Higher Education: हायर एजुकेशन के लिए विदेश जाने वाले भारतीय स्टूडेंट्स की संख्या में बढ़ोतरी पिछले कई वर्षों से लगातार जारी है। इनके लिए सबसे लोकप्रिय स्टडी अब्रॉड डेस्टिनेशंस की लिस्ट में यूएस, यूके, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूरोप और सिंगापुर सबसे ऊपर आते हैं। विदेश में पढ़ाई के लिए बढ़ती रुचि के पीछे कई वजह हैं जिनमें सबसे प्रमुख है मजबूत जॉब प्रॉस्पेक्ट्स और वहां के कॉलेजेज में आसान एडमिशन।
दरअसल अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स भारतीय यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए भारी प्रतिस्पर्धा के चलते विदेश जाने की योजना बनाते हैं वहीं पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज करने के इच्छुक विदेश में रहने और काम करने के उद्देश्य के चलते इसमें रुचि लेते हैं।
भारत के विदेश मंत्रालय के अनुसार, शिक्षा के लिए 6.5 लाख छात्र विदेश गए। जबकि 2019 में 7,53,000 भारतीय स्टूडेंट्स विदेश में पढ़ रहे थे और पैन्डेमिक के बढ़ने के बावजूद भी 91 फीसदी स्टूडेंट्स ने रोक हटने के बाद पढ़ाई के लिए विदेश जाने की इच्छा जाहिर की थी। इसमें कोई दोराय नहीं है कि फॉरेन एजुकेशन अब बड़े पैमाने पर भारतीय स्टूडेंट्स को आकर्षित कर रही है।
लेकिन यह भी उतना ही सही है कि इस प्रक्रिया में स्टूडेंट्स को महंगी फीस से लेकर वीजा और सही गाइडेंस तक कई तरह की सहायता की जरूरत भी होती है। ऐसे में कुछ प्लेटफॉर्म्स हैं जो स्टूडेंट्स को बिना बाधा अपना फॉरेन एजुकेशन का सपना पूरा करने में मदद कर रहे हैं।
ज्ञानधन: थ्री स्टेप फाइनेंसिंग के साथ कई सर्विसेज
यह प्लेटफॉर्म विदेश में पढ़ाई की योजना बना रहे स्टूडेंट्स को कई तरह की सर्विसेज ऑफर करता है। इनमें फाइनेंसिंग और काउंसलिंग के अलावा स्कॉलरशिप, ट्रैवल, वीजा काउंसलिंग, करंसी एक्सचेंज, मैट्रिक्स सिम कार्ड और अकॉमोडेशन जैसी सर्विसेज भी शामिल हैं। देशभर में इनके कई पार्टनर्स हैं जैसे कि एक्सिस बैंक, अवांस, बैंक ऑफ बड़ौदा, आईसीआईसीआई बैंक आदि। यहां स्टूडेंट्स को तीन स्टेप्स में आसानी से लोन मिल जाता है जिसमें ऑनलाइन अप्रूवल, लेंडर अप्रूवल और लोन डिसबर्सल शामिल है।
प्रॉडिजी फाइनेंस: बिना कोलैटरल लोन सुविधा
यह इंटरनेशनल पोस्टग्रेजुएशन स्टूडेंट्स के लिए लोन की सुविधा देता है। इसके लिए स्टूडेंट्स का चयन उनकी वर्तमान स्थितियों के आधार पर नहीं बल्कि भविष्य में उनकी आमदनी की संभावना के आधार पर किया जाता है। अच्छी बात यह है कि बिना को-साइनर या कोलैटरल या गारंटर की अनिवार्यता के यह बिजनेस, इंजीनियरिंग, लॉ, पब्लिक पॉलिसी और हैल्थ साइंसेज के क्षेत्र में दुनिया के 750 स्कूल्स के लिए आपको लोन की सुविधा उपलब्ध करवाता है।
लीवरेज एड्यू: लोन के साथ मेंटर की भी हेल्प
बेस्ट मेंटर्स और पर्सनलाइज्ड वर्कशॉप्स की सहायता से यह प्लेटफॉर्म देशभर के स्टूडेंट्स को हायर एजुकेशन के ऑप्शन और सही कॅरिअर चुनने में मदद कर रहा है। लीवरेज एड्यू अपने स्पेशलाइज्ड टेक प्रॉडक्ट्स से कई सुविधाएं देता है जैसे कि यूनीवैली के जरिए स्टूडेंट्स और यूनिवर्सिटीज को एकसाथ लाना और यूनीकनेक्ट के माध्यम से एक वर्चुअल एजुकेशन फेयर का आयोजन करना जहां 150 से ज्यादा यूनिवर्सिटीज हजारों स्टूडेंट्स के साथ कनेक्ट कर सकती हैं। साथ ही साथ यह एजुकेशन लोन भी उपलब्ध करवाता है।
स्टडी ग्रुप: एडमिशन से लेकर जॉब तक सपोर्ट
स्टडी ग्रुप यूके, यूरोप, नॉर्थ अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की अग्रणी यूनिवर्सिटीज के साथ काम कर रहा है। अपने ऑन कैंपस प्रोग्राम के जरिए यह स्टूडेंट्स को लैंग्वेज, एकेडमिक और सोशल स्किल्स उपलब्ध करवाता है जो उन्हें अपनी पसंद की यूनिवर्सिटी में एडमिशन से लेकर सफलता के साथ ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद तक भी मदद करता है। इनका जॉब रेडी प्रोग्राम भारतीय स्टूडेंट्स में ट्रांसफरेबल स्किल्स का विकास करने, काम के साथ कमाने और जॉब हासिल करने में मदद करता है।
द वर्ल्डग्रैड: पहला सेमेस्टर ऑनलाइन
आईएसबी के अभिनव मित्तल, आईआईटी के प्रणव सक्सेना और आईआईएमबी के अमित गार्गा ने वर्ल्डग्रैड की शुरुआत कोरोना के दौरान विदेशी शिक्षा में आने वाले चैलेंजेज को दूर करने के लिए की। इसकी मदद से स्टूडेंट्स अपने स्टडी अब्रॉड प्रोग्राम का पहला सेमेस्टर या पूरा एक वर्ष ऑनलाइन पढ़ सकते हैं। इससे विदेश में रहने और लॉजिस्टिक्स से जुड़े अन्य खर्च (लगभग 10-15 लाख रुपए तक) बचा सकते हैं। सबसे बड़ा फायदा यह है कि ऑनलाइन पूरे किए गए क्रेडिट्स विदेशी संस्थानों में पूरी तरह मान्य होते हैं।
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