एक्स-रे टेक्नोलॉजी मुख्य तौर पर पैरामेडिकल कोर्स में से एक है। जो छात्र हेल्थ केयर सेक्टर में अपना करियर बनाने की इच्छा रखते हैं और टेक्नोलॉजी में भी दिलच्सपी रखते हैं वह उम्मीदवार इस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं। पैरामेडिकल में अपना करियर बनाने की इच्छा रखने वाले उम्मीदवारों के लिए ये एक अच्छा ऑप्शन है। जिसे छात्र कक्षा 12वीं के बाद से कर सकते हैं। आइए आपको कोर्स की योग्यता, कॉलेज, फीस, सिलेबस के साथ करियर ऑप्शन के बारे में विस्तार से बताएं।
एक्स-रे टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा कोर्स 2 साल की अवधि का कोर्स है जिसके लिए उम्मीदवारों का साइंस स्ट्रीम का पढ़ा हुआ होना आवश्यक है। इस कोर्स में उम्मीदवारों को रेडियोग्राफी, इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी, हेमेटोलॉजी, ह्यूमन एनाटॉमी और फिजियोलॉजी के साथ डायग्नोस्टिक टेक्निक्स के बुनियादी पहलुओं के बारे में भी पढ़ाया जाता है। इस कोर्स को पूरा कर उम्मीदवार किसी भी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल या क्लिनिक में कार्य कर सकता है और साल का 2 से 4 लाख रुपये कमा सकता है। इसके अलावा उम्मीदवार उच्च शिक्षा प्राप्त कर बीएससी और बाद में एमएससी कर सकता है।
डिप्लोमा इन एक्स-रे टेक्नोलॉजी : योग्यता
एक्स-रे टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा कोर्स करने की इच्छा रखने वाले जो उम्मीदवारों को कोर्स के योग्यता के बारे में जानना आवश्यक है जो कि इस प्रकार है -
- मान्यता प्राप्त शैक्षिक संस्थान से साइंस स्ट्रीम में कक्षा 12वीं पास छात्र इस कोर्स के लिए आवेदन कर सकता है।
- 12वीं परीक्षा दे चुका या देने वाला उम्मीदवार कोर्स में प्रवेश के लिए योग्य है।
- साइंस स्ट्रीम में छात्रों के पास मुख्य विषयों में पीसीबी विषय शामिल होने आवश्यक है।
डिप्लोमा इन एक्स-रे टेक्नोलॉजी : प्रवेश का प्रकार
एक्स-रे टेक्नोलॉजी में करियर बनाने के लिए जो उम्मीदवार डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेना चाहते हैं वह मेरिट और प्रवेश परीक्षा दोनों के आधार पर भारत के किसी भी अच्छे संस्थान में प्रवेश ले सकते हैं।
मेरिट के आधार पर प्रवेश देने वाले संस्थानों द्वारा कक्षा 12वीं के अंकों के आधार पर एक मेरिट लिस्ट जारी की जाती है। इसलिए कोर्स में प्रवेश के लिए छात्रों को 12वीं में अच्छा प्रदर्शन करना आवश्यक है ताकि उम्मीदवार मेरिट के आधार पर प्रवेश प्राप्त कर सकें।
डिप्लोमा प्रोग्राम में प्रवेश मुख्य तौर पर प्रवेश परीक्षा के माध्यम से लिया जाता है। शैक्षिक संस्थानों द्वारा आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा में उम्मीदवारों के प्रदर्शन के अनुसार उन्हें रैंक किया जाता है जिसके आधार पर उन्हें संस्थान में प्रवेश प्राप्त होता है।
डिप्लोमा इन एक्स-रे टेक्नोलॉजी : कॉलेज और फीस
1. निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर - 35,000 रुपये
2. आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी, भोपाल - 28,000 रुपये
3. अकादमी संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान, कोलकाता - 33,000 रुपये
4. ग्लोकल यूनिवर्सिटी, सहारनपुर - 79,000 रुपये
5. एनआईयू (NIU), ग्रेटर नोएडा - 52,000 रुपये
6. हिंद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ - 60,000 रुपये
डिप्लोमा इन एक्स-रे टेक्नोलॉजी : सिलेबस
प्रथम वर्ष
- ह्यूमन एनाटॉमी एंड फिजियोलॉजी
- बेसिक ऑफ रेडियोग्राफी
- रेडियोग्राफिक टेक्निक्स एंड डायग्नोस्टिक
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी
- रेडियोग्राफी : पेशेंट केयर इन हॉस्पिटल प्रैक्टिस
- रेडियोडायग्नोस्टिक रेडियोग्राफी इक्विपमेंट्स
द्वितीय वर्ष
- रेडियो डायग्नोस्टिक रिजल्ट कॉरलेशन
- क्लिनिकल हेमेटोलॉजी, केमिस्ट्री एंड यूरिनलिसिस
- डायग्नोस्टिक रेडियोग्राफी
- रेडियोग्राफिक टेक्निक्स
- बेसिक फिजिक्स
- रेडियोग्राफिक इमेज एक्वीजीशन टेंशन
डिप्लोमा इन एक्स-रे टेक्नोलॉजी : स्कोप
एक्स-रे टेक्नोलॉजी कोर्स में डिप्लोमा करने के बाद उम्मीदवारों के पास कई संस्थानों में एक्स-रे टेक्निशियिन के तौर पर कार्य कर साल का 2 से 4 लाख रुपये कमा सकते हैं। उम्मीजवार नौकरी के अलावा उच्च शिक्षा के लिए भी जा सकते हैं वह एक्स-रे टेक्नोलॉजी में उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। उम्मीदवार नीचे दिए कोर्सेस में किसी के लिए आवेदन कर सकते हैं।
1. बीएससी इन रेडियोलॉजी
2. बीएससी इन रेडियोग्राफी इमेजिंग टेक्निक्स
3. बीएससी मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी
ऊपर दिए अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्स करने के बाद उम्मीदवार यदि आगे संबंधित विषय में और शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं तो वह एमएससी कोर्स में प्रवेश या फिर किसी पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। और इसके बाद पीएचडी कोर्स में इनरोल कर उम्मीदवार किसी भी विश्वविद्यालय में पढ़ा सकते हैं।
डिप्लोमा इन एक्स-रे टेक्नोलॉजी : जॉब प्रोफाइल और सैलरी
असिस्टेंट एक्स-रे टेक्निशियन - 1 से 2 लाख रुपये
एक्स-रे टेक्निशियन - 2 से 3 लाख रुपये
कंसल्टेंट रेडियोलॉजिस्ट - 2 से 3 लाख रुपये
एक्स-रे टेस्टिंग टेक्निशियन - 3 से 4 लाख रुपये
शिक्षक - 3 से 4 लाख रुपये
डिप्लोमा इन एक्स-रे टेक्नोलॉजी : भर्तीकर्ता
1. सरकारी और प्राइवेट अस्पताल
2. क्लिनिक
3. मेडिकल लैब
4. सरकारी लैब
5. डॉक्टर ऑफिस
6. आउटपेशेंट केयर
7. मेडिकल कंटेंट राइटिंग
8. कॉलेज और विश्वविद्यालय
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