बीते 3-4 वर्षों में भारत में उभरे 150 से अधिक स्पेस स्टार्टअप्स

Indian Space Startup Growth: भारत मानव जाति के व्यापक लाभ के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष सहयोग का समर्थक है। यह हमारी गंभीर प्रतिबद्धता है कि बाह्य अंतरिक्ष का उपयोग केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए किया जाए और इसे संघर्ष से मुक्त रखा जाये।

बीते 3-4 वर्षों में भारत में उभरे 150 से अधिक स्पेस स्टार्टअप्स

उक्त बातें केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कही। डॉ सिंह विदेश मंत्रालय के सेंटर फॉर कंटेम्पररी चाइना स्टडीज द्वारा 'अंतरिक्ष - वैश्विक नेतृत्व की तलाश में चीन के लिए अंतिम सीमा' विषय पर नई दिल्ली स्थित सुषमा स्वराज भवन में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में मुख्य भाषण के दौरान ये बातें कहीं।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा, "हमने पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग के सिद्धांतों का लगातार पालन किया है। इसलिए हम चीन सहित अन्य सभी देशों से दूसरों के साथ खुली बातचीत में शामिल होने का आग्रह करते हैं, ताकि हम एक-दूसरे के मिशनों, उद्यमों को गुप्त रखें या शक के बिना साझा करें तथा यह भी सुनिश्चित करें कि हम एक सुरक्षित, सुरक्षित और स्थिर वातावरण बनाए रखें।"

इसलिए हम चीन सहित अन्य सभी देशों से एक दूसरों के साथ खुली बातचीत में शामिल होने का आग्रह करते हैं, ताकि हम एक-दूसरे के मिशनों, उद्यमों को लेकर गुप्त या संदिग्ध हुए बिना उन्हें साझा कर सकें और यह भी सुनिश्चित करें कि हम अंतरिक्ष मामलों को लेकर एक सुरक्षित, संरक्षित और स्थिर वातावरण बनाए रख सकें।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम न केवल विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी है, बल्कि उत्कृष्ट भी है। उन्होंने कहा कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण है और इसरो आम नागरिक के लिए 'जीवनयापन में सुगमता' लाने के लिए विश्व की अग्रणी अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहा है।

उन्होंने कहा, भले ही संयुक्त राज्य अमेरिका और तत्कालीन सोवियत संघ ने हमसे बहुत पहले अपनी अंतरिक्ष यात्रा शुरू कर दी थी और 1969 में अमेरिका ने चंद्रमा की सतह पर एक इंसान को उतारा था, फिर भी यह हमारा चंद्रयान ही है, जिसने चंद्रमा की सतह पर पानी का सबूत लाया। उन्होंने यह भी कहा कि नासा ने इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की ऐतिहासिक यात्रा के दौरान अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक संयुक्त अंतरिक्ष मिशन की पेशकश की है।

बीते 3-4 वर्षों में भारत में उभरे 150 से अधिक स्पेस स्टार्टअप्स

भारत के अंतरिक्ष मिशन

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत के अंतरिक्ष मिशन मानव संसाधनों और कौशल पर आधारित लागत प्रभावी होने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। उन्होंने कहा, रूसी चंद्रमा मिशन, जो असफल रहा था, उसकी लागत 16,000 करोड़ रुपये थी, और हमारे मिशन चंद्रयान -3 की लागत केवल 600 करोड़ रुपये थी।

डॉ जितेंद्र सिंह ने स्वामित्व, पीएम गति शक्ति, रेलवे, राजमार्ग और स्मार्ट शहर, कृषि, जल मैपिंग, टेलीमेडिसिन और रोबोटिक सर्जरी जैसी अवसंरचना क्षेत्रों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के एप्लीकेशन का उल्लेख करते हुए कहा कि 'संपूर्ण राष्ट्र' का यह दृष्टिकोण आम आदमी के लिए जीवन की सुगमता लाया है।

भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को किया जायेगा "अनलॉक"

डॉ जितेंद्र सिंह ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को "अनलॉक" करके और एक सक्षम वातावरण प्रदान करके भारत के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को अपने संस्थापक विक्रम साराभाई के सपने को साकार करने और सक्षम बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पूरा श्रेय दिया, जिससे भारत की विशाल क्षमता और प्रतिभा को एक राह मिल सके और स्वयं को शेष विश्व के सामने साबित किया जा सके।

3 से 4 वर्षों में करीब 150 से अधिक स्पेस स्टार्टअप

उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने अतीत की वर्जनाओं को तोड़ा है। वर्ष 2014 में केवल 4 स्पेस स्टार्टअप से शुरुआत हुई। डॉ सिंह ने कहा आज के समय में हमारे पास यानी केवल 3 से 4 वर्षों में करीब 150 से अधिक स्पेस स्टार्टअप मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि 'अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन' वैज्ञानिक अनुसंधान में एक बड़े सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल का मार्ग प्रशस्त करेगा। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि एनआरएफ हमें नए क्षेत्रों में नए अनुसंधान का नेतृत्व करने वाले चुनिंदा विकसित देशों की लीग में शामिल कर देगा।

2040 तक 40 बिलियन डॉलर होगी भारतीय अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसरो ने 380 से अधिक विदेशी उपग्रह लॉन्च किए हैं, 220 मिलियन यूरो से अधिक और अमेरिकी उपग्रह लॉन्च करके 170 मिलियन डॉलर से अधिक की कमाई की है। उन्होंने कहा, भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था आज लगभग 8 बिलियन डॉलर की है, मैं मानता हूं कि यह बहुत संतोषप्रद आंकड़ा नहीं है, लेकिन हमारा अपना अनुमान है कि 2040 तक हम 40 बिलियन डॉलर हो जाएंगे। लेकिन अधिक दिलचस्प बात यह है कि कुछ अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों के अनुसार, उदाहरण के लिए कुछ सप्ताह पहले एडीएल (आर्थर डी लिटिल) रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि हमारे पास 2040 तक 100 बिलियन डॉलर की क्षमता हो सकती है।

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English summary
Indian Space Startup Growth: India is a supporter of international space cooperation for the broader benefit of mankind. It is our solemn commitment to use outer space only for peaceful purposes and to keep it free from conflict. These things were said by Dr. Jitendra Singh, Union Minister of State for Science and Technology (Independent Charge), Minister of State in the Prime Minister's Office, Minister of State for Personnel, Public Grievances, Pensions, Atomic Energy and Space. Dr Singh said these things during the keynote address at a two-day conference organized by the Center for Contemporary China Studies of the Ministry of External Affairs on the topic 'Space - The final frontier for China in the quest for global leadership' at Sushma Swaraj Bhawan, New Delhi.
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