Karnataka Election 2023: कर्नाटक में कुल 224 सीटों के लिए विधानसभा चुनाव 2023 में होने वाले हैं। बुधवार को चुनाव आयोग ने कर्नाटक चुनाव के लिए तिथियों की घोषणा कर दी है। आगामी 10 मई को प्रदेश में चुनाव होंगे। वहीं वोटों की गिनती या मतों की गणना 13 मई को होगी और उसी दिन नतीजे घोषित किये जायेंगे।
बुधवार को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए तारीखों का ऐलान किया। बता दें कि तारीखों की घोषणा के साथ ही प्रदेश में आचार संहिता लग गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, विधानसभा चुनाव के लिए आगामी 13 अप्रैल को आधिकारिक अधिसूचना जारी की जायेगी। वहीं चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने वाले उम्मीदवारों के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तिथि 20 अप्रैल तय है। जानकारी के मुताबिक 24 अप्रैल तक उम्मीदवार नामांकन वापस लिए जा सकते हैं।
कर्नाटक राज्य विधानसभा में वर्तमान में 224 सीटें हैं। इनमें सत्तारूढ़ भाजपा के 119 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 75 और उसके सहयोगी जद (एस) के पास 28 सीटें हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि कर्नाटक चुनाव परिणाम इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण है इसका राजनीतिक प्रभाव व्यापक तौर पर देश की राजनीति पर पड़ेगा। आपको बता दें कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव और मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे तीन बड़े राज्यों में चुनाव होने हैं।
कर्नाटक चुनाव इसलिए भी दिलचस्प होगा क्योंकि चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। अब देखना ये है कि क्या हर बार की भांति इस बार भी जनता दल-सेक्युलर (JD-S) किंगमेकर की भूमिका निभाएगी या यह चुनाव जनता दल-सेक्युलर (JD-S) के लिए कोई नई संभावनाएं लेकर आयेगा। क्या इस चुनावी रणभूमि में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस आमने सामने होगी या मुकाबला त्रिकोणीय होगा। आइये जाने, कर्नाटक चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस और जेडी-एस के लिए क्या दांव पर है।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव कार्यक्रम
- अधिसूचना जारी करने की तिथि: 13 अप्रैल 2023 (गुरुवार)
- नामांकन दाखिल करने की तिथि: 20 अप्रैल 2023 (गुरुवार)
- नामांकन पत्रों की जांच की तिथि: 21 अप्रैल 2023 (शुक्रवार)
- नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि: 24 अप्रैल 2023 (सोमवार)
- मतदान की तिथि: 10 मई 2023 (बुधवार)
- मतगणना की तिथि: 13 मई 2023 (शनिवार)
गौरतलब है कि साल 2018 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। हालांकि पार्टी को बहुतम की संख्या के लिए मत कम मिले थे। इसके बाद में कांग्रेस के सहयोग से जनता दल (एस) ने कर्नाटक में सरकार बनाई और एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री के रूप में चुने गये। दोनों पार्टियों में आंतरिक मतभेदों के कारण कुछ समय के बाद ही गठबंधन की सरकार गिर गई। इसके बाद जुलाई 2019 में वरिष्ठ भाजपा नेता येडियुरप्पा मुख्यमंत्री चुने गये और राज्य में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सरकार बनाई। येदियुरप्पा ने जुलाई 2021 में इस्तीफा दे दिया और उनकी जगह बसवराज बोम्मई ने राज्य में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
बुधवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव में तकनीकी सेटअप सहित शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए निकाय द्वारा की गई तैयारी का विवरण पेश किया। उन्होंने बताया कि राज्य में 100 वर्ष से अधिक आयु के 16,000 से अधिक मतदाता हैं। कर्नाटक विधानसभा चुनाव एक ही चरण में होंगे और वोटों की गिनती 13 मई को होगी। कुमार ने कहा, कर्नाटक में 12.15 लाख मतदाता हैं जो 80 वर्ष से अधिक आयु के हैं, जिनमें 16,976 शताब्दी मतदाता शामिल हैं।
साथ ही, चुनाव आयोग के पास 5.55 लाख विकलांग व्यक्ति पंजीकृत हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, चुनाव निकाय ने पहले कर्नाटक में आगामी विधानसभा चुनावों में 80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और विकलांग लोगों के लिए वोट-फ्रॉम-होम (VFH) की सुविधा शुरू की थी। सीईसी ने कहा कि जो लोग मतदान केंद्र नहीं जा सकते, वे इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि गोपनीयता बनाए रखी जाएगी और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी। कर्नाटक में कुल 5.21 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 2.59 करोड़ महिला मतदाता हैं।
मतदान केंद्रों में होंगी न्यूनतम सुविधाएं
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, यह 100 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं की अब तक की सर्वाधिक संख्या है। उन्होंने बताया कि समावेशी और सहभागी चुनावों के लिए कर्नाटक में पात्र (18) विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों का शत प्रतिशत नामांकन हुआ है। इनके लिए 40 जातीय पोलिंग केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। चुनाव प्रक्रिया में थर्ड जेंडर की भागीदारी पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी मतदान केंद्रों में सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध होंगी। एक समृद्ध और सुखद मतदान अनुभव के लिए आयोग मतदाताओं को सभी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के प्रति सजग है। शहरी उदासीनता पर चिंता जताते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि भारत के आईटी हब के इन 4 जिलों में 2013 और 2018 कर्नाटक विधानसभा चुनावों में सबसे कम मतदान हुआ था, जो राज्य के औसत से बहुत कम था। इन 4 जिलों में 88 प्रतिशत मतदान केन्द्र शहरी क्षेत्रों में हैं। इसके लिए स्कूलों और कॉलेजों, संगठनों और आरडब्ल्यूए में मतदाता जागरूकता मंचों के माध्यम से जागरूकता पैदा करने की कोशिश की जाएगी।
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