National Credit Framework in UGC: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा स्कूल और उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों के लिए राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क - एनसीआरएफ की शुरुआत करने जा रहा है। इस क्रेडिट फ्रेमवर्क में व्यावसायिक या कौशल शिक्षा के द्वारा अर्जित क्रेडिट को भी शामिल किया जाएगा।
क्रेडिट फ्रेमवर्क छात्रों को डिजिटल, ऑनलाइन और मिश्रित शिक्षा के सभी स्तरों पर सीखने में सहायता प्रदान करेगा। इतना ही नहीं राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क ज्ञान प्रणालियों के विभिन्न पहलुओं के लिए कार्य करेगा, जिसमें भारतीय ज्ञान प्रणाली के वेद और पुराण जैसे अन्य घटक भी शामिल है।
यूजीसी द्वारा "राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क" "नई शिक्षा नीति 2020" की सिफारिशों के अनुसार लाया गया है। राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क पर यूजीसी अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार कहते हैं कि "नई शिक्षा नीति 2020 आजीवन सीखने के लिए दो धाराओं के बीच सहज, क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर गतिशीलता प्रदान करते हुए सामान्य शैक्षणिक शिक्षा और व्यावसायिक और कौशल शिक्षा के एकीकरण पर जोर देती है। एनसीआरएफ इन दो शिक्षा धाराओं के भीतर और उनके बीच समानता सुनिश्चित करते हुए यह तंत्र प्रदान करता है।"
बता दें कि राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क का एक मेटा फ्रेमवर्क बनाया गया है, जो स्कूली शिक्षा, उच्च स्तर की शिक्षा के साथ व्यावसायिक या कौशल शिक्षा के माध्यम से क्रेडिट अर्जित करने का कार्य करता है और इसे जोड़ने पर केंद्रित है। इसी पर आगे बात करते हुए यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि "यह ढांचा सामान्य शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा के बीच समानता और गतिशीलता को सक्षम करेगा ताकि आजीवन सीखने, पूर्व सीखने की मान्यता, एकाधिक प्रवेश और निकास, और निरंतर पेशेवर विकास को सक्षम किया जा सके।" आगे उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित रहने के लिए भी कहा।
किस पर आधारित है राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क
इस दौरान एजुकेशन पॉलिसी में हो रहे किसी भी प्रकार के बदलाव नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार किये जा रहे हैं। नई राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क की शुरुआत भी यूजीसी द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के अनुसार ही की गई है।
किनके द्वारा विकसित किया गया है राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क
यूजीसी, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS), सीबीएसई, एनसीईआरटी, एसीवीईटी, एआईसीटीई, डीजीटी, शिक्षा मंत्रालय और कौशल विकास मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।
कैसे अर्जित करेंगे छात्र क्रेडिट
नए राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क कैसे काम करता है? इसके माध्यम से क्रेडिट कैसे अर्जित किए जाएंगे आदि जैसे कई सवाल छात्रों द्वारा पूछे जा रहे हैं। आइए आपको बताएं कि आप किस प्रकार क्रेडिट अर्जित कर सकते हैं।
इसमें सबसे पहला प्रश्न है कि एनसीआरएफ शिक्षा को कितने स्तर में बांटा गया है?
एनसीआरएफ (NCrF) शिक्षा को 8 स्तरों में विभाजित किया गया है। जिसमें स्कूली स्तर की शिक्षा यानी जो 0 से 4 के अंतर्गत आते हैं, जिन्होंने 5वीं कक्षा पास की है वह पहले स्तर में शामिल हैं। कक्षा 8वीं पास करने वाले छात्र 2 स्तर पर हैं, तो वहीं 10 वीं कक्षा पास करने वाले छात्र को 3 स्तर पर रखा गया है। जो छात्र 12वीं कक्षा पास करते हैं उन्हें 4 स्तर पर रखा गया है।
यूजीसी द्वारा जारी नए राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क छात्रों को यह बताता है कि उन्होंने सीखने का पूर्व पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है, जो कि दिए गए स्तर की योग्यता से मेल खाता है।
आपको बता दें कि नई राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क का एक क्रेडिट 30 शिक्षण घंटों यानी की 2 सेमेस्टर के बराबर है। इस क्रेडिट प्रणाली के बीच हर सेमेस्टर में छात्रों को न्यूनतम 20 क्रेडिट अर्जित करने हैं। इसका अर्थ ये है कि एक छात्र साल के 1,200 सांकेतिक शिक्षण घंटे में कम से कम 40 क्रेडिट अर्जित करेगा, लेकिन ये भी ध्यान देने योग्य बात है कि छात्र 40 से अधिक क्रेडिट भी अर्जित कर सकता है। 40 तो कम से कम है जो छात्र के लिए अर्जित करना अनिवार्य है।
4.5 से 8 तक का स्तर क्या है
कक्षा 12वीं के बाद उच्च शिक्षा का स्तर 4.5 से 8 तक तय किया गया है, जिसमें तीन वर्ष की बैचलर डिग्री वर्ष के अनुसार क्रमशः 4.5, 5 और 5.5 है। इसमें व्यावसायिक और कौशल शिक्षा भी है, जो 4.5 से 8वें स्तर तक फैली हुई है। फिलहाल बात करते हैं तीन साल के डिग्री कोर्स के क्रेडिट की तो, इसमें उम्मीदवार को 40 क्रेडिट अर्जित करने होते हैं। बता दें कि 40 क्रेडिट प्रत्येक वर्ष में, इसका अर्थ ये हुआ की 3 वर्ष में कुल 120 क्रेडिट।
व्यावसायिक और कौशल शिक्षा स्तर
- पूरी शैक्षणिक शिक्षा के बाद क्रेडिट अर्जित किया जा सकता है,
- किसी व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण या कौशल कार्यक्रम से गुजरना,
- अनुभवात्मक शिक्षा लेना, जैसे कि प्रासंगिक अनुभव और प्राप्त प्रवीणता स्तर।