Happy New Year 2023: बीत रहा वर्ष 2022 महिलाओं की उपलब्धियों से भरा रहा। बहुत जरूरी है हम इस साल की उपलब्धियों पर एक नजर डालें। उपलब्धियां जोश बढ़ाती हैं आगे बढ़ने का, शिखर छूने का। उपलब्धियों से हमें अपनी क्षमताओं का आभास भी होता है। बीत रहे इस वर्ष में देश की आधी आबादी ने गौरवशाली उपलब्धियां हासिल की हैं, विश्व में हमारा मस्तक ऊंचा हुआ है। महिलाओं ने साबित किया है, उनके भीतर असीम संभावनाएं अनवरत उन्नत पथ पर अग्रसर हैं। आइए जानते हैं बीते बर्ष किन महिलाओं ने किस क्षेत्र में किया देश का नाम रोशन।
द्रौपदी मुर्मू : देश को मिलीं पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति
आधी आबादी के लिए इस वर्ष की सबसे बड़ी और गौरवशाली उपलब्धि है, द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना । भारत में आधी आबादी के लिए साल 2022 को इसलिए भी मील के पत्थर के रूप में याद रखा जाएगा, क्योंकि आजादी के इस अमृत महोत्सव वर्ष में द्रौपदी मुर्मू के रूप में देश को पहली बार एक आदिवासी महिला राष्ट्रपति मिलीं। यह भारत के समावेशी लोकतंत्र की शानदार उपलब्धि है। 25 जुलाई 2022 को देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू ने अपना कार्यकाल शुरू किया।
खेलों की दुनिया में देश का बढ़ाया गौरव
वर्ष 2022 में महिलाओं ने बार-बार देश का गौरव बढ़ाया। जनवरी में विजयश्री की जो शुरुआत हुई, वह सिलसिला आगे भी जारी रहा। पीवी सिंधु पूरे साल अपने शानदार खेल से चमकती रहीं, जिसकी शुरुआत सैयद मोदी इंटरनेशनल बैडमिंटन टूर्नामेंट 2022 खिताब जीतने से हुई। आमतौर पर क्रिकेट में लप्पेबाजी करना यानी लंबे-लंबे शॉट लगाना, पुरुष खिलाड़ियों का कौशल माना जाता है, लेकिन इस साल महज 26 गेंदों में 50 रन बनाकर रिचा घोष ने लप्पेबाजों की सूची में खुद को दर्ज कराया, वहीं दूसरी ओर मिताली राज जो कि भारतीय महिला क्रिकेट की सालों से पर्याय रही हैं, उन्होंने इस साल छठवीं बार क्रिकेट विश्व कप में हिस्सा लिया। झूलन गोस्वामी इसी साल एकदिवसीय महिला क्रिकेट विश्व कप में संयुक्त रूप से सर्वाधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज बनकर उभरी। उधर महिला वेटलिफ्टर मीरा बाई चानू ने इस साल एक बार फिर देशवासियों को गर्व के क्षण दिए, जब उन्होंने सिंगापुर वेटलिफ्टिंग इंटरनेशनल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। वहीं निकहत जरीन और नीतू ने स्ट्रैंड्जा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता। प्रियंका नुटक्की इस साल भारत की 23वीं महिला ग्रैंड मास्टर बनीं। प्रियंका मोहिते का 8,000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली पांच पर्वत चोटियों पर चढ़ने वाली देश की पहली महिला होना और पीटी उषा का भारतीय ओलंपिक संघ की पहली महिला अध्यक्ष बनना, आधी आबादी के लिए गौरव की बात है।
साल की शुरुआत में ही लहराया परचम
देश की आधी आबादी के लिए वर्ष 2022 का आगाज ही शानदार रहा। सबसे पहले 1 जनवरी 2022 को निकिता सोकल ने मिसेज इंडिया गैलेक्सी 2021 का खिताब जीतकर महिलाओं के खाते में गौरवशाली उपलब्धि जोड़ी। जनवरी के शुरुआत में ही स्मृति मंधाना को आईसीसी वूमेंस क्रिकेटर ऑफ द ईयर घोषित किया गया। 9 जनवरी को फिल्म 'बजरंगी भाईजान' से सलमान खान के साथ चर्चा में आईं हर्षाली मल्होत्रा को सराहनीय अभिनय और फिल्म क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए 12वें भारत रत्न डॉ. अंबेडकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया । 11 जनवरी को महिलाओं के लिए एक उपलब्धिपूर्ण खबर आई, जब उड़ीसा राज्य सरकार ने मातृत्व अवकाश का लाभ 90 दिनों से बढ़ाकर 180 दिन कर दिया। इसके एक दिन बाद ही 12 जनवरी को तस्नीम मीर, अंडर-19 बालिका एकल में विश्व की नंबर एक शटलर बनीं। 15 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री सुरक्षा चूक मामले की जांच इंदु मल्होत्रा को सौंपी, जो इस बात को सिद्ध करती है कि महिलाएं बड़ी से बड़ी यहां जिम्मेदारी लेने में सक्षम है। 26 जनवरी को शिवांगी सिंह गणतंत्र दिवस परेड में रॉफेल फाइटर जेट उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला पायलट बनीं। इसी महीने स्मृति मंधाना को आईसीसी टी-20 वूमेन टीम का सदस्य चुना गया, उनकी यह एक महीने के भीतर ही दूसरी बड़ी उपलब्धि रही।
फिल्म और साहित्य में मिला सम्मान
फिल्म और साहित्य के क्षेत्र में भी इस साल आधी आबादी के नाम का डंका बजा। जहां फिल्म अभिनेत्री आशा पारेख को 52वें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया, वहीं वर्ष 2022 में ही साहित्य के विश्व आकाश में हिंदी लेखिका गीतांजलि श्री ने अपने उपन्यास 'टॉम्ब ऑफ सैंड' यानी 'रेत समाधि' के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार हासिल किया। जब वह इसके लिए नामित हुईं, तभी एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही थी और जब उन्होंने इसे हासिल किया, तब तो यह बड़ी उपलब्धि बन ही गई। उधर भारतीय लेखिका मीना कंडासामी ने इंटरनेशनल 'हर्मन केस्टन पुरस्कार - 2022' भी जीता।
विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित किए कीर्तिमान
बिना पढ़े-लिखे होने के बावजूद मध्य प्रदेश के मंडला जिले के बरबसपुर गांव की दुर्गा बाई व्याम को कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए पद्मश्री से नवाजा गया। भारत सरकार की सर्वाधिक लोकप्रिय योजनाओं में से एक 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' की इसी साल ब्रांड अंबेस्डर तनिष्का कोटिया और रिद्धिका कोटिया बनीं। रीतू खंडूरी, उत्तराखंड राज्य विधानसभा की पहली महिला स्पीकर बनीं। साथ ही रुचिरा कांबोज को यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में चुना गया। ये दोनों इस वर्ष भारत के शिक्षा मंत्रालय ने यूनीसेफ के सहयोग से, 'कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव' अभियान शुरू किया, तो देश के एमएसएमई मंत्रालय ने महिलाओं के लिए 'समर्थ' नाम का विशेष उद्यमिता संवर्धन अभियान शुरू किया। इस तरह देखें तो भारत में और साथ ही पूरे विश्व में भी भारतीय महिलाओं की सफलता का सफर भले धीमी गति से लेकिन लगातार आगे बढ़त रहा। बीत रहा वर्ष 2022 भी इसका गवाह बना।
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