Who is Preeti Sudan, UPSC New chief Former IAS officer: सरकार ने पूर्व स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन को संघ लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है। बता दें कि यूपीएससी के पूर्व चेयरमैन मनोज सोनी ने इस महीने की शुरुआत में यूपीएससी के शीर्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। आधिकारिक आदेश के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में यूपीएससी के शीर्ष पद से इस्तीफा देने के बाद, सरकार ने पूर्व स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन को संघ लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है।
वर्तमान में यूपीएससी की सदस्य सुदान गुरुवार को अपना कार्यभार संभालेंगी। बीते 29 जुलाई को जारी आदेश में कहा गया है "राष्ट्रपति ने यूपीएससी की सदस्य प्रीति सूदन की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। प्रीति सूदन, 1 अगस्त 2024 से अगले आदेश तक या 29 अप्रैल 2025 तक, यूपीएससी के अध्यक्ष के रूप में कार्य करेंगी।"
गौरतलब हो कि आंध्र प्रदेश कैडर की 1983 बैच की आईएएस अधिकारी सूदन ने जुलाई 2020 तक तीन साल तक केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के रूप में विभिन्न पदों पर कार्य किया है। आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने 31 जुलाई से सोनी का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया है। सोनी ने 4 जुलाई को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
प्रीति सुदान को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की नई चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है। 1983 बैच की सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सुदान ने विभिन्न सरकारी भूमिकाओं में व्यापक अनुभव हासिल है।
प्रीति सुदान ने कहां से प्राप्त की अपनी शिक्षा?
प्रीति सुदान ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) से अर्थशास्त्र में एमफिल और सामाजिक नीति और नियोजन में एमएससी की डिग्री हासिल की है। उनकी मजबूत शैक्षणिक साख ने उनके करियर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे वे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और आयुष्मान भारत सहित कई राष्ट्रीय कार्यक्रमों में योगदान दे पाई हैं।
उनके उज्ज्वल करियर के सफ़र में विश्व बैंक के साथ सलाहकार के रूप में काम करना भी शामिल है। उन्होंने तंबाकू नियंत्रण पर फ्रेमवर्क कन्वेंशन के COP-8 के अध्यक्ष और मातृ, नवजात और बाल स्वास्थ्य के लिए साझेदारी के उपाध्यक्ष जैसे प्रमुख पदों पर कार्य किया है।
सरकारी क्षेत्रों में लगभग 37 वर्षों की सेवा
जुलाई 2020 में सुदान केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुई। उन्होंने विभिन्न सरकारी क्षेत्रों में लगभग 37 वर्षों की सेवा पूरी की। उनके राज्य-स्तरीय अनुभव में वित्त और योजना, आपदा प्रबंधन, पर्यटन और कृषि शामिल हैं। उन्होंने वैश्विक डिजिटल स्वास्थ्य भागीदारी की अध्यक्षता की है और महामारी की तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्वतंत्र पैनल की सदस्य थीं।
प्रीति सुदान की उपलब्धियां
प्रीति सुदान के प्रयासों से राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम और ई-सिगरेट पर प्रतिबंध जैसी महत्वपूर्ण विधायी उपलब्धियां हासिल हुई हैं। ये सार्वजनिक स्वास्थ्य और नीति सुधार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को उजागर करती हैं।
यूपीएससी में प्रीति सुदान की भूमिका
यूपीएससी चेयरपर्सन नियुक्त होने से पहले, सुदान 29 नवंबर 2022 को यूपीएससी में सदस्य के रूप में शामिल हुईं। उनकी नियुक्ति से यूपीएससी आयोग को एक अनुभवी लीडर का सहयोग मिल पाया है। क्योंकि विभिन्न सरकारी विभागों में उनके व्यापक अनुभव का लाभ आय़ोग को मिल सका है। उनके नेतृत्व में, यूपीएससी से अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करके नए मील के पत्थर हासिल करने की उम्मीद है।
यूपीएससी की नई अध्यक्ष के रूप में प्रीति सूदन अपने विशाल अनुभव और दूरदर्शी दृष्टिकोण को आयोग में लेकर आयेंगी। उनसे यूपीएससी परीक्षा और भर्ती प्रक्रियाओं की पारदर्शिता, दक्षता और निष्पक्षता को और बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है। भारतीय सिविल सेवाओं के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं का चयन करने के आयोग के उद्देश्यों और प्रीति सुदान की योग्यता परस्पर मेल खाती है।
इस नियुक्ति को न केवल यूपीएससी के लिए बल्कि व्यापक प्रशासनिक ढांचे के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सुदान के विशाल अनुभव से यूपीएससी के भीतर महत्वपूर्ण सुधार आने की उम्मीद है। उनके काम से परिचित एक अधिकारी ने कहा, उनका नेतृत्व निस्संदेह यूपीएससी को अधिक दक्षता की ओर ले जायेगा।"
कई क्षेत्रों में नए चेयरपर्सन का विविध अनुभव उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त बनाता है। उनके कार्यकाल से अभिनव परिवर्तन आने की उम्मीद है, जिससे यूपीएससी और उसके हितधारकों दोनों को लाभ होगा। प्रशासनिक समुदाय में प्रीति सुदान के चेयरपर्सन नियुक्त होने को लेकर बेहद उत्साह है। आयोग के सदस्यों का कहना है कि हम बहुत उत्सुक हैं और हमें यकीं है कि सुदान का नेतृत्व यूपीएससी के भविष्य को कैसे आकार देगा। प्रीति सुदान के अनुभव आयोग को विकास और प्रगति की ओर ले जायेंगे।