क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा देना चाहते हैं और सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं, तो आपके लिए खूशखबरी है। केंद्र सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) द्वारा आयोजित सरकारी नौकरी भर्ती परीक्षाओं को अब 15 विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित करने का निर्णय लिया है।
गौरतलब हो कि केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने फैसला सरकारी नौकरी पाने के अभ्यर्थियों के भविष्य के मद्देनजर लिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने हाल ही में कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) द्वारा आयोजित सरकारी नौकरी भर्ती परीक्षा 15 भाषाओं में आयोजित करने का निर्णय लिया है, ताकि देश के युवा कोई अवसर न चूकें। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की 14वीं हिंदी सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, यह ऐतिहासिक निर्णय स्थानीय युवाओं की भागीदारी को बढ़ावा देगा और क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहित करेगा।
अन्य 13 क्षेत्रीय भाषाओं में प्रश्न पत्र
कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा का जिक्र करते हुए कहा, हाल ही में 15 भारतीय भाषाओं में सरकारी नौकरी परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया गया है, ताकि भाषा की बाधा के कारण देश का कोई भी युवा नौकरी के अवसर से न चूक जाए। उन्होंने कहा, हिंदी और अंग्रेजी के अलावा, प्रश्न पत्र 13 क्षेत्रीय भाषाओं यानी असमिया, बंगाली, गुजराती, मराठी, मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, उड़िया, उर्दू, पंजाबी, मणिपुरी (मैती भी) और कोंकणी में सेट किया जाएगा।
भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा
मंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले नौ वर्षों से अधिक समय में आधिकारिक भाषा हिंदी के अलावा भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उन्होंने कहा, इस निर्णय के परिणामस्वरूप लाखों अभ्यर्थी अपनी मातृभाषा/क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा में भाग लेंगे और उनकी चयन संभावनाओं में सुधार होगा। सिंह ने कहा कि विभिन्न राज्यों से एसएससी परीक्षा अंग्रेजी और हिंदी के अलावा अन्य भाषाओं में आयोजित करने की लगातार मांग की जा रही थी।
सभी 22 अनुसूचित भाषाओं में लिखित परीक्षा की मिलेगी अनुमति
सरकार ने अन्य बातों के अलावा इस पहलू (आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं की योजना और पाठ्यक्रम की समीक्षा) को देखने के लिए एक विशेषज्ञ समिति नियुक्त की। उन्होंने कहा, हालांकि नीति की शुरुआत राजभाषा नियम, 1976 के साथ की गई थी, लेकिन पिछले पांच-छह वर्षों में महत्वपूर्ण प्रगति केवल इसी में हुई है। सिंह ने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग ने हाल ही में उम्मीदवारों के लिए 15 भाषाओं में परीक्षा देने के लिए प्रारूप का अनावरण किया है और सभी 22 अनुसूचित भाषाओं में लिखित परीक्षा की अनुमति देने की योजना बनाई जा रही है।
अन्य परीक्षाओं पर विचार संभव
उन्होंने कहा, जेईई, एनईईटी और यूजीसी परीक्षाएं हमारी 12 भाषाओं में भी आयोजित की जा रही हैं। मंत्री ने कहा कि यूपीएससी में अभी भी उच्च अध्ययन विषय की पुस्तकों की कमी है, लेकिन भारतीय भाषाओं में विशेष पुस्तकों को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा मंत्रालय के साथ समन्वय में प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा, देश में हिंदी में पहला एमबीबीएस पाठ्यक्रम पिछले साल अक्टूबर में मध्य प्रदेश के भोपाल में शुरू किया गया था और अब उत्तराखंड हिंदी में एमबीबीएस कार्यक्रम शुरू करने वाला दूसरा राज्य बन गया है।