क्या ऑफिस में आपकी बात दब जाती है? क्या आप अपनी बात सबके सामने ठीक से न रख पाने के कारण टार्गेट से पीछे रह जा रहे हैं या ऑफिस में कोई आपका फायदा उठाकर आगे बढ़ने के प्रयास कर रहा है, अगर आप वाकई में ऐसी स्थिति से गुजर रहे हैं, तो अब समय है स्वयं को बदलने का। आज के इस समय में आत्मविश्वास और साहस सभी में होना चाहिए। कई लोगों के पास ज्ञान तो होता है लेकिन वह अपनी बात रखने का साहस नहीं रखते हैं, उसी तरह आप में आगे बढ़ने की इच्छा तो है लेकिन रिस्क लेने से डरते है।
इन्हीं कारणों से लोग आपसे जानकारी प्राप्त कर आपके द्वारा दिए आईडियाज को अपने नाम से प्रेजेंट करे उन्हें अपना दिखाते हैं या आगे बढ़ने के लिए लोग आपको अपना स्टेपिंग स्टोन बना लेते हैं। ऐसी स्थित में आप क्या करें क्या न करें ये सोच सबसे पहले मन में आती है। अन्य लोगों को देख अक्सर ये सोचते हैं कि काश हम भी ये कर पाते या हमारी पर्सनालिटी भी इनके जैसी होती तो क्या बात होती। ये सब सोचने की बजाए आपको इन सब पर काम करने की आवश्यकता है।
आज के इस समय में पर्सनालिटी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और उसे डेवलप करने के लिए लोग क्या कुछ नहीं करते है। आप में जितना आत्मविश्वास बढ़ेगा आप उतना ही आगे जाने की कोशिश करेंगे और अपने गोल्स को प्राप्त करने के लिए रिस्क लेने की शुरुआत भी करेंगे।
अब सवाल ये उठता है कि अपना आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए आपको अपनी पर्सनालिटी में किस प्रकार के डेवलपमेंट करने की जरूरत है और इसे आपक किस तरह से करें। आपको बता दें कि पर्सनालिटी डेवलपमेंट सबसे आवश्यक है और इसमें सबसे महत्वपूर्ण होता है आत्मविश्वास और साहस। जिसे बढ़ाने के लिए कुछ टिप्स हम इस लेख के माध्यम से आपके साथ शेयर करने वाले है जिन्हे फॉलो कर आप खुद में आत्मविश्वास पैदा होता महसूस कर पाएंगे। यकीन मानिए आपके वर्क प्लेस में आपको फायदा मिलेगा।
1. अपने डर को पहचाने
पर्सनेलिटी डेवलपमेंट के लिए सबसे महत्वपूर्ण है आत्मविश्वास होना। लोगों का मानना है कि जो व्यक्ति किसी भी चीज से नहीं डरता है उसकी पर्सनालिटी अधिक स्ट्रांग होती है। लेकिन ऐसा नहीं है, व्यक्ति की पर्सनालिटी तब स्ट्रांग होती है जब वह यह जानता है कि उसे किस चीज से डर लगता है। डर लगना सामान्य बात है लेकिन अपने डर के बारे में बात करना और उसे डर को दूर करने के प्रयास करना महत्वपूर्ण है। जो कई बार लोग नहीं कर पाते हैं।
आपको सबसे पहले ये जानने की आवश्यकता है कि आपको किस चीज से डर लगता है। कई बार व्यक्ति एक ऐसी स्थिति से गुजरा होता है जिसको लेकर उसके मन में भय घर कर लेता है उस तरह की स्थिति की हल्की सी भनक भी उसे डरा देती है और वह उस स्थिति से संबंधित अनुभवों को याद करता है जिसके कारण वह रिस्क नहीं ले पाता है। जिस प्रकार हमारे पास अनुभव पैदा करने की क्षमता होती है उसी तरह हम में डर को काबू भी कर की भी क्षमता होती हैं। यदि आप ठान ले की डर पर काबू करना है तो सफलता प्राप्त करना आपके लिए आसान हो जाएगा और आपको खुद से अपनी पर्सनालिटी में बदलाव दिखेगा जो आपको नई चीजे करने और रिस्क लेने के लिए प्रेरित करेगा।
2. कमजोरियों को दिखाने से न डरें
लोगों को लगता है मदद मांगने से वह कमजोर दिखेंगे, लेकिन जरूरत पड़ने पर मदद मांगना कोई गलत बात नहीं है। अपने कमजोरियों को छिपाने की बजाए उसे स्वीकारना शुरू करें और कमजोर दिखने से डरना बंद करें। कोई भी व्यक्ति पूरी तरह से परफेक्ट नहीं होता है। यदि कोई चीज आपको नहीं आती या किसी विषय के बारे में आपको नहीं पता है तो उससे भागने और छिपाने की बजाए उस पर खुल कर बात करें उसे सिखने की कोशिश करें और समझने का प्रायस करे। जरूरत पड़ने पर अपने आस-पास के लोगों से सहायता मांगे। इससे लोग भी आपके साथ खुलना शुरू करेंगे और आपकी सहायता के लिए आगे बढ़ेंगे।
3. सकारात्मक बातों और आदतों को अपनाएं
हर एक व्यक्ति में एक खूबी होती है उस व्यक्ति की अच्छी और सकारात्मक आदतों को अपनाने का प्रयत्न करें। किसी से कोई अच्छी चीज सिखना कभी गलत नहीं होता है, पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आपको किसी व्यक्ति की कोई बात अच्छी लगती है तो उसे सिखना और उसे सकारात्मकता से लेना आप में आत्मविश्वास पैदा करता है। सभी लोगों को एक दूसरे की अच्छी और सकारात्मक बाते सिखनी चाहिए ताकि वह अपने में आत्मविश्वास और साहस विकसित कर सकें। आपको हमेशा नई चीजों को सीखने की तलाश में रहना चाहिए। अपने जीवन से नकारात्मकता को निकाले और सकारात्मक बातों को ग्रहण करें। ऐसे लोगों के साथ समय बिताएं जो आपको पॉजिटिव महसूस करवाएं और आपको आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। ये लोग आपको कभी पिछने नहीं जाने देंगे और आपको इनसे कुछ-कुछ नया सिखने को मिलेगा।
4. संचार कौशल या कम्युनिकेशन स्किल्स
व्यक्ति को अपना आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए और पर्सनालिटी को बेहतर ढंग से डेवलप करने के लिए कम्युनिकेशन स्किल्स बढ़ाने की आवश्यकता होती है। इसमें पब्लिक स्पिकिंग भी शामिल है। आपको लोगों से बात करने में कभी घबराने नहीं चाहिए। यदि आप हर किसी से कुछ न कुछ सिखना चाहते और अपना विकास करना चाहते हैं तो ये सबसे महत्वपूर्ण है कि आपकी कम्युनिकेशन स्किल्स अच्छी हो और आप उसे लगातार और बेहतर बनाने का प्रयत्न कर रहे हों। ऐसे लोग किसी भी स्थिति में अपने आपको असानी से ढाल लेते हैं और असानी से सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान कर लेते हैं। इन्हें अकेले रहने की स्थिति में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता है।
5. बोल्डनेस
पर्सनालिटी में बोल्डनस लाने के लिए आपके लिए अपनी राय रखना और विचारों को व्यक्त करना आवश्यक है। बोल्डनस का मतलब अक्सर ही लोग गलत समझ लेते हैं। लोगों का मानना होता है बोल्ड होने का मतलब कुछ भी बोलना होता है। लेकिन सही मायनों में बोल्ड व्यक्ति वो होता है जो अपने विचारों को साफ तरीके से सबके सामने पेश कर सके। वह किसी और व्यक्ति के विचारों में हां में हां न मिलाकर अपने विचारों को व्यक्त करते हो और उसके पिछे का तर्क भी साथ रखते हो। अपनी पर्सनालिटी में बोल्डनस लाने के लिए आपको अपने विचार और सहज ज्ञान को समझने की जरूरत है और उसके अनुसार अपनी बात रखने या प्रश्न करने की आवश्यकता है।
आपको ध्यान देना होगा की अपनी बात को आप किस प्रकार से कहते हैं और उसके परिणाम क्या हो सकते हैं। अपने अनुसार परिणाम की प्राप्ति करने के लिए आपको मुखर (बोल्ड) होना होगा। मुखर अर्थात न ही ज्यादा निष्क्रिय और न ही ज्यादा आक्रामक। कई बार आपने देखा होगा की लोग अपनी सही बात को साबित करने के लिए आक्रामक हो जाते हैं ऐसे में आप अपना निश्चित परिणाम हासिल नहीं कर पाते हैं। आपको ध्यान देना होगा की आप जो भी सोच रहे हैं जैसा भी परिणाम की इच्छा कर रहे हैं उसे प्राप्त करने के लिए आपको कितना सक्रिय होने की आवश्यकता है जिससे आपका कार्य भी पूरा हो और आप सकारात्मक भी रहें।
6. अपने अधिकारों के बारे में जाने
हर किसी को अपने अधिकारों के बारे में जानकारी रखनी चाहिए और उन्हें कैसे सुरक्षित रखा जाए इसे जानना आवश्यक है। अपना आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए आपको अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए बोल्डनेस की। अधिकारों से यहां हमारा अर्थ बेसिक मानवाधिकारों से है जिसमें आपके साथ हो रहे व्यवहार और अन्य लोगों के साथ आपके द्वारा किए गए व्यवहार की बात शामिल है। आपको लोगों के साथ उसी तरह का व्यवहार करना चाहिए जैसा आप चाहते हैं कि वह आपके साथ करें।
7. संघर्षों के समाधान निकालने का प्रयत्न करें
हर चीज को बढ़ा-चढ़ा कर न सोचें। "अगर ऐसा करने से कुछ बुरा हुआ तो" जैसी चीजों के बारे में ज्यादा चिंता करने की बजाए ये सोचे कि इसका हल कैसे निकाला जाए। अक्सर ही "अगर" जैसे शब्द आपको आगे बढ़ने और रिस्क लेने से रोकते है। आपको अपने संघर्षों से समाधानों को खुद खोजने का प्रयास करने की जरूरत है वो भी बिना किसी "अगर" के। आपको अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकल कर नई चीजों का अनुभव करने की जरूरत है नए लोगों से मिलने की जरूरत है ऐसा करने के आप में आत्मविश्वास पैदा होगा।
8. बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान दें
हमें हमेशा छोटी चीज से शुरुआत करनी चाहिए, उसी तरह आत्मविश्ववास बढ़ाने के लिए भी हमे अपने छोटी-छोटी उपलब्धियों पर ध्यान देना चाहिए। इन उपलब्धियों से हमारे अंदर नई चीजे करने का आत्मविश्वास पैदा होता है और उन्हें प्राप्त करने पर हमारा आत्मविश्वास और मजबूत होता है। कई बार आप कुछ करने की कोशिश करेंगे और वह पूरा न कर पाने पर उसे छोड़े की बजाए उसे दोबारा करने का प्रयास करे। आपको समझना होगा की फेल होना कोई गलत बात नहीं है आपको ये जानने की जरूरत है कि किस कारण आप फेल हुए हैं ताकि आप उसमें सुधार ला पाएं। ऐसा करने से आपकी बॉडी लैंग्वेज भी स्ट्रांग होगी।
9. अपनी तुलना लोगों के साथ करना बंद करें
अपनी तुलना किसी दूसरे व्यक्ति से करना आपके लिए नकारात्मक हो सकता है। आपको अपनी तुलना किसी और की बजाए खुद से ही करनी चाहिए। सभी व्यक्तियों में खामियां होती है, आप अपनी खामियों को समझे और उसे सुधारने का प्रयास करें। उस लाइफस्टाइल और व्यक्तित्व के बारे में सोचे जैसा आप बनना चाहते हैं और उस दिशा में आगे बढ़े। अपने कल को बेहतर बनाने के लिए अपने आज को बेहतर बनाने का प्रयास करें।
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