेदन पत्र सबमिट करें।
  • क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।

चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम

  • यदि उम्मीदवार एमकॉम टैक्सेशन में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
  • बता दें कि एमकॉम टैक्सेशन के लिए एडमिशन प्रोसेस सीयूईटी, आईपीयू सीईटी, एनपीएटी, एआईएमए यूजीएटी आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।

चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।

चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट

  • एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
  • इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें टैक्सेशन में एमकॉम का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।

एमकॉम टैक्सेशन: सिलेबस

सेमेस्टर 1

  • प्रत्यक्ष करों और प्रथाओं का कानून - आयकर पेपर I और पेपर II
  • आयकर अधिनियम की मूल अवधारणाएं, परिभाषाएं और शुल्क (धारा 1 से 4)
  • कुल आय और आवासीय स्थिति का दायरा (धारा 5 से 9)
  • वेतन और गृह संपत्ति से आय (धारा 15 से 27)
  • कुछ मामलों में कर भुगतान देनदारियां
  • सकल कुल आय गणना
  • छूट और दोहरा कराधान राहत
  • टैक्स रिफंड का आकलन, पंजीकरण, रिटर्न रिकवरी
  • कर प्राधिकरण और ट्रिब्यूनल

सेमेस्टर 2

  • प्रत्यक्ष करों और प्रथाओं का कानून - आयकर पेपर III और IV
  • कर का अग्रिम भुगतान (धारा 207 से 219)
  • रिटर्न ऑफ इनकम एंड असेसमेंट (धारा 139 से 158)
  • सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 और सीमा शुल्क शुल्क अधिनियम, 1975
  • अप्रत्यक्ष करों की विशेष विशेषताएं
  • धन कर अधिनियम
  • नियम और केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1985
  • उत्पाद शुल्क कानून, उत्पाद शुल्क देयता और उत्पाद शुल्क योग्य सामान
  • केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम के तहत मूल्यांकन
  • सेवा कर, सेवा कर का भुगतान और पंजीकरण (धारा 68 और 69)
  • केंद्रीय बिक्री कर अधिनियम

सेमेस्टर 3

  • प्रत्यक्ष करों और प्रथाओं का कानून - आयकर पेपर V
  • स्रोत पर कर कटौती और संग्रह (धारा 192 से 206 सी)
  • ब्याज और अतिरिक्त भुगतान की वापसी
  • अपील और संशोधन (धारा 246 से 264)
  • दंड और अभियोग (धारा 270 से 280)
  • आकलन, मांग, वसूली और वापसी
  • अधिनिर्णयन, अपीलीय और संशोधन प्रावधान

एमकॉम टैक्सेशन: टॉप कॉलेज और उनकी फीस

  • आचार्य नागार्जुन विश्वविद्यालय, आंध्र प्रदेश- फीस 11,500
  • अन्नामलाई विश्वविद्यालय, तमिलनाडु- फीस 7,000
  • असम विश्वविद्यालय, असम- फीस 16,895
  • अविनाशीलिंगम महिला विश्वविद्यालय, कोयम्बटूर- फीस 4,400
  • बैंगलोर विश्वविद्यालय, बेंगलुरु- फीस 7,000
  • राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर- फीस 20,000
  • रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल- फीस 20,000
  • डीएवी वेलंकर कॉलेज ऑफ कॉमर्स, सोलापुर- फीस 4,365
  • छत्रपति शिवाजी महाराज विश्वविद्यालय, नवी मुंबई- फीस 56,100
  • डॉ। सीवी। रमन विश्वविद्यालय, खंडवा- फीस 15,000
  • बिशप चुलापराम्बिल मेमोरियल कॉलेज फॉर वुमेन, कोट्टायम- फीस 7,740
  • संजय घोडावत विश्वविद्यालय, कोल्हापुर- फीस 1,00,000

एमकॉम टैक्सेशन: जॉब प्रोफाइल और सैलरी

  • सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट- सैलरी 4 से 9 लाख
  • फाइनेंशियल एडवाइजर- सैलरी 6 से 9 लाख
  • डायरेक्टर (अकाउंट्स)- सैलरी 5 से 19 लाख
  • चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर- सैलरी 10 से 20 लाख
  • टैक्स क्लेकटर- सैलरी 11 से 13 लाख
  • टैक्स एग्जामिनर- सैलरी 8 से 10 लाख
  • रिवेंयू एजेंट- सैलरी 6 से 8 लाख
  • ऑडिट मैनेजर- सैलरी 10 से 12 लाख

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English summary
M.com Taxation is a 2 year post graduate course which deals with taxation as well as finance sector. The core structure of this course includes solving taxation problems, researching the tax literature, and a thorough analytical review of tax returns. In M.com Taxation course, students are made to explore the ethical and legal obligations that must be followed in the taxation system.
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