सौरभ कौशिक एक मशहूर बिजनेस कोच के रूप में जाने जाते हैं। वे इंडस्ट्री लीडर्स, प्रसिद्ध आंत्रप्रेन्योर्स को अपना व्यवसाय बढ़ाने में बिजनेस कोचिंग के जरिए मदद देते हैं। वे बिजनेस में बड़ी ग्रोथ पाने में सहायता देने के लिए जाने जाते हैं। सौरभ की तरह ही राहुल जैन स्मॉल मीडियम एंटरप्राइजेज को नेक्स्ट लेवल तक पहुंचने के लिए मार्गदर्शन देते हैं। इसी तरह निशिता मंत्री, महिला आंत्रप्रेन्योर्स को कोचिंग व गाइडेंस देती हैं। अक्सर ऐसा माना जाता है कि जो कंपनियां बेहतर प्रदर्शन नहीं कर रही होती, बिजनेस कोचिंग सिर्फ उनके लिए है, जबकि यह एक मिथ है।
डर से नया बिजनेस नहीं
माइक्रोसॉफ्ट फाउंडर बिल गेट्स और अमेरिकी आंत्रप्रेन्योर एरिक श्मिट बिजनेस कोच के साथ काम करने के लिए जाने जाते हैं। कुशल बिजनेस कोच आंत्रप्रेन्योर्स को अच्छे रिजल्ट दे पाते हैं। पिछले कुछ साल में बिजनेस कोच ने बतौर करिअर विकल्प जगह बनाई है। ग्लोबल आंत्रप्रेन्योरशिप मॉनिटर रिपोर्ट में पाया गया कि 54 प्रतिशत युवा उद्यमियों ने माना कि वे फेलियर के डर से नया बिजनेस प्लान नहीं कर पाए। यहां बिजनेस कोच की भूमिका सामने आती है। ये प्रोफेशनल न केवल उद्यम को खड़ा होने में मदद करते हैं, बल्कि उसे आगे बढ़ाने के तरीके भी बताते हैं। अब एमबीए कर चुके कई स्टूडेंट्स बिजनेस कोच के तौर पर करिअर बना रहे हैं। इनमें से कई पहले खुद आंत्रप्रेन्योर रह चुके हैं और अब फुल टाइम बिजनेस कोचिंग दे रहे हैं।
सीनियर को भी देते हैं प्रशिक्षण
एक बिजनेस कोच किसी भी व्यवसाय को 360 डिग्री नजरिये से देखता है। वे आकलन करते हैं कि क्या स्टार्टअप सही दिशा में जा रहा है। ऐसे में आंत्रप्रेन्योर्स ऐसे कोच की तलाश में रहते हैं जो उनके संस्थान, टीम व चुनौतियों का असेसमेंट करे, कंपनी के विकास के लिए काम करे और उसी अनुसार परिणाम डिलीवर करे। कई कंपनियां बड़े पदों पर मौजूद अपने अधिकारियों की भी ट्रेनिंग करवाती हैं, ताकि बिजनेस में जल्द ग्रोथ हो।
कॉर्पोरेट लीडर ज्यादा प्रोडक्टिव
बिजनेस कोच, युवा उद्यमियों को स्टार्टअप प्लान करने और रेवेन्यू मॉडल को समझने में मदद देते हैं। वे यह भी बताते हैं कि व्यवसाय से मुनाफा किस तरह कमाया जा सकता है। कॉर्पोरेट लीडर ज्यादा प्रोडक्टिव व सफल रहने के लिए इनसे ट्रेनिंग लेते हैं। बिजनेस कोच, बिजनेस लीडर्स को विकसित करने और उनकी लीडरशिप से बेहतरीन परिणाम देने के क्षेत्र में विशेषज्ञ होते हैं। वे मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकलने में भी गाइड करते हैं। ये बिजनेस लीडर के नजरिये को समझते हैं। उनके गोल्स की कमियां व खूबियां भी उन्हें बताते हैं।
ये योग्यताएं जरूरी
अगर आपके पास एमबीए की डिग्री के साथ कुछ साल बिजनेस करने का अनुभव है तो आपको बिजनेस कोच के रूप में शुरुआत करने में आसानी होगी। हालांकि यह अनिवार्य शर्त नहीं है। ज्यादातर लीडर्स डिग्री से ज्यादा रिजल्ट पर फोकस करते हैं। अपनी किसी विशेषज्ञता को डेवलप करें, उदाहरण के तौर पर ऑब्जेक्टिव की रिजल्ट्स, बिजनेस ग्रोथ, लीडरशिप स्किल्स, टैलेंट डेवलपमेंट आदि। बिजनेस कोच के तौर पर खुद की ब्रांडिंग की स्ट्रैटजी भी तैयार करें।
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