दिमाग को तेज और सक्रिय बनाने के लिए किताब और अख़बार पढ़ते रहना बहुत ज़रूरी है। पर आप जो भी पढ़ रहे हैं क्या दिमाग़ उसको अवशोषित कर रहा है? कहीं ऐसा तो नहीं कि आप सिर्फ़ पढ़ते जा रहे हैं, लेकिन दरअसल दर्ज कुछ भी नहीं हो रहा है? ऐसा ज़्यादातर लोगों के साथ होता है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कुछ भी पढ़ते हैं उसे लंबे समय तक याद रख सकते हैं। वहीं कुछ लोगों के लिए यह मुश्किल होता है। उन्हें ना तो किताब का नाम याद रहता है और ना ही कोई अंश। ऐसे में अगर आपको यह लगता है कि ये समस्या केवल आपकी है, तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक़ इंसानी दिमाग़ की मेमोरी 1 टेराबाइट से लेकर 2.5 पेटाबाइट तक होती है। 1 टेराबाइट लगभग 1024 गीगाबाइट के बराबर होता है और 1 पेटाबाइट 1024 टेराबाइट के बराबर। कुछ वैज्ञानिक ये भी कहते हैं कि हमारे मस्तिष्क में डाटा स्टोर होने की क्षमता असीमित है।
इससे आप मस्तिष्क की क्षमता का अंदाज़ा लगा सकते हैं। पर फिर भी सवाल यही उठता है कि आख़िर हम भूल क्यों जाते हैं? इसका सीधा-सा जवाब है पढ़ने का तरीक़ा। पढ़ने की आदत में बदलाव करेंगे, तो पढ़ा हुआ याद रखना या याद करना दोनों आसान हो जाएगा।
प्वाइंट्स में लिखें
जब कोई किताब पढ़ें, तो एक हाथ में पेंसिल भी रखें। पढ़ते वक़्त जिस पंक्ति या शब्द में संदेह लगे या समझ में ना आए तो उसके नीचे पेंसिल से रेखा खींच दें और उसका अर्थ समझें। अगर शब्द है, तो उसे पेन से कॉपी पर लिखें, उसका अर्थ देखें और लिखें। लिखने से उस शब्द का अर्थ बेहतर तरीक़े से याद रख सकेंगे। यदि जानकारी बढ़ाने के लिए इतिहास, विज्ञान या सामान्य ज्ञान की किताब पढ़ रहे हैं, तो उसमें से ज़रूरी जानकारियां अवश्य कॉपी में लिख लें। यह भी ध्यान रखना है कि लंबी पंक्तियों या पैराग्रॉफ में लिखने के बजाय छोटे-छोटे प्वाइंट्स में लिखना है। साथ में चित्र बनाएंगे, तो बेहतर तरीक़े से याद रख पाएंगे क्योंकि शोध के मुताबिक़ चित्र से याद रख पाना ज़्यादा आसान होता है।
शब्द को ध्यान से पढ़ें
पढ़ने की सीमा तय करना है लेकिन किताबों की नहीं बल्कि ध्यान से पढ़ने की सीमा तय करें। यदि तय कर लिया है कि एक हफ्ते के अंदर पूरी किताब पढ़नी है, तो आप उसे केवल पढ़ पाएंगे, सीख या याद नहीं रख पाएंगे। इसके बजाय रोज़ पांच या सात पन्ने या भाग पढ़ेंगे, तो ध्यान से पढ़ेंगे। पढ़ने की कोई जल्दी नहीं है। इसलिए हर पंक्ति और शब्द को ध्यान से पढ़ें और समझें। तभी उसे याद रखने में आसानी होगी।
टॉपिक पर चर्चा करें
प्रसिद्ध अमेरिकी भौतिक वैज्ञानिक रिचर्ड फ़ाइनमेन भी मानते हैं कि यदि किसी भी विषय को याद रखने का सबसे कारगर ज़रिया है, तो वो है चर्चा। आप जो किताब पढ़ रहे हैं उसका एक पाठ पढ़ें और उस पर चर्चा करें। उसके बारे में दूसरों को बताएं। आपने जो समझा है या जो जानकारी हासिल की है, उसकी दोस्तों या परिजनों के साथ चर्चा करें। अगर किसी हिस्से या पड़ाव पर अटकते हैं या भूल जाते हैं, तो उसे दोबारा पढ़ें और फिर से विचार-विमर्श करें।
पढ़ने का तरीक़ा बदलें और याद रखें
ध्यान केंद्रित करें
यानी कि इस वक़्त आप जो भी कर रहे हैं पूरा ध्यान उसी पर केंद्रित करना है। यही अभ्यास किताब या विषय पढ़ते वक़्त भी करना है। अमूमन हमें एक साथ कई कार्य करने की आदत होती है। किताब पढ़ते वक़्त भी हम यही करते हैं। इससे ध्यान भटकता है और जो पढ़ा है वह याद नहीं रहता। शोध के मुताबिक़ यदि एक समय में एक ही कार्य पर सौ फीसदी ध्यान केंद्रित किया जाए, तो स्मरण शक्ति बढ़ती है और याद करने में आसानी होती है। अगर आप किताब पढ़ रहे हैं, तो केवल किताब ही पढ़िए और ऐसे समय पढ़िए जब सभी कार्य पूरे हो चुके हों ताकि बीच में उठने की गुंजाइश ना रहे।
गैजेट से दूर रहें
मोबाइल ध्यान भटकने का सबसे बड़ा कारण है। और यही वजह है कि जब किताब पढ़ते हैं, तो ध्यान लगाकर नहीं पढ़ पाते। जब मोबाइल की रिंग या नोटिफिकेशन आता है, तो पूरा ध्यान उस पर चला जाता है। ऐसे में कितने मिनट और घंटे इस पर बिता देते हैं पता भी नहीं चलता। इसलिए किताब पढ़ते वक़्त मोबाइल, लैपटॉप या कोई ऐसी वस्तु जो ध्यान भटकने का कारण बने, उन्हें दूर रखें या साइलेंट पर कर दें।
अपनी रुचि का ध्यान रखें
आप किसी भी पठन सामग्री को चुनते समय अगर अपनी रुचि का ध्यान नहीं रखते, तो ना तो पढ़ने में मन लगेगा और ना ही कुछ याद रहेगा। किसी की सलाह पर पुस्तक चुनते समय भी अपनी रुचि को ही सर्वोपरि मानें। किताब के भी उन्हीं अंशों को रेखांकित करें, जो रुचिकर लगते हैं ताकि दोबारा देखते समय भी याद करना आसान हो। अगर कोई किताब पढ़ रहे हैं, लेकिन दिलचस्प नहीं लग रही है, तो उसे वहीं छोड़ दें। उस पर समय ज़ाया करने से बेहतर है कि दूसरी किताब पर समय का उपयोग करें।