प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे के बीच भारतीय पेशेवरों के लिए खुशखबरी!एच-1बी वीजा पर नए पहल की योजना:रिपोर्ट

US to make Announcement for New Move on H1B Visa: भारत के प्रधानमंत्री इन दिनों अमेरिका के दौरा पर हैं। नरेंद्र मोदी के इस राजकीय यात्रा से भारत और अमेरिका के संबंधों में कई बड़े बदलाव होने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में सबसे अधिक उम्मीदें आईटी क्षेत्र के कर्मचारियों को एच-1 बी वीजा को लेकर है।

भारतीय पेशेवरों के लिए खुशखबरी!एच-1बी वीजा पर नए पहल की योजना:रिपोर्ट

एच-1 बी वीजा एक ऐसी पहल है, जिससे हजारों की संख्या में भारतीयों पेशेवरों को लाभ मिलता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बिडेन प्रशासन द्वारा कुछ कुशल श्रमिकों को देश में प्रवेश देने या रहने में मदद करने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की इस सप्ताह की राजकीय यात्रा का उपयोग किया जा रहा है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार के विदेश विभाग द्वारा गुरुवार को इस कार्यक्रम से संबंधित महत्वपूर्ण घोषणा करने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके तहत एच-1बी वीजा के नियमों में कुछ बदलाव किये जायेंगे। इन बदलावों से भारतीय और अन्य विदेशी कर्मचारी विदेश यात्रा किए बिना अमेरिका में रह कर वीजा को रिन्यू कर सकेंगे। सूत्रों का कहना है कि यह एक पायलट प्रोग्राम होगा, जिसका आने वाले वर्षों में विस्तार किया जा सकता है।

आपको बता दें कि दुनिया भर में भारतीय नागरिकों द्वारा यूएस एच-1बी कार्यक्रम के सबसे सक्रिय रूप से उपयोग किया जाता है। आंकड़ें बताते हैं कि वित्तीय वर्ष 2022 में लगभग 4,42,000 एच-1बी श्रमिकों में से 73 फीसदी भारतीय नागरिक हैं।

उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल के अंत में लॉन्च होने वाला यह पायलट प्रोजेक्ट, जब पूरी तरह से लागू हो जायेगा, तो संयुक्त राज्य अमेरिका में काम करने के इच्छुक हजारों की संख्या में भारतीय तकनीकी पेशेवरों के लिए एक बड़ी राहत होगी।

हाल के कुछ महीनों में तकनीकी क्षेत्र में जॉब कट को लेकर और छँटनी को लेकर तमाम खबरें आईं। यह पायलट कार्यक्रम ऐसे समय में आया है जब तकनीकी उद्योग में छँटनी की लहर फैल गई है और इससे एच-1बी वीज़ा धारकों पर काफी बुरा प्रभाव भी पड़ा है। अनुमान है कि इससे विदेशों में कार्य करने वाले हजारों की संख्या में पेशेवर प्रभावित हुए हैं। आपको बता दें कि नया कार्यक्रम नौकरी से निकाले गए एच-1बी श्रमिकों पर लागू नहीं होगा। ये ऐसे पेशेवर हैं, जिन्हें 60 दिनों के बाद अमेरिका छोड़ना होगा, यदि उन्हें नया रोजगार नहीं मिल पाता है या वे दूसरे वीजा पर स्थानांतरण के लिए आवेदन करने में असमर्थ होते हैं।

पुराने नियमों के तहत पिछले दो दशकों से, अस्थायी वीज़ा धारकों को अपने वीज़ा को रिन्यूअल करने के लिए विदेश में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास की यात्रा करने की आवश्यकता होती थी। जानकारी के लिए बता दें कि एच-1बी वीजा एक बार में तीन साल के लिए जारी किया जाता है। अब तक यूएस एच-1बी कार्यक्रम के सबसे सक्रिय उपयोगकर्ताओं में भारतीय नागरिकों का नाम सर्वाधिक रहा है और वित्तीय वर्ष 2022 में लगभग 4,42,000 एच-1बी श्रमिकों में से 73 फीसदी भारतीय नागरिक रहे।

विदेश विभाग के प्रवक्ता ने इस मामले से संबंधित सवालों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जिनमें नये पायलट कार्यक्रम या एच-1बी वीजा को लेकर तमाम प्रश्न पूछे गए। हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पायलट प्रोजेक्ट में महत्वपूर्ण बदलाव किये जा सकते हैं। जानकारी के अनुसार, अगले एक से दो वर्षों में इस पहल को बढ़ाने के इरादे से पायलट कार्यक्रम के अंतर्गत कम संख्या में वीजा कार्यक्रमों से शुरुआत की जायेगी। इस विषय पर व्हाइट हाउस ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

भारतीय पेशेवरों के लिए खुशखबरी!एच-1बी वीजा पर नए पहल की योजना:रिपोर्ट

क्या है एच-1बी वीजा?

हर साल, अमेरिकी सरकार कुशल विदेशी पेशेवरों की तलाश करने वाली कंपनियों को 65,000 एच-1बी वीजा उपलब्ध कराती है, साथ ही उन्नत डिग्री वाले पेशेवरों के लिए अतिरिक्त 20,000 वीजा उपलब्ध कराई जाती है। यह वीजा तीन साल तक चलता है और इसे अगले तीन साल के लिए नवीनीकृत किया जा सकता है।

एच-1बी वीजा देने वाली भारतीय कंपनियां

अमेरिकी सरकार के आंकड़ों के अनुसार, हाल के वर्षों में सबसे अधिक एच-1बी कर्मचारियों का उपयोग करने वाली भारतीय कंपनियों में इंफोसिस, विप्रो और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के साथ-साथ अमेरिका में अमेज़ॅन, अल्फाबेट और मेटा शामिल हैं।

पायलट कार्यक्रम में एल-1 वीजा

प्रवक्ता ने कहा कि कुछ अस्थायी विदेशी कर्मचारियों के लिए अमेरिका में वीजा नवीनीकृत करने की क्षमता विदेश में वाणिज्य दूतावासों में वीजा साक्षात्कार के लिए संसाधनों को मुक्त कर देगी। सूत्रों का कहना है कि पायलट कार्यक्रम में एल-1 वीजा वाले कुछ कर्मचारी भी शामिल होंगे, जो किसी कंपनी के भीतर अमेरिका में किसी पद पर स्थानांतरित होने वाले लोगों के लिए उपलब्ध हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में अमेरिकी दूतावासों में वीज़ा आवेदनों के बैकलॉग को साफ़ करने की एक अलग पहल की शुरुआत की जा चुकी है, और इस सप्ताह वाशिंगटन में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों के बीच चर्चा में इस पर चर्चा होने की उम्मीद है।

एच-1 बी वीजा लंबे समय से चिंता का विषय

भारतीय नागरिकों को संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने के लिए वीजा प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है, और बीते कुछ वर्षों में यह बात भारत सरकार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। श्रम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल के अंत में संयुक्त राज्य अमेरिका में 10 मिलियन से अधिक नौकरियों के लिए वेकेंसी निकाली गई थी।

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English summary
The Prime Minister of India is on a tour of America these days. This state visit of Narendra Modi is expected to bring many major changes in the relations between India and America. In such a situation, the highest expectations are regarding the H-1B visa for the IT sector employees. H-1B visa is one such initiative which benefits thousands of Indian professionals. Prime Minister Narendra Modi's state visit this week is being used by the Biden administration to help some skilled workers enter or stay in the country, according to media reports.
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