शिक्षा सभी के लिए आवश्यक है और उसी के साथ शिक्षा देने वाले शिक्षक भी जरूरी है जो हमें शिक्षा दे और शिक्षा के मायने सिखाए। कई छात्र ऐसे होते हैं जो पहले से ही ये सोच लेते हैं की वह बड़े होकर एक शिक्षक बनना चाहते हैं। कक्षा 12वीं के बाद छात्र एजुकेशन के कोर्सेस की तलाश करते हैं। भारत के कई संस्थान हैं जो एजुकेशन में डिप्लोमा कोर्स करवाते हैं। जो छात्र शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं उन छात्रों के लिए ये कोर्स एजुकेशन सेक्टर में उनका पहला कदम हो सकता है। डिग्री के अलावा एजुकेशन में डिप्लोमा कोर्स छात्रों के लिए एक अच्छा मौका है। इस कोर्स को करके वह अपना सपना पूरा कर लेते हैं। आइए इस कोर्स के बारे में विस्तार से जाने।
डिप्लोमा इन एजुकेशन (D.Ed) कोर्स 2 साल की अवधि का कोर्स है। ये अंडरग्रेजुएट लेवल कोर्स है जो कक्षा 12वीं के बाद किया जा सकता है। इस कोर्स के माध्यम से छात्रों को शिक्षक बनने की ट्रेनिंग दी जाती है। कोर्स छात्रों के लिए फूल टाइम और डिस्टेंस मोड दोनों में उपलब्ध है। इस कोर्स को करने के बाद छात्र एक शिक्षक के तौर पर कार्य कर सकते हैं। कोर्स की अवधि की बात करें तो कोर्स की फीस संस्थान के फीस स्ट्रक्चर पर आधारित है जो 15 हजार से 70 हजार तक हो सकती है। कोर्स पूरा करने के बाद छात्र चाहे तो नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं और चाहे तो उच्च शिक्षा के लिए भी जा सकते हैं। आइए कोर्स के बारे में अन्य महत्वपूर्ण जानकारी जाने-
डिप्लोमा इन एजुकेशन : योग्यता
एजुकेश में डिप्लोमा करने वाले छात्रों को किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से कक्षा 12वीं पास करनी होगी।
किसी भी स्ट्रीम का छात्र इस कोर्स के लिए आवेदन कर सकता है।
कक्षा 12वीं में छात्रों को कम से कम 50 प्रतिशत अंक लाने अनिवार्य है तभी वह इस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं।
आरक्षित श्रेणी के छात्रों को अंक प्रतिशत में 5 प्रतिशत की छूट मिलती है।
इसी के साथ ग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट करने के बाद भी इस कोर्स में प्रवेश लिया जा सकता है।
डिप्लोमा इन एजुकेशन : प्रवेश प्रक्रिया
डिप्लोमा इन एजुकेशन कोर्स में दाखिला मेरिट और प्रवेश परीक्षा के आधार पर लिया जाता है। मेरिट बेस पर प्रवेश कक्षा 12वीं के अंकों के आधार पर दिया जाता है। कक्षा 12वीं में छात्र के प्रदर्शन के आधार पर संस्थान इन कोर्सेस में प्रेवश ले सकते हैं। कुछ संस्थान ऐसे हैं जो इस कोर्स में प्रवेश के लिए परीक्षा का आयोजन करते हैं। इस परीक्षा में छात्र के प्रदर्शन के आधार पर छात्रों को कोर्स में प्रवेश दिया जाता है।
प्रवेश परीक्षा के नाम
महाराष्ट्र डी एड सेट
सीटेट
डिप्लोमा इन एजुकेशन : सिलेबस
डिप्लोमा इन एजुकेशन 2 साल की अवधि वाले इस कोर्स के सिलेबस 2 भागों में बांटा गया है। इस कोर्स को थ्योरी और प्रैक्टिकल में बांटा गया है जो इस प्रकार है-
थ्योरी
एजुकेशन इन इमर्जिंग इंडियन सोसायटी
एजुकेशनल साइकोलॉजी
सेकेंडरी एजुकेशन : इश्यूज एंड प्रॉब्लम्स
इनफॉरमेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी
मेथड्स ऑफ टीचिंग 1
मेथड्स ऑफ टीचिंग 2
सब्जेक्ट स्पेशलाइजेशन
प्रैक्टिकल
माइक्रोटीचिंग : 7 स्किल्स, 3 लेसन पर स्किल्स
द टीचिंग ऑफ सब्जेक्ट 1 : 20 लेसन
द टीचिंग ऑफ सब्जेक्ट 2 : 20 लेसन
क्रिटिसिज्म लेसन
फाइनल लेसन इन मेथड ऑफ टीचिंग मेजर सब्जेक्ट
वर्क एक्सपीरियंस
वर्किंग विद कम्युनिटी एंड सोशल सर्विस
5 साइकोलॉजिकल एक्सपेरिमेंट्स
डिप्लोमा इन एजुकेशन : कॉलेज
गीता आदर्श कॉलेज ऑफ एजुकेशन - 25,800 रुपये
भारत कॉलेज ऑफ एजुकेशन - 25,800 रुपये
एसजीएस तुली कॉलेज ऑफ एजुकेशन
सेठ बनारसीदास कॉलेज ऑफ एजुकेशन - 30,000 रुपये
लॉर्ड कृष्णा कॉलेज ऑफ एजुकेशन - 26,000 रुपये
मिलेनियम कॉलेज ऑफ एजुकेशन - 70,000 रुपये
राजीव गांधी कॉलेज
भाभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन - 15,000 रुपये
आरकेडीएफ विश्वविद्यालय - 50,000 रुपये
आईईएस कॉलेज ऑफ एजुकेशन - 30,000 रुपये
डिप्लोमा इन एजुकेशन : करियर
डिप्लोमा इन एजुकेश कोर्स करने वाले छात्र आगे उच्च शिक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसी के साथ कोर्स पूरा करन के बाद छात्र चाहें तो नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं। छात्र नीचे दी गई जॉब प्रोफाइल के लिए आवेदन कर सकते हैं।
जॉब प्रोफाइल
- होम ट्यूटर्स
- एजुकेशन कोऑर्डिनेटर
- असिस्टेंट प्रोफेसर
- एजुकेशन डेवलपर
- आर्टिकल राइटर
- एसोसिएट प्रोफेसर
- टीचर एंड जूनियर टीचर
- टीचर असिस्टेंट
- लाइब्रेरियन
- रिकॉर्ड कीपर
- ओवरसीज एजुकेशनल कंसल्टेंट्स
- डिविजनल एजुकेशनल कंसलटेंट
डिप्लोमा इन एजुकेशन : जॉब प्रोफाइल और सैलरी
एजुकेशन डेवलपर : 8.40 लाख रुपये
होम ट्यूटर : 2.25 लाख रुपये सालाना
सेकेंडरी स्कूल टीचर : 3 लाख रुपये सालाना
एजुकेशन कोऑर्डिनेटर : 2.5 लाख सालाना
आर्टिकल राइटर : 2 लाख रुपये सालाना
एसोसिएट प्रोफेसर : 3.65 लाख रुपये सालाना
असिस्टेंट प्रोफेसर : 5 लाख रुपये सालाना