काजोल, बॉलीवुड की एक ऐसी अभिनेत्री हैं, जिन्होंने अपनी अदाकारी और व्यक्तित्व से लाखों दिलों पर राज किया है। 5 अगस्त को जन्मी काजोल का फिल्मी करियर और उनकी शिक्षा दोनों ही रोचक और प्रेरणादायक हैं। अपने अभिनय कौशल और चुलबुले व्यक्तित्व के लिए जानी जाने वाली काजोल ने न केवल हिंदी सिनेमा में, बल्कि अपने शिक्षा और जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी एक खास स्थान बनाया है।
शिक्षा
काजोल का जन्म मुंबई में हुआ और उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल, पंचगनी से प्राप्त की। काजोल का शिक्षा जीवन काफी रोचक रहा है। वे पढ़ाई में अच्छी थीं, लेकिन उनका मन हमेशा से ही फिल्मों की ओर आकर्षित रहा। काजोल ने अपनी स्कूली शिक्षा के दौरान ही अभिनय की शुरुआत की। 16 साल की उम्र में, उन्होंने फिल्म 'बेखुदी' (1992) से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। इस वजह से उन्होंने अपने स्कूली शिक्षा को बीच में ही छोड़ दिया और पूरी तरह से अभिनय में ध्यान केंद्रित किया।
काजोल का शिक्षा जीवन, हालांकि पूरा नहीं हुआ, लेकिन उनकी बुद्धिमत्ता और सोच की गहराई को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि उन्होंने जीवन के अनुभवों से बहुत कुछ सीखा है। काजोल ने कई इंटरव्यू में यह स्वीकार किया है कि उन्होंने औपचारिक शिक्षा को ज्यादा आगे नहीं बढ़ाया, लेकिन जीवन ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया है, जिसने उनके व्यक्तित्व को मजबूत और संवेदनशील बनाया।
फिल्मी करियर की शुरुआत
काजोल ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 'बेखुदी' (1992) से की थी, लेकिन उन्हें असली पहचान मिली 1993 में आई फिल्म 'बाज़ीगर' से, जिसमें उन्होंने शाहरुख खान के साथ अभिनय किया था। यह फिल्म एक बड़ी हिट साबित हुई और काजोल रातों-रात स्टार बन गईं। इसके बाद, काजोल ने 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' (1995) में सिमरन की भूमिका निभाई, जो आज भी भारतीय सिनेमा की सबसे पसंदीदा फिल्मों में से एक मानी जाती है।
प्रमुख फिल्में और उपलब्धियां
काजोल का फिल्मी करियर बेहतरीन फिल्मों से भरा हुआ है। उन्होंने कई हिट फिल्में दी हैं और अपने अभिनय के लिए कई पुरस्कार जीते हैं। कुछ प्रमुख फिल्मों में शामिल हैं:
- दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995): यह फिल्म काजोल के करियर की सबसे महत्वपूर्ण फिल्मों में से एक है। सिमरन के किरदार में काजोल ने दर्शकों का दिल जीत लिया और यह फिल्म आज भी क्लासिक मानी जाती है।
- कुछ कुछ होता है (1998): इस फिल्म में काजोल ने अंजली शर्मा का किरदार निभाया, जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया। इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार भी मिला।
- कभी खुशी कभी ग़म (2001): इस फिल्म में काजोल ने अंजली रायचंद का किरदार निभाया और एक बार फिर से अपनी अभिनय क्षमता का परिचय दिया। इस फिल्म के लिए भी उन्हें कई पुरस्कार मिले।
- फना (2006): इस फिल्म में काजोल ने जूनी काजमी का किरदार निभाया, जो एक अंधी लड़की थी। काजोल की अदाकारी ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया और उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला।
- माय नेम इज़ खान (2010): इस फिल्म में काजोल ने मन्दिरा खान का किरदार निभाया और एक बार फिर से अपनी अभिनय क्षमता का लोहा मनवाया।
बॉलीवुड में वापसी
काजोल ने शादी के बाद कुछ समय के लिए फिल्मों से ब्रेक लिया था। उन्होंने 1999 में अजय देवगन से शादी की और उनके दो बच्चे हैं। लेकिन, उन्होंने फिल्मों में वापसी की और 'दिलवाले' (2015) जैसी फिल्मों में नजर आईं। हाल ही में, काजोल 'त्रिभंगा' (2021) में दिखाई दीं, जो एक नेटफ्लिक्स फिल्म थी। इस फिल्म में उनके अभिनय की खूब सराहना हुई।
व्यक्तिगत जीवन और समाजसेवा
काजोल ने अपने जीवन में समाजसेवा को भी महत्व दिया है। वे कई सामाजिक कार्यों और चैरिटी संगठनों से जुड़ी रही हैं। खासकर बच्चों और महिलाओं के अधिकारों के लिए काजोल ने काफी काम किया है। उनकी सामाजिक सेवाएं उनके व्यक्तित्व का एक और महत्वपूर्ण पहलू हैं।