Haryana Education News हरियाणा सरकार ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए तो बड़े कदम उठाए हैं। सरकार ने इसी शैक्षणिक सत्र 2022-23 से कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत छात्रों एडमिशन देने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही हरियाणा के 5754 स्कूलों में कक्षा छठी से 12वीं तक के बच्चों को हेल्थ प्रोग्राम के तहत अब स्वस्थ जीवन शैली के बारे पढ़ाया जाएगा। सोशल मीडिया पर हरियाणा सरकार की इस पहल का सभी लोग स्वागत कर रहे हैं।
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में इस साल ग्रेजुएशन कोर्सेज में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत दाखिले होंगे। इसका फ्रेमवर्क तैयार कर लिया गया है। इसके तहत इस सत्र से विद्यार्थियों को हिंदी-अंग्रेजी भाषाएं पढ़ने की भी अनिवार्यता नहीं रहेगी। विवि के इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटेड एंड ऑनर्स स्टडीज (आईआईएचएस) में बीए, बीकॉम व बीएससी कोर्स में प्रवेश लेने वाले पहली बार अपनी पसंद के विषय चुन सकेंगे। विद्यार्थी अपने ग्रेजुएशन कोर्स में कोई भी एक भाषा और दो पसंदीदा सब्जेक्ट चुन पाएंगे।
एक विषय स्टूडेंट्स के स्किल डेवलपमेंट और उनकी रुचि से जुड़ा रखा जाएगा। एडमिशन लेने के बाद विद्यार्थी किसी कारण से एक वर्ष बाद पढ़ाई छोड़ देता है, तो उसका साल खराब नहीं होगा। एक साल की पढ़ाई पूरी करने पर सर्टिफिकेट, दो साल के बाद डिप्लोमा, 3 साल के बाद डिग्री और 4 साल की पढ़ाई पूरी करने पर पीजी डिप्लोमा या ऑनर्स की डिग्री मिलेगी। कोर्स के बाद प्रवेश परीक्षा देकर पीएचडी में प्रवेश लिया जा सकेगा। वहीं, कोर्स के बाद स्नातकोत्तर के अंतिम वर्ष में भी दाखिला लिया जा सकता है।
कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने इसके लिए निर्देश भी जारी कर दिए हैं। उल्लेखनीय है कि आईआईएचएस में हर साल करीब 1100 विद्यार्थी बीए, बीकॉम, बीएससी और बीसीए कोर्सेज में एडमिशन लेते हैं। 7 साल में भी कोर्स पूरा कर सकेंगे... एनईपी-2020 के तहत ग्रेजुएशन कोर्सेज में प्रवेश लेने वाले स्टूडेंट्स 7 साल में कभी भी कोर्स पूरा कर सकते हैं। यानी, स्टूडेंट एक वर्ष के बाद पढ़ाई बीच में छोड़ देता है तो वह 2-3 साल बाद भी अगले वर्ष की पढ़ाई कर पाएगा। फिलहाल बीच में पढ़ाई छूटने पर स्टूडेंट को ऐसा कोई लाभ नहीं मिलता है।
वहीं हरियाणा के स्कूलों में बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी बातें भी सिखाई जाएगीं। इसको लेकर हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी जिलों के 5754 स्कूलों में हेल्थ प्रोग्राम शुरू किया है। इन स्कूलों में कक्षा 6 से 12वीं तक के सभी बच्चों का स्वास्थ्य संबंधित ज्ञान बढ़ाया जाएगा। कैथल जिले के 228 स्कूलों के कक्षा 6 से 12वीं के बच्चों को इसका फायदा मिलेगा। इस प्रोग्राम में विभिन्न प्रकार की अध्ययन सामग्री, पुस्तकें व मॉड्यूल शामिल है।
हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी जिला कार्यालयों में एनसीईआरटी की 3-3 किताबों का सेट भेजा है। स्कूल खुलते ही बच्चों को हेल्थ संबंधी बातें सिखाई जाएगीं। इस प्रोग्राम में विभिन्न प्रकार की अध्ययन सामग्री, पुस्तकें व मॉड्यूल शामिल है। इस प्रोग्राम के तहत बच्चों को मानसिक व शारीरिक दोनों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। साथ ही रोजमर्रा के जीवन में आने वाली मौसमी बीमारियों से कैसे बचना है, शरीर में किस कारण क्या बीमारी पनपती है।
सभी के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। जिला परियोजना संयोजक (डीपीसी) रामनिवास वशिष्ठ ने बताया कि सरकारी स्कूलों में साइंस शिक्षकों को स्वास्थ्य एंबेसडर बनाया जाएगा। साइंस टीचरों को इस बारे में ट्रेनिंग दी गई है। बच्चों को पढ़ाए गए सभी विषयों का रिपोर्ट कार्ड बनेगा जो मुख्यालय जाएगा। इस प्रोग्राम के तहत बच्चों के भौतिक ज्ञान में काफी वृद्धि होगी। बच्चों को स्वच्छ व स्वस्थ जीवन शैली के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
इन विषयों पर होगी पढ़ाई
- मानसिक स्वास्थ्य
- लैंगिक समानता
- पोषण
- शारीरिक स्वास्थ्य
- मादक पदार्थों का दुष्प्रभाव
- हिंसा व चोटों के खिलाफ सुरक्षा
- स्वस्थ जीवन शैली
- इंटरनेट व सोशल मीडिया के फायदे व दुष्परिणाम
- स्वच्छता
- मौसमी बीमारियों से बचाव
- बीमारियों से बचने के तरीके
कैथल डीपीसी जिला परियोजना संयोजक रामनिवास वशिष्ठ ने कहा कि स्कूल शुरू होते ही कक्षा 6 से 12वीं के बच्चों का स्वास्थ्य संबंधित ज्ञान बढ़ाया जाएगा। इसको लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। साइंस टीचर इस प्रोग्राम के तहत एंबेसडर बनकर बच्चों को स्वास्थ्य संबंधित बातें सिखाएगें।