केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को ओडिशा के संबलपुर में राष्ट्रीय उद्यमिता विकास परियोजना का उद्घाटन किया। इस पहल के राष्ट्रव्यापी संभावना पर बल देते हुए, इसे भोपाल, कानपुर, इंदौर, वाराणसी, भरतपुर, शिलांग, सिलचर, डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी सहित 9 शहरों में भी आभासी माध्यम से लॉन्च किया गया।
विशेष रूप से पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों के लिए तैयार की गई, यह अनूठी राष्ट्रीय उद्यमिता विकास परियोजना देश भर में नियोक्ताओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। राष्ट्रीय उद्यमिता विकास परियोजना का उद्देश्य माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी प्रदाता बनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप, व्यक्तियों को व्यापक उद्यमिता प्रशिक्षण से लैस करना है।
उभरते रोजगार बाज़ार के अनुरूप ढलने की अनिवार्यता को पहचानते हुए, यह पहल विघटनकारी प्रौद्योगिकी के युग में कर्मचारियों की प्रतिस्पर्धात्मकता और अनुकूलनशीलता को बढ़ाने के लिए उन्हें फिर से कुशल और उन्नत बनाने पर केंद्रित है।
राष्ट्रीय उद्यमिता विकास परियोजना 22 सप्ताह की अवधि में व्यापक उद्यमिता प्रशिक्षण प्रदान करेगी, जिसमें अनुभवात्मक शिक्षा के द्वारा सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिक प्रदर्शन के साथ जोड़ा जाएगा। प्रशिक्षण ऑफ़लाइन, ऑनलाइन और हाइब्रिड मोड के माध्यम से आयोजित किया जाएगा, पाठ्यक्रम की विश्वसनीयता और मूल्य में वृद्धि के लिए इसके पूरा होने पर प्रमाणपत्र दिए जाएंगे।
लॉन्च के मौके पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों के लिए राष्ट्रीय उद्यमिता विकास परियोजना की शुरुआत से रेहड़ी-पटरी वालों और छोटे दुकानदारों को कुशल बनने में मदद मिलेगी और वे सशक्त होंगे। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने स्ट्रीट वेंडरों और छोटे दुकानदारों को कौशल प्रदान करने के लिए फ्लिपकार्ट के साथ साझेदारी की है। पायलट प्रोग्राम के तहत देश के 10 बड़े शहरों के स्ट्रीट वेंडर्स को अपना कारोबार बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग के साथ-साथ वजीफा भी दिया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि आजादी के 75 साल बाद देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में एक ऐसा नेता मिला है, जिन्होंने छोटे दुकानदारों और व्यवसायों का ख्याल रखा है। आज प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के आसान ऋण से लाखों छोटे दुकानदार और व्यापारी आत्मनिर्भर बन रहे हैं। कार्यक्रम में प्रधान ने दस राज्यों के पीएम स्वनिधि योजना लाभार्थियों से बात की। इन लाभार्थियों ने अपने अनुभव साझा किए कि कैसे यह योजना प्रसिद्ध संगठनों से उद्योग-प्रासंगिक कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने और उनके व्यवसायों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में उत्प्रेरक के रूप में कार्य कर रही है।
प्रायोगिक चरण में, परियोजना को राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी), नोएडा के 20 केंद्रों और भारतीय उद्यमिता संस्थान (आईआईई), गुवाहाटी के 10 केंद्रों के माध्यम से लागू किया जाएगा। एनआईईएसबीयूडी और आईआईई प्रशिक्षकों और सलाहकारों का एक समूह बनाकर सरकार, सार्वजनिक उपक्रमों, उद्योगों, बैंकों और सफल उद्यमियों के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षुओं से बातचीत के लिए आमंत्रित करेंगे। उदयमिता केंद्र, एनआईईएसबीयूडी और आईआईई जैसे और अन्य प्रसिद्ध प्रशिक्षण संस्थानों के संसाधन व्यक्तियों के मौजूदा पूल की विशेषज्ञता का लाभ उठाएगा, जो उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रमों के ज्ञान और व्यावहारिक अंतर्दृष्टि के भंडार को बढ़ाने में योगदान देगा।
राष्ट्रीय उद्यमिता विकास परियोजना का उद्घाटन देश की कौशल क्षमता का दोहन करने और कुशल भारत विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। यह परियोजना शुरू में महिलाओं की 40% भागीदारी को सुनिश्चित करते हुए चयनित जिलों में शुरू की जायेगी। एक मजबूत निगरानी तंत्र इसकी प्रगति का नीरीक्षण, प्रभाव का आकलन और गुणवत्ता मानकों का पालन सुनिश्चित करेगा। इस परियोजना का शुभारंभ कौशल विकास के लिए सरकार के बहुआयामी दृष्टिकोण को रेखांकित करता है, जिसमें औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) का आधुनिकीकरण और स्किल इंडिया डिजिटल (एसआईडी) प्लेटफॉर्म की स्थापना शामिल है, जो देश भर में कौशल के सुलभ और लचीले अवसर प्रदान करता है।
उद्यमिता को बढ़ावा देने पर ध्यान देने के साथ, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, एनआईईएसबीयूडी और आईआईई ने सामूहिक रूप से उद्यमिता विकास कार्यक्रमों में 17 लाख से अधिक व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया है, जो भारत में उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उद्घाटन समारोह में प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति देखी गई, जिनमें कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के सचिव अतुल कुमार तिवारी, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) के संयुक्त सचिव राहुल कपूर, एमएसडीई की संयुक्त सचिव हेना उस्मान और फ्लिपकार्ट समूह के नीति निदेशक डॉ तफहीम उद्दीन सिद्दीकी शामिल थे।