India School Reopen Guidelines केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य चाहें तो स्कूल खोल सकते हैं। बच्चों का स्कूल आना अनिवार्य होगा या ऑन लाइन क्लास कर सकते हैं, यह निर्णय लेने का अधिकार राज्य सरकारों पर छोड़ा गया है। स्टूडेंट्स, टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को हर समय मास्क पहनकर रहना होगा। केंद्र की ओर से जारी दिशा-निर्देश में कहा गया कि राज्य स्थानीय स्थिति के आधार पर स्कूल खोलने का निर्णय ले सकते हैं। बच्चों के स्कूल जाने पर फैसला अभिभावक से बात करके होगा। बच्चे यदि स्कूल नहीं आना चाहते हैं तो उपस्थिति को लेकर छूट दी जाए।
केंद्र ने कहा है कि अगर स्कूल में पर्याप्त जगह है तो बच्चों को खेल-कूद, गीत-संगीत सहित अन्य एक्टिविटी की छूट होगी। हालांकि छूट तभी होगी जब स्कूल में पर्याप्त जगह हो। स्कूल के समय को कम किया जा सकता है। पूरे वर्ष के लिए स्कूल को कैलेंडर बनाने के लिए कहा गया है जिसमें पढ़ाई को फोकस में रखने की सलाह दी गई है। क्लास रूम में दो विद्यार्थियों के बीच की दूरी कम से कम छह फीट होनी चाहि।
स्कूलों में मिड डे मील के दौरान भी सामाजिक दूरी का पालन अनिवार्य करना है। स्तिथि को ध्यान में रखते हुए छात्रों के लिए छात्रावास भी खोले जा सकते हैं। बस और कैब को लगातार सेनेटाइज करना होगा। यदि कोई स्टाफ कंटेनमेंट जोन में रहता हो तो उसे स्कूल आने की इजाजत नहीं होगी। फिलहाल 11 राज्यों में स्कूल खुले हैं। वहीं 16 राज्यों में स्कूल आंशिक तौर पर जबकि नौ राज्यों में पूरी तरह से बंद है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को कोविड-19 महामारी के बीच राष्ट्रीय राजधानी में आउटडोर खेल गतिविधियों की अनुमति देने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को अपना काम करने दिया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति वी कामेश्वर ने कहा कि जब डीडीएमए 4 फरवरी को अपनी बैठक आयोजित करने वाली थी तो याचिका को जारी रखने का कोई कारण नहीं था।
न्यायाधीश ने यह भी कहा कि मॉल और सिनेमा हॉल के प्रतिबंध हटाने की तुलना वर्तमान मामले में मांगी गई प्रार्थना से नहीं की जा सकती। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता खेलना चाहता है। मॉल आदि से की जाने वाली तुलना को एक अलग दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए। वे रोजगार के स्रोत हैं। याचिकाकर्ता टेनिस खेलना चाहता है। आप इसे उस दृष्टिकोण से नहीं देखे सकते। वे जीविका देते हैं और संलग्न लोगों को रोजगार।
अदालत ने कहा कि डीडीएमए इस पर गौर कर रहा है और आउटडोर खेल गतिविधियों की अनुमति देने का निर्देश याचिकाकर्ता के इशारे पर नहीं हो सकता। अदालत ने याचिका को बंद करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता को भविष्य में अपनी शिकायतों को लेकर आंदोलन करने का अधिकार होगा। सरकार ने कहा कि पिछली लहरों की तुलना में इस बार 44 वर्ष की औसत आयु वाले लोग कोविड से संक्रमित थे और पिछली बार यह आंकड़ा औसत 55 वर्ष था।