मैनेजमेंट कोर्स में हर साल लाखों लोग प्रवेश लेते हैं। भारत के साथ-साथ पूरे विश्व में मैनेजमेंट कोर्स की सबसे ज्यादा डिमांड होती है। मैनेजमेंट कोर्स में कई हॉट जॉब होती है जिसके लिए छात्रों की पहल पसंद ये कोर्स ही होते हैं। इस कोर्स में कई विषयों में स्पेशलाइजेशन होती है इसी के साथ भारत के कई संस्थान मैनेजमेंट के कई विषयों में डिप्लोमा कोर्स भी ऑफर करते हैं उन्हीं में से एक कोर्स है डिप्लोमा इन फाइनेंशियल मैनेजमेंट। आइए इस कोर्स के बारे में विस्तार से जाने-
डिप्लोमा इन फाइनेंशियल मैनेजमेंट 1 साल की अवधि का अंडरग्रेजुएशन लेवल का कोर्स है। इस कोर्स में प्रवेश कक्षा 12वीं के बाद किया जा सकता है। कोर्स पूरा करने के बाद छात्र कई बड़े संस्थानों में अच्छे पदों पर नौकरी कर सकते हैं इसी के साथ यदि वह चाहें तो आगे उच्च शिक्षा के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। कोर्स पूरा कर छात्र साल का 3 से 8 लाख रुपये तक आराम से कमा सकते हैं। यदि इस कोर्स की फीस की बात करे तो कोर्स की फीस 10 हजार से 5 लाख तक जा सकती है। कोर्स की फीस संस्थान की रैंकिंग और उसके सरकारी और प्राइवेट होने पर निर्भर करती है। इस कोर्स में छात्रों को रिस्क मैनेजमेंट, इन्वेस्टमेंट प्लैनिंग, कॉरपोरेट टाक्स प्लैनिंग, इकोनामी और फाइनेंस आदि जैसे कई विषयों के बारे में पढ़ाया जाता है। आइए कोर्स से संबंधित अन्य जानकारी के बारे में विस्तार से जाने।
डिप्लोमा इन फाइनेंशियल मैनेजमेंट : योग्यता
किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से कक्षा 12वीं या उसके समान शिक्षा वाला छात्र इस कोर्स के लिए आवेदन कर सकता है।
कक्षा 12वीं में छात्रों के कम से कम 50 प्रतिशत अंक होने अनिवार्य।
आरक्षित श्रेणी के छात्रों को अंक प्रतिशत में करीब 5 प्रतिशत की छूट मिलती है यानी वह कोर्स के लिए 45 प्रतिशत पर आवेदन कर सकते हैं।
इस कोर्स में प्रवेश मेरिट और प्रवेश परीक्षा के माध्यम से लिया जा सकता है। कुछ संस्थान इस कोर्स को मेरिट बेस पर प्रवेश देते हैं तो कुछ संस्थान इस कोर्स में प्रवेश परीक्षा के माध्यम से देते हैं।
डिप्लोमा इन फाइनेंशियल मैनेजमेंट : सिलेबस
एक साल के इस डिप्लोमा कोर्स को समेस्टर सिस्टम के तहत 2 समेस्टर में बांटा गया है। हर समेस्टर के बाद समेस्टर परीक्षा का आयोजन किया जाता है। इन बांटे गए समेस्टर का सिलेबस कुछ इस प्रकार है।
समेस्टर 1
- फाइनेंशियल रिर्पोटिंग एंड कंट्रोल (अकाउंट)
- क्वानटेटिव मैथर्ड
- मार्जिनल इकोनॉमिक्स
- मार्जिनल फाइनेंस
- इंटरनेशनल इकोनामी एंड फाइनेंस
समेस्टर 2
- कैपिटल मार्केट
- फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन
- कॉरपोरेट टैक्स प्लैनिंग
- इन्वेस्टमेंट प्लैनिंग एंड मैनेजमेंट
- रिस्क मैनेजमेंट
डिप्लोमा इन फाइनेंशियल मैनेजमेंट : कॉलेज और फीस
- एनएमआईएमएस विश्वविद्यालय : 35,000 रुपये
- इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट एंड एडमिनिस्ट्रेशन, दिल्ली : 14,900 रुपये
- इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट एंड एडमिनिस्ट्रेशन, बैंगलोर : 14,900 रुपये
- इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट एंड एडमिनिस्ट्रेशन, हैदराबाद : 14,900 रुपये
- ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज : 2,300 रुपये
- डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी : 40,000 रुपये
- रामानुजन कॉलेज : 5,000 रुपये
- स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय : 43,100 रुपये
- एटीएम ग्लोबल बिजनेस स्कूल : 2,90,000 रुपये
- इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट डेवलपमेंट एंड रिसर्च : 56,000 रुपये
- मुंबई विश्वविद्यालय : 48,400 रुपये
डिप्लोमा इन फाइनेंशियल मैनेजमेंट : पुस्तक और उनके लेखक
- फाइनेंसियल मैनेजमेंट : प्रॉब्लम इन अकाउंटिंग - पियर्सन
- कैपिटल मार्केट - के. थॉमस लियाव, श्रॉफ
- कॉरपोरेट टैक्स प्लैनिंग - महेश चंद्र प्रसाद
- रिस्क मैनेजमेंट - एस के पोद्दार, श्रुति पी
डिप्लोमा इन फाइनेंशियल मैनेजमेंट : जॉब प्रोफाइल और वेतन
- फाइनेंसियल असिस्टेंट : 2 से 4 लाख रुपये
- अकाउंटेंट : 2 से 3 लाख रुपये
- फाइनेंसियल सर्विस एनालिस्ट : 3 से 4 लाख रुपये
- मैनेजमेंट ट्रेनी : 3 से 4 लाख रुपये
- फाइनेंस मैनेजर : 9 से 10 लाख रुपये
डिप्लोमा इन फाइनेंशियल मैनेजमेंट : स्कोप
जो छात्र इसी क्षेत्र में आगे की पढ़ाई करने की इच्छा रखते हैं वह छात्र डिप्लोमा पूरा करने के बाद नीचे दिए कोर्सों के लिए आवेदन भी कर सकते हैं।
बीबीए
पीजी डिप्लोमा इन फाइनेंशियल मैनेजमेंट
एमबीए