REET Paper Leak News: राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा रीट पेपर लीक मामले में जयपुर केंद्र के कोऑर्डिनेटर प्रदीप पराशर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। रीट पेपर लीक केस में अब तक 36 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अशोक राठौर ने कहा कि पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप एसओजी ने एक अन्य आरोपी प्रदीप पराशर को गिरफ्तार किया है। प्रदीप जयपुर जिला समन्वयक था। आरोपी रामकृपाल मीणा से पूछताछ के दौरान प्रदीप का नाम सामने आया था। बता दें कि रामकृपाल ने शिक्षा संकुल के स्ट्रांग रूम में एक अन्य के सहयोग से पेपर लीक किया। उदाराम से पहली किस्त में सवा दो करोड़ रुपए लिए। रामकृपाल गोपालपुरा बाइपास पर शिव शक्ति पब्लिक स्कूल चलाता है।
इससे पहले सितंबर में एक महिला सहित पांच लोगों के गिरोह को गिरफ्तार किया गया था और राजस्थान पुलिस ने एक धोखाधड़ी रैकेट का पर्दाफाश किया था, जिसने राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा रीट पेपर लीक करवाया था। रीट परीक्षा 2021 26 सितंबर को आयोजित की गई थी। इस घटना का पता तब चला जब एक अभ्यर्थी गणेश राम ढाका ब्लूटूथ से लैस चप्पल पहने हुए थे। राजस्थान सरकार ने रीट 2021 में धोखाधड़ी में शामिल होने के संदेह में सरकारी अधिकारियों, शिक्षकों, शिक्षा विभाग के कर्मचारियों और पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया था। इस मामले को लेकर 16 लाख अभ्यर्थी सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।
रीट नोटिफिकेशन जारी होने के बाद से अब तक विवादों में रही रीट परीक्षा पर अब नकल के लिए एसओजी की मुहर भी लग गई। दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, एसओजी ने बुधवार को माना कि रीट का पेपर परीक्षा से एक दिन पहले 24 सितंबर 2021 को ही बाजार में आ गया था। पेपर लीक सबसे सुरक्षित माने जाने वाले जयपुर शिक्षा संकुल के स्ट्रांग रूम से हुआ। यहां से रामकृपाल मीणा और उसके सहयोगी ने सवा दो करोड़ रु. की पहली किस्त लेकर पेपर लेक्चरर उदाराम बिश्नोई को दिया। वहां से पेपर भजनलाल, पृथ्वीराज व बत्तीलाल के जरिये 7 प्रमुख सेंटर्स पर आंसर-की के साथ पहुंचा।
एसओजी ने रामकृपाल और उदाराम को गिरफ्तार कर लिया गया है। भजनलाल, पृथ्वीराज व बत्तीलाल पहले से पकड़ में हैं। हैरत की बात है कि परीक्षा राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने आयोजित कर रहा था तो बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारौली ने जयपुर जिले में कॉर्डिनेटर अपने नजदीकी प्रदीप पाराशर को लगा दिया, जबकि वह शिक्षा विभाग में कार्यरत भी नहीं थे।
हालांकि बोर्ड के पास कोर्डिनेटर लगाने का नियम नहीं है। एसओजी ने पाराशर से भी पूछताछ की। गुरुवार को जरौली से अजमेर में पूछताछ की गई। कई दस्तावेज भी जब्त किए हैं। दिसंबर 2019 में रीट की घोषणा हुई। इसके बाद 5 बार कभी कोरोना, ईडब्ल्यूएस आरक्षण व महावीर जयंती की छुट्टी के नाम पर स्थगित किया गया। अंतत: 26 सितंबर 2021 को परीक्षा हुई और पेपर लीक, डमी अभ्यर्थी पकड़े गए।