Five Youngest IITians Who Cracked JEE at 13, 14, and 15 Years: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में प्रवेश के लिए प्रत्येक वर्ष संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) आयोजित की जाती है। आईआईटी परीक्षा अत्यधिक प्रतिस्पर्धी परीक्षा है। हर साल लाखों छात्र इसमें भाग लेते हैं।
प्रतिवर्ष आयोजित की जाने वाली ये प्रवेश परीक्षा, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में प्रवेश के लिए प्रवेश द्वार के समान है, जो देश के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों में से एक है। जेईई को व्यापक रूप से भारत में सबसे चुनौतीपूर्ण इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं में से एक माना जाता है। आईआईटी जेईई प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए अभ्यर्थी अक्सर कोचिंग संस्थानों में दाखिला लेते हैं या ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग करते हैं।
12वीं कक्षा परीक्षा के बाद जेईई परीक्षा पास करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, लेकिन कुछ अद्वितीय प्रतिभावान युवा ऐसे हैं, जो इस कठिन परीक्षा का सामना करते हुए कम आयु में ही आईआईटी में प्रवेश की उपलब्धि हासिल कर चुके हैं। इस लेख में, हम आपको भारत के ऐसे पांच युवाओं के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने सबसे कम उम्र में जेईई प्रवेश परीक्षा पास करने का कीर्तिमान अपने नाम किया है। लेकिन इससे पहले आइए जानें आईआईटी जेईई परीक्षा क्या है और आईआईटी जेईई परीक्षा को कठिन परीक्षाओं की श्रेणी में क्यों गिना जाता है।
आईआईटी जेईई परीक्षा क्या है?
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) भारत भर में स्थित स्वायत्त सार्वजनिक तकनीकी और अनुसंधान विश्वविद्यालय हैं। आईआईटी संस्थान अपने उच्च शैक्षणिक मानकों, कठोर पाठ्यक्रम और उत्कृष्ट संकाय के लिए प्रसिद्ध हैं।
आईआईटी जेईई परीक्षा में कितने चरण हैं?
आईआईटी जेईई परीक्षा प्रक्रिया में दो चरण होते हैं, जेईई मेन और जेईई एडवांस्ड। जेईई मेन परीक्षा का पहला स्तर है और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित किया जाता है। जेईई मेन जेईई एडवांस के लिए योग्यता परीक्षा के रूप में कार्य करता है। यह सभी इंजीनियरिंग उम्मीदवारों के लिए खुला है और आईआईटी के अलावा भारत के विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए भी प्रवेश बिंदु है।
जेईई एडवांस्ड, केवल जेईई मेन में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवार ही जेईई एडवांस्ड के लिए उपस्थित होने के पात्र हैं। जेईई एडवांस्ड को वैश्विक स्तर पर सबसे कठिन इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं में से एक माना जाता है और यह विशेष रूप से आईआईटी में प्रवेश के लिए प्रवेश द्वार है।
आईआईटी जेईई परीक्षा पैटर्न क्या है?
आईआईटी जेईई मेन में दो पेपर होते हैं, पेपर 1 (बी.ई./बी.टेक के लिए) और पेपर 2 (बी.आर्क/बी.प्लानिंग के लिए)। पेपर 1 में प्रश्न भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित से हैं। जेईई एडवांस में बहुविकल्पीय प्रश्न, संख्यात्मक प्रश्न और निम्नलिखित प्रकार के मिलान वाले प्रश्न शामिल हैं। विषयों में भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित शामिल हैं।
आईआईटी जेईई परीक्षा के लिए योग्यता क्या है?
जेईई मेन में उपस्थित होने के लिए, उम्मीदवारों को अनिवार्य विषयों के रूप में भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित के साथ 10+2 या समकक्ष परीक्षा पूरी करनी होगी। जेईई मेन के लिए आयु सीमा हटा दी गई है, जिससे उम्मीदवारों को उनकी उम्र की परवाह किए बिना परीक्षा देने की अनुमति मिल जाएगी।
क्या है आईआईटी जेईई एडवांस्ड रैंकिंग और परामर्श?
अभ्यर्थी के जेईई एडवांस्ड स्कोर के आधार पर, उम्मीदवारों को रैंक दी जाती है और शीर्ष रैंकर्स को आईआईटी में विभिन्न स्नातक इंजीनियरिंग कार्यक्रमों में प्रवेश मिलता है। आईआईटी प्रवेश के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया संयुक्त सीट आवंटन प्राधिकरण (JoSAA) के माध्यम से संयुक्त रूप से आयोजित की जाती है, जिसमें आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी और अन्य सरकारी वित्त पोषित तकनीकी संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
आइए जानें पांच सबसे युवा आईआईटियन के बारे में, जिनकी अनूठी उपलब्धियां देशवासियों में प्रेरणा का स्रोत बनती हैं, खासकर उन युवाओं के लिए जो इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के सपने देख रहे हैं।
1. सबसे कम उम्र में जेईई क्रैक करने वाले सत्यम कुमार
बिहार के बखोरापुर गांव के रहने वाले सत्यम कुमार ने पहली बार 12 वर्ष की उम्र में आईआईटी जेईई परीक्षा पास की। हालांकि ये उपल्ब्धि उन्होंने दो बार अपने नाम दर्ज की है। 12 साल की उम्र में यानी 2011 में, उन्होंने आईआईटी-जेईई की परीक्षा दी और 8137 की अखिल भारतीय रैंक (एआईआर) हासिल की। इस चुनौती से घबराए बिना, उन्होंने कोटा शहर, जिसे आईआईटी कोचिंग का हब कहा जाता है, में फिर से आईआईटी की कठिन यात्रा की शुरुआत की और महज 13 साल की उम्र में यानी 2012 में, उन्होंने 670 की प्रभावशाली अखिल भारतीय रैंक के साथ जेईई परीक्षा में सफलता हासिल की। इस उल्लेखनीय उपलब्धि के साथ सत्यम ने आईआईटी कानपुर में अपनी आगे की शिक्षा के लिए दाखिला लिया।
2. 14 वर्ष में जेईई क्रैक करने वाले बिहार के यंग अचीवर बनें शिवानंद तिवारी
बिहार में प्रतिभा की कमी नहीं है। इस बात पर यकीन आप ऐसे कर सकते हैं कि बिहार राज्य से प्रतिवर्ष आईएएस और आईपीएस के साथ, प्रतिभावान आईआईटी अचीवर्स भी आते हैं। बिहार के रोहतास जिले के धरमपुरा गांव के रहने वाले शिवानंद तिवारी को यंग आईआईटी अचीवर्स कहा जाता है। शिवानंद ने वर्ष 2014 में यानी महज 14 साल की उम्र में प्रतिष्ठित आईआईटी प्रवेश परीक्षा पास करके सुर्खियां बटोरीं। उन्होंने पहले ही प्रयास में अखिल भारतीय रैंक 2587 हासिल किया। इसके साथ ही शिवानंद ने आईआईटी कानपुर में अपना स्थान सुनिश्चित किया। आईआईटी कानपूर में उन्होंने भौतिकी पाठ्यक्रम में बीएस का विकल्प चुना। उनका दृढ़ संकल्प और प्रारंभिक सफलता उन्हें उनके समुदाय और राज्य के लिए गर्व का स्रोत बनाती है।
3. उम्र 14 साल और रैंक 33 का रिकॉर्ड सहल कौशिक के नाम
सहल की कठिन परिश्रम की ये यात्रा 2010 में शुरू हुई, जब महज 14 साल की उम्र में उन्होंने आईआईटी-जेईई परीक्षा पास की और 33 एआईआर हासिल की। आपको बता दें कि सहल ने ये अचीवमेंट वर्ष 2010 में हासिल की, यानी बिहार के सत्यम कुमार से पहले ही जेईई पास करने वाले सबसे कम उम्र के युवा होने का रिकॉर्ड दिल्ली के सहल कौशिक के नाम हुआ। सहल ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि के साथ अपनी आगे की शिक्षा के लिए आईआईटी कानपूर में दाखिला लिया।
4. अपने भाई से प्रेरित होकर शिवम कुमार ने क्रैक किया आईआईटी-जेईई
अपने ही भाई प्रेरणा लेते हुए बिहार के सत्यम कुमार के छोटे भाई शिवम कुमार ने भी वर्ष 2018 में महज 15 वर्ष की आयु में आईआईटी जेईई परीक्षा क्रैक कर लिया। दोनों कुमार भाई परिवार की शैक्षणिक कौशल के उल्लेखनीय उदाहरण हैं। अपने बड़े भाई सत्यम कुमार से प्रेरित होकर शिवम कुमार ने ये उपलब्धि हासिल की। वर्ष 2018 में, 15 साल की उम्र में, उन्होंने 383 के एआईआर के साथ जेईई एडवांस्ड में सफलता हासिल की। शिवम न केवल अपने भाई के नक्शेकदम पर चले, बल्कि वर्ष 2018 के लिए प्रतिष्ठित जेईई परीक्षा पास करने वाले सबसे कम उम्र के आईआईटी क्रैक करने वाले यंग अचीवर भी बन गए। उनकी सफलता आज देश के लाखों युवाओं को लगातार प्रेरित कर रही है।
5. अभय अग्रवाल ने युवाओं को दिखाया आईआईटी का सपना
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद के रहने वाले अभय अग्रवाल ने अपने प्रतिभा का लोहा मनवाया है। उन्होंने केवल 15 साल की उम्र में आईआईटी प्रवेश परीक्षा पास करके प्रदेश के युवाओं के मन में आईआईटी में प्रवेश पाने का सपना जगाया है। वर्ष 2017 में, अभय ने जेईई एडवांस परीक्षा में अखिल भारतीय रैंक 2467 हासिल किया। इसके बाद, उन्होंने वाराणसी में प्रतिष्ठित आईआईटी-बीएचयू में प्रवेश लिया। अभय की इस सफलता की यात्रा ने कई युवाओं को प्रेरित किया है।