RRB NTPC Protest News रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) द्वारा गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (एनटीपीसी) के प्रथम चरण के कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) रिजल्ट में हुई गलतियों के कारण 1 एक करोड़ 25 लाख अभ्यर्थियों नुकसान हुआ हुआ है। जिसके बाद बिहार और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में रेलवे के खिलाफ छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। आरआरबी एनटीपीसी रिजल्ट में हुई गलती के लिए एक उच्च अधिकार समिति का गठन किया है, जो अभ्यर्थियों की आपत्तियों की जांच करेगी। इसके साथ ही 15 फरवरी 2022 से होने वाली एनटीपीसी दूसरे चरण की सीबीटी परीक्षा को भी स्थगित कर दिया है। वहीं, 23 फरवरी 2022 से प्रस्तावित ग्रुप-डी के पदों पर भर्ती के लिए प्रथम चरण की सीबीटी को भी अगले आदेश तक टाल दिया गया है।
रेल मंत्री अश्वनि वैष्णव ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि जब तक जांच नहीं हो जाती तब तक परीक्षा नहीं होगी। वहीं पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि रेलवे बोर्ड ने एक ई मेल rrbcommittee@railnet.gov.in जारी किया है, जिसपर छात्र अपनी शिकायत या सुझाव 16 फरवरी तक भेज सकते हैं। समिति इन शिकायतों की जांच के बाद 4 मार्च तक अपनी सिफारिशें सरकार को देगी। आरआरबी एनटीपीसी प्रथम चरण सीबीटी रिजल्ट में पास उम्मीदवारों को दूसरे चरण की सीबीटी के लिए क्या उपाय होगा इसपर समिति विचार करेगी।
आरआरबी एनटीपीसी और आरआरबी ग्रुप डी के अभ्यर्थियों के द्वारा राजेंद्र नगर टर्मिनल और उसके बाहरी इलाके में किए गए हिंसक प्रदर्शन के बाद पत्रकार नगर थाने में थानेदार मनोरंजन भारती के बयान पर 16 अभ्यर्थियों और छह कोचिंग संचालकों पर मामला दर्ज किया गया है। इन 16 अभ्यर्थियों में चार अभ्यर्थी झाररखंड के गिरिडीह के किशन कुमार, लखीसराय के रोहित, राजन और विक्रम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। वहीं, छह कोचिंग संचालकों में खान सर, एसके झा सर, नवीन सर, अमरनाथ सर, गगन प्रताप सर और गोपाल वर्मा सर पर एफआईआर की गई है। अब पुलिस इन कोचिंग संचालकों को नोटिस भेजेगी और इनसे पूछताछ करेगी। साक्ष्य पाए जाने पर इनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है।
वहीं पुलिस शिकायत दर्ज किए जाने के दो दिन बाद, बिहार के सीएम नीतीश कुमार के जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने केस वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बिहार, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में छात्रों का उत्तेजक होना #RRB_NTPC परीक्षा प्रक्रिया व परिणाम में गड़बड़ी के विरुद्ध प्रतिक्रिया है। रेलवे भर्ती बोर्ड की गड़बड़ियों को देखने के लिए जांच कमिटी बनाई गई है। छात्रों/उम्मीदवारों के साथ अतिशीघ्र न्याय की उम्मीद करता हूं। खान कोचिंग और पटना में कई अन्य संस्थान बिहार और पूरे देश में गरीब और प्रतिभाशाली युवाओं के भविष्य के निर्माण में लगे हुए हैं। रेलवे/पुलिस को उनके खिलाफ दर्ज मामलों को बिना देरी के वापस लेना चाहिए। मैं नाराज छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं।
खान सर, जिन्होंने कभी अपना असली नाम नहीं बताया, पटना के एक लोकप्रिय शिक्षक हैं। वह खान जीएस रिसर्च सेंटर चलाते हैं और अपनी अनूठी शिक्षण शैली के लिए जाने जाते हैं। वह ऑनलाइन व्याख्यान भी आयोजित करते हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों की मदद करते हैं। पटना में सोमवार और मंगलवार को हिरासत में लिए गए आंदोलनकारी छात्रों के बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने कथित तौर पर कहा कि वह एक वीडियो के माध्यम से उम्मीदवारों से हिंसा में शामिल होने के लिए अपील कर रहे थे, जिसमें खान सर ने कथित तौर पर छात्रों को सड़कों पर आंदोलन करने के लिए उकसाया था और यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
रेलवे बोर्ड की 3 बड़ी गलतियां
1 एनटीपीसी में कुल पद 35281 हैं। इसके मेंस के लिए 7 लाख रिजल्ट देने की बात थी। लेकिन तीन लाख उम्मीदरों को योग्य बताया। पीटी स्तर पर ही लेवल वाइज रिजल्ट घोषित किया। कक्षा 12वीं और स्नातक स्तर की परीक्षा एक साथ करवाई।
2. रेलवे ने योग्य अभ्यर्थियों के बाद वेटिंग लिस्ट जारी नहीं की। एक से अधिक पदों के लिए क्वालिफाई करने के बाद भी एक ही पद पर नियुक्त किया। इसलिए वेटिंग लिस्ट जारी होती और दूसरे अभ्यर्थियों को मौका मिलता और पद खाली नहीं रहते।
3. आरआरबी ग्रुप डी के लिए वैकेंसी जारी करने के दौरान हुई, लेकिन तब नोटिफिकेशन में दूसरी परीक्षा की डिटेल नहीं दी। लेकिन ग्रुप डी में जब डेढ़ करोड़ अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा तो दो चरण की परीक्षा का प्रावधान रख दिया।