नई दिल्ली: आज आतंकवाद से जंग विश्व का लगभग हर देश लड़ रहा है। आतंकवाद का ना तो कोई धर्म होता है और न ही कोई जाति होती है, इसलिए विश्व के कई देशों को एक साथ मिलकर आतंकवाद से लड़ने का अंतिम निर्णय लेना पड़ा। हालांकि दुनिया में कुछ ऐसे देश भी हैं, जो आज भी आतंकवाद को पालने और पोसने में सहायता कर रहे हैं। इन देशों में पाकिस्तान का नाम शीर्ष पर लिया जाता है। हाल ही में अमेरिका के ब्यूरो ऑफ काउंटर टेररिज्म ने एक रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में आंतकवाद के खिलाफ कारवाई ना करने के पाकिस्तान के रवैय्ये की आलोचना की गई है।
काउंटर टेररिज्म पर अमेरिका की इस रिपोर्ट में भारत के लिए खूब प्रशंसा के शब्द हैं। इस रिपोर्ट में लगातार भारत पर हुए आतंकी हमलों के बाद आतंकवाद के खिलाफ भारत की जवाबी कार्रवाई की तारीफ की गई है। हालांकि इस रिपोर्ट में पाकिस्तान को आंतकवाद को और आतंकी संगठनों को पनाह देने के लिए कोसा भी गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार आंतकवाद से लड़ने में पाकिस्तान ने कोई खास कदम नहीं उठाया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान ने अपने ही देश में पनाह लेने वाले आतंकी संगठनों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
भारत में आतंकवादी समूह
2021 में, आतंकवाद ने भारत के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्यों और मध्य भारत के कुछ हिस्सों को प्रभावित किया। भारत में कई आतंकी संगठन सक्रिय हैं। इन आतंकवादी समूहों में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन, आईएसआईएस, अल-कायदा, जमात-उल-मुजाहिदीन और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश शामिल हैं। हाल के दिनों में आतंकी रणनीति में बदलाव देखा गया। देश के नागरिकों पर हमले और आईईडी ब्लास्ट की जगह वायु सेना के बेस पर ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए विस्फोटक हमले करने की साजिशें रची गई।
भारत सरकार ने आतंकवादी संगठनों के संचालन का पता लगाने, उन्हें रोकने और कम आंकने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। अक्टूबर में, संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत ने काउंटर टेररिज्म जॉइंट वर्किंग ग्रुप की 18वीं बैठक आयोजित की, और नवंबर में भारत ने ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ दूसरे क्वाड काउंटर टेररिज्म टेबलटॉप बैठक की मेजबानी की।
2021 में भारत में हुई आतंकवादी घटनाएं
इस दौरान, जम्मू-कश्मीर में 153 आतंकवादी हमले हुए, जिसमें 274 मौतें हुईं। इनमें 45 सुरक्षाकर्मी, 36 नागरिक और 193 आतंकवादी शामिल थे। अन्य उल्लेखनीय हमलों में मणिपुर में 1 नवंबर को एक हमला हुआ था, जिसमें मणिपुर की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और नागा पीपुल्स फ्रंट ने सात लोगों को मार डाला, जिसमें एक भारतीय सेना अधिकारी और उनकी पत्नी और नाबालिग बेटे शामिल थे।
पाकिस्तान: कंट्री ऑफ पर्टिकुलर कंसर्न
- मालूम हो कि 1998 के अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत 2018 में पाकिस्तान को पर्टिकुलर कंसर्न कंट्री (Country of Particular Concern) के रूप में नामित किया गया था। इसे 2019, 2020 और 2021 में सीपीसी में नया स्वरूप दिया गया था।
- वर्ष 2018 में, एफएटीएफ ने अपने एएमएस/सीएफटी (एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग/काउंटरिंग द फाइनेंसिंग ऑफ टेररिज्म) सिस्टम में रणनीतिक कमियों के साथ पाकिस्तान को एक अधिकार क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया।
- 2021 तक पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बना रहा। मालूम हो कि पिछले साल इसे लिस्ट से हटा दिया गया था।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर खतरा
- वर्ष 2021 में, पाकिस्तान में छोटी बड़ी कई महत्वपूर्ण आतंकवादी गतिविधियां हुईं, जिनमें 2020 की तुलना में न केवल हमलों की बल्कि गंभीर रूप से घायल एवं हताहतों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी देखी गई। उक्त जानकारी अमेरिका के ब्यूरो ऑफ काउंटर टेररिज्म की 'कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेररिज्म 2021: पाकिस्तान' में उल्लेखित है।
- इस रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में, पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों को आतंकवादी समूहों से जानलेवा खतरों का सामना करना पड़ा।
- आईएसआईएस-के आतंकवादियों ने जनवरी 2021 में बलूचिस्तान के काची जिले में 11 शिया हजारा कोयला खनिकों की हत्या की जिम्मेदारी ली थी।
- वहीं अप्रैल में, बलूचिस्तान के क्वेटा में सेरेना होटल की पार्किंग में एक वीबीआईईडी आत्मघाती हमले में पांच लोग मारे गए थे। जांच के बाद प्राप्त जानकारी के अनुसार, हमले में स्थानीय और विदेशी अधिकारियों को निशाना बनाया गया था।
- दिसंबर में उत्तरी वजीरिस्तान में आतंकवादियों ने सुरक्षा अधिकारियों पर घात लगाकर हमला किया था, जहां जवाबी गोलीबारी में चार सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए।
आतंकी रणनीति में बदलाव
अमेरिकी काउंटर टेररिज्म की रिपोर्ट 2021, भारत में आतंकवादियों के दृष्टिकोण में बदलाव के बारे में बात करती है। नागरिकों को लक्ष बनाना और आतंकी हमलों के लिए आईईडी और ड्रोन को प्राथमिकता देना शामिल है।
भारत में हुए भयानक आतंकी हमले
- 26/11 मुंबई आतंकी हमला
- 12 मार्च 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट
- 13 दिसंबर 2001 भारतीय संसद पर हमला
- 29 अक्टूबर 2005 दिल्ली सीरियल बम ब्लास्ट
- 11 जुलाई 2006 मुंबई ट्रेन हमला
- 13 मई 2008 जयपुर धमाके
- जनवरी 2016 पठानकोट हमला
- 25 जून 2016 सीआरपीएफ काफिले पर हमला
- अक्टूबर में उरी में सेना के कैंप में हमला
- 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला