NEET UG 2024 Paper Leak: नीट पेपर लीक विवाद दिन प्रतिदिन आक्रोश और विरोध की नई सीमाओं को पार कर रहा है। नीट पेपर लीक स्कैम को लेकर विभिन्न राजनीतिक और सामाजित संगठनों द्वारा देश के कोने कोने से लेकर संसद भवन तक विरोध प्रदर्शन और मार्च किया जा रहा है। नीट यूजी पेपर लीक को लेकर नवीनतम अपडेट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट 8 जुलाई को विवादों से घिरे नीट यूजी (NEET-UG Scam) से संबंधित याचिकाओं के बैच पर सुनवाई करने वाला है।
बता दें इसमें 5 मई को आयोजित परीक्षा में अनियमितताओं का आरोप लगाने और इसे नए सिरे से आयोजित करने का निर्देश देने की मांग शामिल है। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई 8 जुलाई की कारण सूची के अनुसार, 26 याचिकाओं का बैच मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आयेगा।
क्या है नीट पेपर लीक विवाद?
राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (NEET-UG) देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में MBBS, BDS, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित की जाती है। नीट यूजी 2024 परीक्षा 5 मई को देश भर के लगभग 4750 केंद्रों पर आयोजित किया गया था और इसमें लगभग 24 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे।
पहले 14 जून को नतीजे घोषित होने की उम्मीद थी, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का काम जल्दी पूरा होने के कारण 4 जून को नतीजे घोषित किए गए। पेपर लीक समेत अनियमितताओं के आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के बीच तकरार हुई। कथित प्रश्नपत्र लीक और अन्य गड़बड़ियों के आधार पर परीक्षा को नए सिरे से आयोजित करने की मांग वाली याचिका पर 11 जून को सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि नीट-यूजी की पवित्रता प्रभावित हुई है और उसने याचिका पर केंद्र और एनटीए से जवाब मांगा है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सफल उम्मीदवारों की काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अखिल भारतीय मेडिकल प्रवेश परीक्षा के आयोजन में कथित अनियमितताओं को लेकर बढ़ते आक्रोश के बीच शीर्ष अदालत ने 20 जून को कई याचिकाओं पर केंद्र, एनटीए और अन्य से जवाब मांगे थे, जिनमें नीट-यूजी को रद्द करने और अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाएं भी शामिल थीं।
बीते 18 जून को परीक्षा पर अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि यदि परीक्षा के संचालन में किसी की ओर से "0.001 प्रतिशत लापरवाही" भी हुई है, तो उससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए। केंद्र और एनटीए ने 13 जून को अदालत को बताया था कि उन्होंने 1,563 उम्मीदवारों को दिए गए अनुग्रह अंक रद्द कर दिए हैं। उन्हें या तो दोबारा परीक्षा देने या समय की हानि के लिए दिए गए क्षतिपूर्ति अंकों को छोड़ने का विकल्प दिया गया था।
आयोजित की गई नीट पुन: परीक्षा
एनटीए ने 23 जून को आयोजित पुन: परीक्षा के परिणाम जारी करने के बाद सोमवार को संशोधित रैंक सूची की घोषणा की। कुल 67 छात्रों ने एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व रूप से 720 अंक प्राप्त किए, जिसमें हरियाणा केंद्र के छह छात्र शामिल थे, जिससे 5 मई को आयोजित परीक्षा में अनियमितताओं का संदेह पैदा हुआ। यह आरोप लगाया गया है कि अनुग्रह अंकों के कारण 67 छात्रों ने शीर्ष रैंक साझा की। एनटीए द्वारा सोमवार को संशोधित परिणामों की घोषणा के बाद नीट-यूजी में शीर्ष रैंक साझा करने वाले उम्मीदवारों की संख्या 67 से घटकर 61 हो गई।