आज की पीढ़ी के छात्र अंतरिक्ष या स्पेस शब्द सुनते ही अपना करियर इस क्षेत्र में बनाने का बारे में सोचते हैं। ऐसा इसलिए भी है कि भारत तेजी से अपनी स्पेस टेक्नोलॉजी के लिए कार्य कर रहा है और इसमें युवाओं और बच्चों के भी शामिल करने के लिए कई तरह के प्रोग्राम भी चला रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्र स्पेस टेक्नोलॉजी में अपना करियर बनाने की सोचें और इस क्षेत्र में अच्छा योगदान दें। स्पेस संबंधित कोर्स कर इस क्षेत्र में नौकरी कर आप एक अच्छा करियर बना सकते हैं और हाई सैलरी की जॉब भी कर सकते हैं। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको अंतरिक्ष प्रोद्योगिकी यानी स्पेस टेक्नोलॉजी कोर्स के बारे में बताएं। आइए जाने -
स्पेस टेक्नोलॉजी का उपयोग पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर होने वाली के लिए किया जाता है। जिसमें अंतरिक्ष यान, सैटलाइट, अंसरिक्ष स्टेशन (स्पेस स्टेशन) और अंचरिक्ष संचार आदि जैसी कई चीजे शामिल हैं। करियर की दिशा में छात्र अपना पहला कदम कक्षा 12वीं के बाद लेता है। यदि आप भी उन लोगों में से हैं जो स्पेस टेक्नोलॉजी में करियर बनाने की इच्छा रखते हैं तो आप बीटेक इन स्पेस टेक्नोलॉजी कोर्स में प्रवेश प्राप्त कर सकते है।
अन्य इंजीनियरिंग कोर्स जैसे इस कोर्स की अवधि भी 4 साल की होती है। इस कोर्स को पूरा कर छात्र पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स कर सकते हैं और चाहें तो एस्ट्रोनॉमी, एस्ट्रोफिजिसिस्ट, क्वालिटी एशयोरेंस स्पेशलिस्ट, स्पेस साइंटिस्ट और रोबोटिक टेक्नीशियर साइंस जैसे कई पदों पर कार्य कर सकते हैं और 4 से 11 लाख रुपये तक कमा सकते हैं। इस क्षेत्र में छात्रों के लिए कई रोजगार अवसर है जिसके बारे में आपकों लेख में दी गई करियर ऑप्शन की जानकारी देखने की आवश्यकता है।
बीटके इन स्पेस टेक्नोलॉजी कोर्स: योग्यता
- स्पेस टेक्नोलॉजी कोर्स में बीटेक करने के लिए छात्रों को कक्षा 12वीं साइंस स्ट्रीम से पास करनी अनिवार्य है।
- कोर्स में प्रवेश के लिए छात्रों को पीसीएम विषयों में कम से कम 50 प्रतिशत अंकों की आवश्यकता है।
- कुछ प्रवेश परीक्षाओं और संस्थानों की योग्यता 75 प्रतिशत अंकों की भी होती है। जैसे की एनटीए ने हाल ही में जानकारी देते हुए इंजीनियरिंग कोर्स में प्रवेश के लिए जेईई परीक्षा के लिए 75 प्रतिशत अंकों की आवश्यकता बताई है।
- स्पेस टेक्नोलॉजी कोर्स के लिए छात्रों को अंग्रेजी का ज्ञान होना भी आवश्यक है।
- आरक्षित श्रेणी (एससी, एसटी, ओबीसी और अन्य श्रेणी) के छात्रों कों प्रवेश के लिए कम से कम 45 प्रतिशत अंकों की आवश्यकता है।
- बैचलर कोर्स में प्रवेश के लिए छात्रों की न्यूनतम आयु 17 वर्ष से 23 वर्ष होनी चाहिए।
बीटके इन स्पेस टेक्नोलॉजी कोर्स: प्रवेश प्रक्रिया और परीक्षा
स्पेस टेक्नोलॉजी कोर्स में प्रवेश केवल प्रवेश परीक्षा के माध्यम से लिया जा सकता है। इस कोर्स में प्रवेश के लिए कुल 4 प्रमुख प्रवेश परीक्षाएं है। इसमें आईआईटी जेईई परीक्षा, भारतीय विज्ञान संस्थान प्रवेश परीक्षा
भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान प्रवेश परीक्षा (ISAT) और बीआईटीएसएटी परीक्षा शामिल हैं।
प्रवेश प्रक्रिया
आवेदन - कोर्स में प्रवेश के लिए छात्रों को संस्थान और प्रवेश परीक्षा की कंडक्टिंग बॉडी की आधिकारिक वेबसाइट से रजिस्ट्रेशन कर आवेदन करना है। (आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी नीचे दी गई है)
प्रवेश परीक्षा - आवेदन प्रक्रिया के बाद से प्रेवश प्रक्रिया का आयोजन किया जाता है जिसमें छात्रों को शामिल होकर अपना बेस्ट प्रदर्शन करना है।
रिजल्ट - प्रवेश परीक्षा के बाद संस्थान की तरफ से रिजल्ट जारी किया जाता है। जारी इस रिजल्ट में छात्रों के अंक के साथ उन्हें रैंक किया जाता है।
काउंसलिंग प्रक्रिया - रिजल्ट में प्राप्त रैंक के आधार पर छात्रों को काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल होना होत है। उनके द्वारा चयनित संस्थान या उनकी रैंक के आधार पर सीट अलॉट की जाती है।
वैरिफिकेशन - सीट अलॉटमेंट के बाद छात्रों को संबंधित संस्थान से वैरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी कर फीस का भुगतान करना होता है।
आवश्यक दस्तावेज
- फोटो आईडी
- पासपोर्ट साइज फोटो (स्कैन)
- मार्कशीट
- प्रोविजनल
- हस्ताक्षर
- 10 वीं की मार्कशीट
- आरक्षण प्रमाण पत्र (यदि है तो)
- अंगूठे का निशान
बीटके इन स्पेस टेक्नोलॉजी कोर्स: कॉलेज और फीस
आईआईएससी, बैंगलोर - 6,00,000 रुपये
बीआईटी मेसरा, रांची - 8,60,000 रुपये
एसवीयू, तिरुपति - 5,00,000 रुपये
आईआईटी बॉम्बे, मुंबई - 2,11,000 रुपये
आईआईएसटी, तिरुवनंतपुरम - 68,000 रुपये
आईआईटी, खड़गपुर - 82,070 रुपये
आईआईटी मद्रास, चेन्नई - 75,116 रुपये
आईआईटी कानपुर - 2,16,000 रुपये
अन्य कॉलेज
- आंध्र विश्वविद्यालय
- बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान
- कोचीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
- कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, विशाखापत्तनम
- गुजरात विश्वविद्यालय
- भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान, बैंगलोर
- भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान
- भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर
- भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, तिरुवनंतपुरम, केरल
- इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स यूनिवर्सिटी, धनबाद, झारखंड
- खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी के लिए इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर, पुणे
- कोनेरू लक्ष्मैया विश्वविद्यालय, आंध्र प्रदेश
- रेडियो खगोल विज्ञान के लिए राष्ट्रीय केंद्र
- भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला, अहमदाबाद, गुजरात
- पुणे विश्वविद्यालय, पुणे
- पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज चंडीगढ़
- रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट, बैंगलोर
- श्रीमती नाथीबाई दामोदर ठाकरे महिला, पुणे
- अंतरिक्ष समय अनुसंधान संस्थान, पुणे
- सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता, पश्चिम बंगाल
- टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय,नई दिल्ली, दिल्ली
- यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज,गुड़गांव, हरियाणा
- GITAM स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी, हैदराबाद
- चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, चंडीगढ़
- पारुल विश्वविद्यालय, वडोदरा
- मद्रास प्रौद्योगिकी संस्थान, चेन्नई
बीटके इन स्पेस टेक्नोलॉजी कोर्स: कोर विषय
- एस्ट्रोनॉमी
- एस्ट्रोफिजिक्स
- कॉस्मोलॉजी
- सैटलर साइंस
- प्लेनेटरी साइंस
- मैथमेटिक्स
- इंजीनियरिंग एप्लीकेशंस
- इलेक्ट्रॉनिक थर्मोडायनेमिक्स
- डिजिटल सिगनल प्रोसेसिंग
- ऑस्मोफीलिक एंड ओसियन साइंस
- ऑटोमिक मॉलेक्युलर एंड न्यूक्लियर फिजिक्स मेजरमेंट एंड इंस्ट्रूमेंटेशन
- अर्थ सिस्टम साइंस फिजिक्स एंड मैटेरियल्स
- कम्युनिकेशन
- बेसिक मैकेनिकल इंजीनियरिंग
- बेसिक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
बीटके इन स्पेस टेक्नोलॉजी कोर्स: करियर ऑप्शन
स्पेस टेक्नोलॉजी में बीटेक कोर्स पूरा कर छात्र कई विभिन्न पदों पर कार्य कर अपने करियर कि शुरुआत कर सकते हैं। छात्र चाहें तो उच्च शिक्षा के लिए भी आवेदन कर सकते हैं और संबंधित विषय में प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं और पीएचडी यानी डॉक्टरेट तक की शिक्षा प्राप्त कर किसी भी विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर के रूप में कार्य कर सकते हैं। आईए आपको टॉप भर्तीकर्ता और जॉब प्रोफाइल की जानकारी दें।
टॉप भर्तीकर्ता
- इसरो
- नासा
- एयरलाइंस
- एयरबस
- बोइंग
- स्पेसएक्स
- रोल्स रॉयस
- ब्ल्यू ओरिजिन
- S.A.B एयरोस्पेस S.r.o
- अग्निकुल कोस्मो
- स्पेस टैलोस लिमिटेड
- ब्रैडफोर्ड डीप स्पेस इंडस्ट्रीज
- एस्ट्रोएजेंसी
- ओडीसियस स्पेस
- रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO)
- हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)
- एयरोस्पेस उद्योग
- नेशनल एरोनॉटिकल लिमिटेड (NAL)
- राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान और विकास एजेंसी (NASRDA)
जॉब प्रोफाइल
- एस्ट्रोनॉमी
- एस्ट्रोफिजिसिस्ट
- क्वालिटी एश्योरेंस स्पेशलिस्ट
- ऑपरेटर
- ड्रॉफ्टर
- इलेक्ट्रीशियन
- लेसर टेक्नीशियन
- सेटेलाइट टेक्नोलॉजिस्ट
- रोबोटिक टेक्नीशियन रेडार टेक्नीशियन
- एनवायरमेंटल साइंटिस्ट
- साइंटिस्ट
- रिसर्च एसोसिएट
- स्पेस साइंटिस्ट
- मिशन स्पेशलिस्ट
- पायलट एस्ट्रोनॉट
- प्रोजेक्ट मैनेजर और डायरेक्टर
ऊपर दिए गए इन पदों पर कार्य कर आप सालाना 2 लाख से 11 लाख रुपये तक कमा सकते हैं। कोर्स पूरा कर उम्मीदवारों को कुछ समय की इंटर्नशिप करनी होती है जो उन्हें वास्तविकता से परिचित करती है और आगे नौकरी के समय में उन्हें इसका लाभ प्राप्त होता है।