75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 14 अगस्त यानि कि रविवार यानि को कोयला घोटाला मामले की जांच कर रहे सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) के अधिकारी और आंतरिक सतर्कता के साथ काम करने वाले 30 अधिकारियों को पुलिस पदक से सम्मानित प्रमुख एजेंसी में शामिल किया गया हैं। इस पुरस्कारों की घोषणा स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर की गई।
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने बयान जारी कर कहा है कि इन पुरस्कारों को में छह अधिकारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक (पीपीएमडीएस) मिला और अन्य 24 को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक (पीएमएमएस) से सम्मानित किया गया।
पीपीएमडीएस प्राप्त करने वाले 6 अधिकारियों में शामिल है एसपी आलोक कुमार जो एजेंसी के अंदर भ्रष्टाचार को रोकने के लिए काम करने वाली मुंबई की विशेष इकाई का हिस्सा हैं। जबकि अन्य पांच अधिकारियों में डिप्टी एसपी अतुल हजेला, तेजप्रकाश देवरानी और टी. श्रीधरन, सब-इंस्पेक्टर (एसआई) गुरमीत सिंह और असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (एएसआई) नरपत सिंह शामिल हैं।
कोयला घोटाले की जांच करने वाले उप महानिरीक्षक केशव राम और अतिरिक्त कानूनी सलाहकार विजय कुमार शर्मा के साथ पीएमएमएस पदक प्राप्त करने वाले अन्य सीबीआई अधिकारियों में शामिल है
• पुलिस अधीक्षक- संदीप कुमार शर्मा
• एसपी- सुरेश कुमार, भारतेंद्र शर्मा और भारत भूषण भट्ट
• डिप्टी एसपी- करण सिंह राणा, सुभाष पांडे, गुलशन मोहन राठी, टी. सेल्वाकुमार, श्री भगवान और मनोज कुमार
• इंस्पेक्टर- विजय यादव
• एसआईएस- शिबानी साहा, शशिकांत राजाराम राजापुरे
• एएसआई- विश्राम सिंह और शाम सिंह
• हेड कांस्टेबल- कृष्ण लाल, राजेश बाबू चौहान, दुर्गा सिंह और तेज पाल सिंह
• कांस्टेबल- सिबी, पीजी और राम सिंह धामी
• स्टेनोग्राफर- दिनेश सिंह पुंडीर।
कोयला घोटाला केस क्या है?
बता दें कि कोयला घोटाले का मामला देश के सबसे बड़े घोटालों में से एक है। क्योंकि इस घोटाले की वजह से देश में पर्याप्त मात्रा में कोयला होने के बावजूद कंपनियां कोयला खदानों की खदान के लिए आगे नहीं आ रही थी जिस वहज से भारत को बाहर से कोयला आयात करने के लिए मजबूर होना पड़ा रहा था जैसे इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया आदि।