पॉलिटेक्निक आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स: एमडिशन प्रोसेस, एलिजिबिलिटी और टॉप कॉलेज

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा तीन साल की अवधि का एक कोर्स है जो कि बिल्डिंग बनाने के लिए लेआउट, डिजाइनिंग और प्लानिंग पर फोकस करता है। इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए छात्रों को किसी मान्यता प्राप्त शैक्षिक बोर्ड से 10वीं कक्षा में न्यूनतम 55% अंक के साथ पास होना आवश्यक है।

बता दें कि आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन के लिए कुछ कॉलेज कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) भी आयोजित करते हैं। भारत में टॉप डिप्लोमा कोर्स में से एक आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग के कॉलेज की फीस आमतौर पर 8,000 से 85,000 के बीच होती है।
इस डिप्लोमा कोर्स को पूरा करने के बाद छात्रों को शैक्षिक संस्थानों, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, निर्माण कंपनियों, हवाई अड्डों, आवास उद्योग, रेलवे आदि जैसे प्रमुख क्षेत्रों में नौकरी मिलने के चांस बढ़ जाते है।

पॉलिटेक्निक आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा डिग्री प्राप्त करने के बाद छात्रों को बिल्डिंग डिज़ाइनर, असिस्टेंट आर्किटेक्ट, लेआउट डिज़ाइनर, टीचर, इंटीरियर डिज़ाइनर, ऑटोमोटिव डिज़ाइनर जैसी जॉब प्रॉफाइल के लिए काम पर रखा जाता है। जिसकी वार्षिकी सैलरी औसतन 1,20,000-1,80,000 के बीच होती है।

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स के लिए एलिजिबिलिटी

• उम्मीदवारों को न्यूनतम 55% कुल स्कोर के साथ किसी मान्यता प्राप्त राज्य और केंद्रीय बोर्ड या परिषद से अपनी 10 वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा पास करने की आवश्यकता है।
• एससी / एसटी / ओबीसी उम्मीदवारों के लिए 5% की छूट दी जाती है जिसके साथ वो 50% अंक के साथ इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए योग्य है।
• उम्मीदवारों के पास 10वीं स्तर पर अध्ययन के विषय के रूप में विज्ञान और गणित होना आवश्यक है।
• छात्रों के पास कक्षा 10 में किसी भी विषय में कोई बैकलॉग या कंपार्टमेंट नहीं होना चाहिए, अन्यथा उन्हें एडमिशन नहीं मिल पाएगा।

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा अवधि

10वीं के बाद आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग कोर्स में डिप्लोमा की अवधि 3 साल होती है। इन 3 वर्षों में, पाठ्यक्रम को 6 सेमेस्टर में विभाजित किया गया है और प्रत्येक सेमेस्टर में 6 महीने की अवधि है। अवधि:- 3 वर्ष (6 सेमेस्टर)

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग डिप्लोमा में प्रवेश प्रक्रिया

मेरिट बेस्ड एमडिशन प्रोसेस
• डिप्लोमा इन आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग कोर्स के लिए आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से किया जा सकता है। आप आवेदन पत्र कॉलेजों की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं या आप सीधे कॉलेज से आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं।
• मेरिट-आधारित प्रवेश के लिए, उम्मीदवारों को अपने 10वीं में अच्छे अंक की आवश्यकता होती है।
• आवेदन पत्र भरे जाने के बाद सभी आवेदनों की ठीक से जाँच की जाती है और उसके अनुसार मेरिट लिस्ट निकाली जाती है। मेरिट लिस्ट में नाम आने के बाद उम्मीदवार आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं।
• जिसके लिए उम्मीदवार को 10 वीं कक्षा की मार्कशीट, प्रमाण पत्र, आईडी प्रूफ, जाति प्रमाण पत्र (यदि आवश्यक हो), फोटो, हस्ताक्षर आदि जैसे आवश्यक दस्तावेज सबमिट करने के साथ-साथ कोर्स की फीस सबमिट कर अपनी सीट सुरक्षित करनी होती है।

एंट्रेंस एग्जाम बेस्ड एमडिशन प्रोसेस
• उम्मीदवार को ईमेल आईडी, फोन नंबर, पासवर्ड आदि का उपयोग करके एंट्रेंस एग्जाम के लिए खुद का रजिस्ट्रेशन करने की आवश्यकता है।
• आवश्यक जानकारी के साथ एंट्रेंस एग्जाम का रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें। याद रखें कि सभी दी गई जानकारी सही होनी चाहिए, अन्यथा आवेदन खारिज कर दिया जाएगा।
• मांगे गए दस्तावेजों को स्कैन और अपलोड करें। ऑनलाइन या ऑफलाइन के माध्यम से रजिस्ट्रेशन फॉर्म की फीस सबमिट कर फॉर्म जमा करें।
• रजिस्ट्रेशन होने के बाद कॉलेज प्राधिकरण एग्जाम के लिए एडमिट कार्ड जारी करता है। जिसको उम्मीदवार डाउनलोड व प्रिंट करा सकते हैं।
• जिसके बाद उम्मीदवारों को एडमिट कार्ड में दी गई डेट, टाइम और जगह के अनुसार एंट्रेंस एग्जाम देने के लिए उपस्थित होना होगा और अच्छा प्रदर्शन करना होगा।
• टेस्ट होने के बाद कट-ऑफ जारी की जाती है जिसमें की उम्मीदवार का नाम आने के बाद वो अपनी सीट आवश्यक दस्तावेजों और फीस सबमिट करने के बाद एडमिशन ले सकता है।

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग डिप्लोमा के लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम के नाम

  • AP POLYCET.
  • DELHI CET.
  • TS POLYCET.

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद करियर

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद छात्रों के लिए देश-विदेश में नौकरी के अवसर बढ़ जाते हैं। आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के बाद छात्रों के लिए औसत वेतन वार्षिकी 15 लाख तक का हो सकता है।

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग के बाद छात्रों के लिए कुछ बेहतरीन जॉब प्रोफाइल हैं:
• इमेज क्लेकटर
• जूनियर आर्किटेक्ट
• टैक्नीशियन
• इंटिरियर साइट सुपरवाइसर
• डिजाइन कॉरडिनेटर
• स्ट्रक्चरल डिजाइन इंजीनियर
• सिनियर इंटीरियर डिजाइनर
• आर्किटेक्ट टैक्नॉलोजिस्ट
• आर्किटेक्ट रिवन्यू ऑफिसर
• ऑटोमेशन आर्किटेक्ट
• लैंडस्केप डिजाइनर

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद छात्रों की नौकरी के लिए विभिन्न क्षेत्र में मांग है, जैसे कि
• इंजीनियरिंग
• इंफास्ट्रक्चर
• प्रोडक्ट डिजाइन
• ग्राफिक्स
• कंस्ट्रक्शन
• रिजन डेवलेपमेंट

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए टॉप कॉलेज की सूची

कॉलेज का नामफीस
एकेडमी ऑफ आर्किटेक्चर, मुंबई8,000
एसीएन कॉलेज ऑफ पॉलिटेक्निक, उत्तर प्रदेश19,667
एएमआईई इंस्टीट्यूट, कोलकत्ता15,000
एपीएस पॉलिटेक्निक, बैंग्लोर17,600
आर्यभट्ट इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली10,500
कोचीन टेक्नोलॉजी कॉलेज, कोच्चि14,400
देवघर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी12,000
गौतम गर्ल्स पॉलिटेक्निक, हिमाचल प्रदेश15,000
सरकारी पॉलिटेक्निक, उत्तर प्रदेश7,500
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English summary
A diploma in Architectural Engineering is a three-year course which focuses on layout, designing and planning for building construction. To take admission in this course, students must have passed 10th class with minimum of 55% marks from a recognized educational board.
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