डिप्लोमा इन अकाउंटिंग मैनेजमेंट छात्रों को प्रबंधन में ज्ञान और कौशल प्रदान करता है जिसमें कंपनी प्रबंधन और निर्णयों से संबंधित प्रणालियों, प्रक्रियाओं और नीतियों पर चर्चा शामिल है। बता दें कि अकाउंटिंग मैनेजमेंट में डिप्लोमा लेखा और वित्त के क्षेत्र में 1 वर्ष की अवधि का पाठ्यक्रम है जो कि मैनेजमेंट को अपने कार्य को अधिक कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से करने में मदद करता है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको डिप्लोमा इन अकाउंटिंग मैनेजमेंट से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर अकाउंटिंग मैनेजमेंट में डिप्लोमा करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में अकाउंटिंग मैनेजमेंट में डिप्लोमा करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डिप्लोमा इन अकाउंटिंग मैनेजमेंट
• कोर्स का प्रकार- डिप्लोमा
• कोर्स की अवधि- 1 साल
• पात्रता- 12वीं
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम/ मेरिट बेस्ड
• जॉब प्रोफाइल- बीमा एजेंट, लेखा प्रबंधक, वित्तीय विश्लेषक, वित्तीय प्रबंधक, फोरेंसिक लेखाकार या धोखाधड़ी जांचकर्ता, आंतरिक लेखा परीक्षक, वित्त प्रबंधक, लेखाकार आदि।
• टॉप रिक्रूटर्स- कॉलेज और विश्वविद्यालय, सरकारी संगठन, बीमा कंपनियां, बैंक, बहुराष्ट्रीय कंपनियां आदि।
डिप्लोमा इन अकाउंटिंग मैनेजमेंट: पात्रता
- उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से गणित विषय के साथ 12वीं की मार्कशीट होनी चाहिए।
- उम्मीदवार की अंग्रेजी भाषा में अच्छी पकड़ होने चाहिए।
डिप्लोमा इन अकाउंटिंग मैनेजमेंट: प्रवेश प्रक्रिया
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में डिप्लोमा इन अकाउंटिंग मैनेजमेंट कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है जबकि कुछ कॉलेजों में मेरिट आधार पर भी एडमिशन दिए जाते हैं।
डिप्लोमा इन अकाउंटिंग मैनेजमेंट के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
कुछ ही कॉलेज हैं जो प्रवेश परीक्षा में उम्मीदवार के प्रदर्शन के आधार पर डिप्लोमा इन अकाउंटिंग मैनेजमेंट कोर्स में प्रवेश देते हैं। प्रवेश परीक्षा से संबंधित अधिक जानकारी के लिए छात्र कॉलेज/विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें अकाउंटिंग मैनेजमेंट में डिप्लोमा का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
डिप्लोमा इन अकाउंटिंग मैनेजमेंट: सिलेबस
- मैनेजिरियल अकाउंटिंग
- फाइनेंशियल अकाउंटिंग
- एडवांस्ड अकाउंटिंग/ऑडिटिंग
- अकाउंटिंग इंफॉर्मेशन सिस्टम
- टैक्स प्लेनिंग एंड मैनेजमेंट
- एडवांस्ड मैनेजमेंट टेक्नीक
- मैनेजमेंट अकाउंटेंसी
- इकॉनोमिक प्लानिंग एंड डेवलेपमेंट
- मार्केटिंग ऑर्गेनाइजेशन एंड मैथेड
- इंडस्ट्रियल रिलेशन एंड पर्सोनल मैनेजमेंट
- फॉरेंसिक अकाउंटिंग
डिप्लोमा इन अकाउंटिंग मैनेजमेंट: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- अखिल भारतीय सार्वजनिक और शारीरिक स्वास्थ्य विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली- फीस 4,000
- वर्धमान महावीर ओपन यूनिवर्सिटी (वीएमओयू), कोटा- फीस 1,600
- वेदांत्री वेलफेयर नेटवर्क ऑफ इंस्टीट्यूशंस, दुर्गाकुंड- फीस 5,000
डिप्लोमा इन अकाउंटिंग मैनेजमेंट: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- इंश्योरेंस एजेंट- सैलरी 4 लाख
- अकाउंटिंग मैनेजर- सैलरी 5 लाख
- फाइनेंशियल एनालिस्ट- सैलरी 3.50 लाख
- फाइनेंशियल मैनेजर- सैलरी 4.20 लाख
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