CM Yogi "School Chalo Abhiyan": 1 अप्रैल 2023 से नया शैक्षणिक सत्र की शुरुआत की जाती है। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के तहत इस सत्र में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों के 100 प्रतिशत नामांकन के लक्ष्य को रखते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज से पूरे राज्य में "स्कूल चलो अभियान" की शुरुआत करने वाले हैं।
"स्कूल चलो अभियान" की शुरुआत को लेकर सीएमओ ने ट्वीट के माध्यम से जानकारी साझा की है। साझा जानकारी के अनुसार "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज आज लखनऊ में 'स्कूल चलो अभियान-2023' के पहले चरण और 'संचारी रोग नियंत्रण अभियान' का उद्घाटन करेंगे।" बता दें कि इस अभियान का उद्घाटन मुख्यमंत्री लोक भवन से किया जाएगा। जिसका सीधा प्रसारण सोशल मीडिया की सहायता से किया जाएगा।
स्कूल चलो अभियान पर आधिकारिक प्रवक्ता की तरफ से आए बयान के अनुसार "कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं होना चाहिए"। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य स्कूली शिक्षा में छात्रों का 100 प्रतिशत नामांकन है। स्कूल चलो अभियान उत्तर प्रदेश राज्य के हर जिले में चलाया जाएगा। इससे न केवल छात्रों का 100 प्रतिशत नामांकन बढ़ेगा बल्कि परीक्षा परिणामों के सुधार में भी सहायता मिलेगी। इस अभियान की शुरुआत के लिए आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम में संबंधित मंत्री और जनप्रतिनिधि शामिल रहेंगे।
पिछले साल भी 100 प्रतिशत नामांकन के उद्देश्य इस अभियान की शुरुआत की गई थी। उस दौरान अभियान की शुरुआत अप्रैल में आकांक्षी जिले श्रावस्ती से की गई थी। इस अभियान के माध्यम से स्कूल छोड़ चुके बच्चों के पुनः नामांकन पर बल दिया जा रहा है। अभियान के माध्यम से हर बच्चे को प्रारंभिक स्कूली शिक्षा प्रदान करने का लक्ष्य बनाया गया है। शिक्षा सबका अधिकार है और भारत में शिक्षा को महत्व देते हुए अधिक से अधिक वांछित वर्ग के बच्चों को शिक्षा प्रदान किए जाने पर बल दिया जाता रहा है।
स्कूली शिक्षा, उत्तर प्रदेश के महानिदेशक ने क्या कहा स्कूल चलों अभियान पर
स्कूली शिक्षा, उत्तर प्रदेश के महानिदेशक विजय किरण आनंद ने कहा की "सरकारी स्कूलों में अधिकतम संख्या में छात्रों को नामांकित करने में उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहा है। शेष बच्चों को भी वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है। हमने 4 लाख बच्चों की पहचान की है। घरेलू उद्योगों में काम करने वाले लड़कों और लड़कियों की होम विजिट और ट्रैकिंग पर बहुत काम किया गया है।"
लड़कियों को स्कूल वापस लाने के लिए क्या किया जाएगा
इस अभियान के तहत लड़कियों को स्कूल वापस आने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई कदम उठाए गए हैं। स्कूल बस ड्राइवर के हिस्से के रूप में स्कूल के शिक्षक स्कूल छोड़ने वाले बच्चों के घरों का दौरा करेंगे। विशेष तौर पर लड़कियों के घर का दौरा ताकि उन्हें लड़कियों द्वारा स्कूल छोड़े जाने के कारण की जानकारी प्राप्त हो सके।
बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बच्चों के माता-पिता को उनकी वर्दी, जूते, मोजे और स्टेशनरी आदि आवश्यक स्कूली सामान खरीदने के लिए 1,200 रुपये दिए जाएंगे। सरकार इतने पर ही नहीं रुकेगी, सरकार द्वारा गांवों में शिक्षा चौपाल लगाकर मेधावी छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके साथ माता-पिता और विद्यालय की प्रबंधन समिति के बीच के बैठक का आयोजन भी किया जाएगा।
संचारी रोग नियंत्रण अभियान
वर्ष 2018 से संचारी रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान को चलाया जाता है। इस साल अभियान के तीन चरणों में आयोजित किया जाएगा। संचारी रोग नियंत्रण अभियान से ही दस्त अभियान भी शुरू किया जाएगा। जो 17 अप्रैल तक लागू किया जाएगा।