NCERT On Mughal History Chapter: नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) द्वारा एनसीईआरटी इतिहास की किताब से मुगल इतिहास के अध्याय को हटाने की बात कही जा रही है। बीते सोमवार से ही कक्षा 12वीं के इतिहास से मुगल सल्तनत के अध्याय को हटाए जाने को लेकर एनसीईआरटी चर्चा में है। अपनी चुप्पी तोड़ते हुए एनसीईआरटी ने स्पष्ट किया की इतिहास की किताब में दिए गए मुगलों पर अध्याय को हटाया नहीं गया है।
मुगल सल्तनत के अध्याय पर बात करते हुए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने भी लोगों से अनुरोध किया कि वह इस तरह की भ्रामक खबरों को हवा न दें। कथित तौर पर प्राप्त जानकारी के अनुसार कहा जा रहा है था कि एनसीईआरटी द्वारा 12वीं कक्षा के इतिहास विषय से मुगल सल्तनत के कुछ अध्यायों को हटाया गया है। इस कथित जानकारी के अनुसार किताब से 'भारतीय इतिहास के विषय-भाग II', 'राजाओं और इतिहास' से संबंधित अध्याय; मुगल दरबार (सी. 16वीं और 17वीं शताब्दी)' वाले अध्याय को हटाए जाने की बात सामने आई थी।
यूपी माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने इस जानकारी का खंडन करते हुए कहा कि - "हमारे सिलेबस में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं है। जो लोग इस तरह की भ्रामक खबरें चला रहे हैं, मैं उनसे अनुरोध करती हूं कि वे ऐसी खबरें ना चलाएं।" साथ ही आगे बात करते हुए उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत आगे किसी भी प्रकार के बदलाव के बारे में कहा नहीं जा सकता है। गुलाब देवी द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार फिलहाल सिलेबस में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है। इसका अर्थ ये है कि 2022 का सिलेबस ही 2023-24 सत्र का सिलेबस रहेगा।
मुगल इतिहास के अध्याय पर क्या बोले एनसीईआरटी के निदेशक
कई दिनों से चल रही इस खबर पर बात करते हुए एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने कहा कि "यह झूठ है। (चैप्टर ऑन) मुगलों को नहीं छोड़ा गया है। पिछले साल एक युक्तिकरण प्रक्रिया थी क्योंकि कोविड के कारण छात्रों पर हर जगह दबाव था।" एनसीईआरटी प्रमुख ने आगे कहा कि विशेषज्ञ समितियों ने मानक 6-12 की किताबों की जांच की. "उन्होंने सिफारिश की कि यदि इस अध्याय को हटा दिया जाता है, तो इससे बच्चों के ज्ञान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और एक अनावश्यक बोझ हटाया जा सकता है... बहस अनावश्यक है। जो नहीं जानते वे टेक्सबुक की जांच कर सकते हैं।"
वहीं एनसीईआरटी के प्रमुख ने मुगल के अध्याय को हटाए जाने पर बात करते हुए बताया कि एनसीईआरटी पूरी तरह से नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार काम कर रहा है। नई शिक्षा नीति 2020 कंटेंट लोड को करने की बात करता है। जिसे हम लागू कर रहे हैं। स्कूली शिक्षा के लिए एनसीएफ (नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क) बन रहा है, इसे जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा और नई शिक्षा नीति के अनुसार 2024 में टेक्सटबुक छपेंगी। उन्होंने अपनी बात में आगे कहा कि फिलहाल टेक्सटबुक से कोई अध्याय नहीं हटाया गया है।
एनसीईआरटी के प्रमुख आगे कहते हैं कि कक्षा 7 वीं की एनसीईआरटी की किताब में मुगलों के इतिहास पर एक अध्याय है और कक्षा 11वीं के सेक्शन 2 में भी मुगल साम्राज्य पढ़ाया जा रहा है। वहीं, 12वीं की किताब में भी मुगल इतिहास के 2 अध्याय से जिसमें से थीम 9 को पिछले साल ही हटा दिया गया था। इस साल किसी भी किताब का कोई अध्याय नहीं हटाया गया है।
इस प्रकार कई दिनों से एनसीईआरटी से मुगल इतिहास के अध्याय को हटाए जाने की ये खबरों का पूरी तरह से खंडन करते हुए एनसीईआरटी ने रिवाइज्ड सिलेबस को लेकर जानकारी मीडिया तक पहुंचाई।