सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। यह वीडियो रायपुर, डंगनिया (छत्तीसगढ़) की रहने वाली नम्रता वर्मा का है। नम्रता वर्मा ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में आयोजित काशी-तमिल संगम के समापन समारोह में अनोखे अंदाज में भाषण दिया। नम्रता के इस भाषण पर केंद्रीय गृहमंत्री आमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनकी प्रशंसा करने से खुद को रोक नहीं पाए।
नम्रता वर्मा ने अपने भाषण में कहा कि आदरणीय मुख्य अतिथि महोदय केंद्रीय गृह मंत्री महोदय, आदरणीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासित, माननीय राज्यपाल महोदय, माननीय शिक्षा मंत्री महोदय, माननीय तमिलनाडु के मंत्री महोदय और मंच पर मौजूद अन्य माननीय अतिथि महोदय आप सबको मैं सादर प्रणाम करती हूं।
नम्रता ने हिंदी में ओजस्वी भाषण देते हुए कहा कि वाराणसी काशी विश्वनाथ की धरा, भागीरथी के सतत प्रवाह से अभिसिंचित यह भूमि और महामना मदनमोहन मालवीय के तप से सिद्ध हुई भूमि में तमिलनाडु से आए अतिथियों को प्राणम करती हूं। इसके बाद उन्होंने तमिल मे बोलते हुए वडक्कम भी किया।
गंगा किनारे स्तिथ यह भूमि धर्म, अध्यात्म एवं संगीत और कला शिल्प की भूमि रही है। तमिलनाडु शिल्प, साहित्य, कला और सौन्दर्य और तमिल ज्ञान की धरा है। माननीय प्रधानमंत्री जी की पहल पर एक भारत-श्रेष्ठ भारत के भाव के अनुरूप काशी-तमिल संगम के आयोजन से हम सबने भारत की संस्कृतक गौरव का परिचय प्राप्त किया है।
हम भले ही विभिन्न क्षेत्रों में रहते हैं, भिन्न-भिन्न बोलियों और रीतियों का व्यवहार करते हैं। लेकिन हम सबके भीतर लोक कल्याण और राष्ट्र उन्नति की कामना है। तमिलनाडु से आए साथी उत्तर प्रदेश के लोकगीतों पर झूमते हैं और हम सब मिलकर कहते हैं भारत माता की जय।
इसके बाद नम्रता ने नई शिक्षा नीति के फायदे बारे में बताया। नम्रता के इस भाषण को सुनने के बाद गृहमंत्री अमित शाह और सीएम योगी ने उनकी जमकर तारीफ की। इतना ही नहीं विश्व हिंदी दिवस पर प्रसार भर्ती के लिए उन्होंने एक प्रस्तुति दी, जिसे सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने भी री-ट्वीट किया।
बता दें कि नम्रता वर्मा नें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी, मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश योगी आदित्यनाथ जी, महामहिम राज्यपाल तमिलनाडु , केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, दक्षिण प्रक्षेत्र के मंत्री द्वय एवं अन्य अतिविशिष्ट अतिथियों एवं अपार जनसमूह की उपस्थिति में , काशी तमिल संगमम् के समापन समारोह में, वक्तव्य दिया है।
नम्रता वर्मा वर्तमान में उत्तर प्रदेश के बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय बीएचएयू से एमए हिंदी पत्रकारिता की पढ़ाई कर रही हैं। नम्रता वर्मा ने अपनी स्कूली पढ़ाई बस्तर के बोरगांव में स्थित शिशु मंदिर स्कूल से की है, उसके बाद उन्होंने अपनी 12वीं की पढ़ाई दल्लीराजहरा से की। उसके बाद उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई रायपुर के एनपीजी साइंस कॉलेज से की। बाद में वह अपनी आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली आईं और आईआईएमसी से पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है।
नम्रता वर्मा ने मीडिया ट्रेनी के तौर पर प्रसार भारती में कई प्रस्तुतियां भी दी हैं। वह आर्ट ऑफ लिविंग की स्वयंसेवक भी हैं। वर्तमान में नम्रता बीएचयू की छात्रा हैं। उन्होंने पहली बार कक्षा 8वीं में भाषण दिया था। उसके बाद बीएचएयू में काशी-तमिल संगम पर उनका यह भाषण काफी वायरल हो रहा है, जिसको लेकर वह काफी खुश हैं।
नम्रता ने दिए अच्छा वक्ता बनने के टिप्स
छठवीं कक्षा से ही अखबार पढ़ने में रुचि जगी। आज भी नियमित अखबार पढ़ती हूं। अखबार के अतिरिक्त पुस्तकों का अध्ययन, विशेषतः रामकृष्ण-विवेकानंद साहित्य पठन-ध्यान एवं सुदर्शन क्रिया का नियमित अभ्यास एक तरह का आत्मविश्वास एवं बल देता है। तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता से इतर विषय गत भाषण प्रतियोगिताओं में विषय से संबंधित कुछ किताबें या प्रामाणिक आलेख पढ़ती हूं। कुछेक बिंदुओं को नोट करती हूं।
विषय को समझने के पश्चात उसके विविध विमाओं पर मनन करती हूं। आवश्यकता होने पर विषय विशेषज्ञों से भी बात की जानी चाहिए। भाषण बोलने का अभ्यास कभी नहीं किया है। सहज ही मंच पर और श्रोताओं को देखकर स्वर निकलता है।
ये जो सामान्यतः दर्पण के सामने खड़े होकर अभ्यास की बात की जाती है, हमने आज तक कभी नहीं किया ऐसा, लेकिन विषय की तैयारी करते हैं। तात्कालिक भाषण में तो कोई तैयारी नहीं होती अलग से, पर अगर वाद-विवाद या भाषण प्रतियोगिता होती है, तब विषय को खूब अच्छे से समझकर, सोचकर जाते हैं।
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