MP School Closed Latest News देशभर में कोरोनावायरस महामारी के बढ़ते मामलों के कारण, मध्य प्रदेश में सभी स्कूलों को 31 जनवरी 2022 तक के लिए बंद कर दिया गया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया है। मध्य प्रदेश के सभी स्कूल 15 जनवरी से 31 जनवरी 2022 तक बंद रहेंगे। एमपी बोर्ड 10वीं 12वीं प्रैक्टिकल परीक्षा 2022 छात्र घर से दे सकेंगे।
लेटेस्ट अपडेट के अनुसार, मध्य प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में 31 जनवरी 2022 के बाद भी स्कूलों को फिर से खोलने की कोई संभावना नजर नहीं अ रही है। यदि कोरोना के मामलों में गिरावट आती है तो स्कूलों को फिर से खोलने पर विचार किया जाएगा। कोविड 19 समीक्षा के बाद, मध्य प्रदेश के स्कूलों को फिर से खोलने पर निर्णय लिया जाएगा। लेकिन फ़िलहाल अभी किसी भी हाल में स्कूलों को नहीं खोला जाएगा। सरकारी स्कूलों में सभी छात्रों को पूरी तरह से ऑफलाइन शिक्षा देना संभव नहीं है, इसलिए ऑनलाइन का विकल्प सही है। यदि किसी छात्र को कोई समस्या आती तो वह अपने शिक्षक से फोन पर सम्पर्क कर सकता है।
लेटेस्ट अपडेट के अनुसार, एमपी बोर्ड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने सोमवार को राज्य सरकार द्वारा 31 जनवरी तक स्कूलों को बंद करने पर आपत्ति जताई। उन्होंने स्कूलों को ऑफलाइन कक्षाओं के लिए फिर से खोलने की मांग की। एसोसिएशन ने 17 जनवरी 2022, सोमवार को इंदौर में प्रेस कांफ्रेंस कर राज्य सरकार के इस फैसले को अनैतिक, अलोकतांत्रिक और एकतरफा करार दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के आदेश से निजी स्कूलों के संचालकों को भारी नुकसान हो रहा है। राज्य सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी किया था कि कोविड -19 के बढ़ते मामलों के कारण सभी कक्षाओं के स्कूल 31 जनवरी तक बंद रहेंगे।
सरकारी स्कूलों में एमपीबीएसई 10वीं 12वीं प्री बोर्ड परीक्षा 20 जनवरी 2022 से शुरू हो गई हैं। इंदौर में कक्षा 10वीं 12वीं के 21 हजार छात्र से अधिक छात्र परीक्षा दे रहे हैं। सरकारी स्कूलों में 20 जनवरी 2022 को सुबह 10:30 बजे से कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं के छात्रों को परीक्षा के प्रश्न पत्र और कॉपियां दी गई। अभी छात्रों को केवल दो ही प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिकाएं दी गई हैं, क्योंकि दो दिन में दोनों प्रश्न पत्र हल करने के बाद छात्रों को कॉपियां स्कूल में जमा करना होंगी। एमपी बोर्ड 10वीं 12वीं टाइम टेबल 2022 के अनुसार, छात्र तय समय पर उत्तर पुस्तिकाएं जमा नहीं कराएंगे तो उन्हें अगले प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिकाएं नहीं दी जाएंगी।
राज्य सरकार द्वारा जारी यह आदेश मध्य प्रदेश के सभी निजी और पब्लिक स्कूलों के लिए लागू है। स्कूलों को बंद करने के अलावा, सीएम ने यह भी बताया कि 20 जनवरी से शुरू होने वाली कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए एमपी बोर्ड प्री-बोर्ड परीक्षाएं निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित की जाएंगी। हालांकि, परीक्षाएं अब 'टेक होम परीक्षा' प्रारूप के रूप में आयोजित की जाएंगी। स्कूलों को इसके लिए आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
एक आधिकारिक संबोधन में मुख्यमंत्री चौहान ने घोषणा की कि राज्य में कक्षा 1 से 12वीं तक की सभी कक्षाएं बंद रहेंगी और शिक्षण गतिविधियों को अभी के लिए ऑनलाइन मोड में स्थानांतरित कर दिया गया है। स्कूल 31 जनवरी तक बंद रहेंगे और इसके अंत में स्थिति की समीक्षा की जाएगी। इस बीच सभी शिक्षण गतिविधियां और परीक्षाएं भी ऑनलाइन मोड में आयोजित की जाएंगी।
मध्य प्रदेश के स्कूलों को बंद करने के अलावा, सरकार ने राज्य में सभी सार्वजनिक समारोहों या किसी भी प्रकार के 'मेला' पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की भी घोषणा की है। खेल गतिविधियों का संचालन किया जाएगा लेकिन लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आयोजनों के लिए अधिकतम अनुमत क्षमता के केवल 50% का ही पालन किया जाएगा।
मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 10वीं और 12वीं कक्षा के प्री बोर्ड एग्जाम 20 जनवरी 2022 से शुरू हो गए हैं। कोविड-19 प्रोटोकॉल संबंधी विभाग के निर्देश के तहत हर स्कूल में स्टूडेंट्स को अलग-अलग टाइम स्लॉट में बुलाकर पेपर और आंसर कॉपी दे दी गई। जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना ने बताया कि जिले के करीब 56 हजार स्टूडेंट्स 10वीं और 12वीं कक्षा में हैं। दसवीं के विद्यार्थियों के लिए आंसर कॉपी जमा करने की डेडलाइन 28 जनवरी और 12वीं के स्टूडेंट के लिए 1 फरवरी तय की गई है। आंसर कॉपी के मूल्यांकन के लिए शिक्षकों को यह हिदायत दी गई है कि 5 फरवरी तक इसमें सुधार कर स्टूडेंट्स को सूचित करें। साथ ही कहा है कि यदि स्टूडेंट्स बीमार है तो उसकी जगह पैरेंट्स को स्कूल से पेपर और आंसर कॉपी दी गई है।
कर्नाटक के उडुपी से शुरू हुआ हिजाब विवाद मध्य प्रदेश पहुंच गया है। राज्य के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने बुधवार को कहा, कोर्ट ने अंतरिम राहत नहीं दी है। इसलिए ड्रेस कोड संबंधी अधिसूचना प्रभावी रहेगी। विद्यार्थियों को कक्षा में बैठने के लिए यूनिफॉर्म पहनना जरूरी होगा। लेकिन स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार 24 घंटे बाद हिजाब को स्कूलों में बैन किए जाने को लेकर दिए बयान पर पलट गए हैं। उन्होंने कहा कि स्कूलों में नया यूनिफॉर्म कोड लागू नहीं करेंगे, जैसी व्यवस्था चल रही है, वैसी चलती रहेगी। परमार ने यह यू-टर्न बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नाराजगी के बाद लिया।
सीएम ने कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों को हिदायत दी कि कोई भी मंत्री किसी तरह की विवादित बयानबाजी और व्यक्तिगत राय न दे। हालांकि सुबह गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने स्पष्ट कर दिया था कि मध्यप्रदेश में हिजाब को लेकर कोई विवाद नहीं है और इस तरह का कोई भी प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। इसलिए कोई भी भ्रम की स्थिति नहीं रहे। जहां पर जो विवाद है वहां भी मामला हाईकोर्ट में लंबित है।