... तो क्या NCERT पाठ्यपुस्तकों से हटा दी जाएगी संविधान की प्रस्तावना!

विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने राज्यसभा में एनसीईआरटी की कुछ पाठ्यपुस्तकों से संविधान की प्रस्तावना हटाए जाने का मुद्दा उठाया और कहा कि यह देश पर सांप्रदायिक विचारधारा थोपने का प्रयास है। इस दावे का केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने खंडन करते हुए कहा कि सरकार संविधान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

कांग्रेस ने एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों से संविधान की प्रस्तावना हटाए जाने का मुद्दा उठाया

इस मुद्दे को उठाते हुए विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रस्तावना, भारतीय संविधान की आत्मा और आधार है। यह एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में प्रकाशित होती थी। उन्होंने कहा कि प्रस्तावना द्वारा बताए गए उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता सुनिश्चित करना और राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए भाईचारे को बढ़ावा देना है।

उन्होंने नवंबर 1948 में संविधान सभा में हुई बहस को पढ़ा, जिसमें तर्क दिया गया था कि देश में राजनीतिक लोकतंत्र को सामाजिक लोकतंत्र भी बनाया जाना चाहिये। उन्होंने बहस से उद्धरण देते हुए कहा, "राजनीतिक लोकतंत्र तब तक नहीं टिक सकता जब तक कि उसके मूल में सामाजिक लोकतंत्र न हो। सामाजिक लोकतंत्र का क्या मतलब है? इसका मतलब है जीवन का एक ऐसा तरीका जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व को जीवन के सिद्धांतों के रूप में मान्यता देता है।"

खड़गे ने कहा कि प्रत्येक नागरिक, खासकर भावी पीढ़ी को भारतीय लोकतंत्र और संविधान के मूलभूत सिद्धांतों और मूल्यों के साथ-साथ महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, बीआर अंबेडकर और सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए बलिदानों के बारे में शिक्षित करने की आवश्यकता है। इसके बाद उन्होंने संसद परिसर में गांधी और अंबेडकर की मूर्तियों को स्थानांतरित करने पर एक बयान दिया, जिस पर सत्ता पक्ष की ओर से आपत्ति जताई गई और अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने कहा कि खड़गे विषय से भटक रहे हैं।

सांप्रदायिक विचारधारा थोपने की कोशिश का आरोप

सत्तारूढ़ पक्ष के विरोध के बीच उन्होंने कहा, "आरएसएस और भाजपा पाठ्यक्रम में छेड़छाड़ करके लोगों पर अपनी सांप्रदायिक विचारधारा थोपने की कोशिश कर रहे हैं। और एनसीईआरटी द्वारा उठाया गया कदम सही नहीं है।" इस बिंदु पर, धनखड़ ने आदेश दिया कि कुछ भी रिकॉर्ड पर नहीं जायेगा और वह "देखेंगे कि क्या हटाया जाना है... हटाए जाने के लिए अंतिम चार मिनट।" उन्होंने खड़गे से कहा, "आप मुद्दे से भटक रहे हैं।"

सरकार से मुद्दे पर स्पष्टीकरण की मांग

खड़गे ने मांग की कि सरकार इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण दे, और सदन के सामने तथ्य पेश करे और पाठ्यपुस्तकों से प्रस्तावना हटाने के कदम को वापस ले। धनखड़ ने कहा, "निस्संदेह हम सभी संविधान के प्रति प्रतिबद्ध हैं और इसके विपरीत कोई भी धारणा हम सभी को आहत करेगी।" सदन के नेता और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि हालांकि उन्होंने एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तक या बदलाव नहीं देखा है, लेकिन पूरे अधिकार के साथ कह सकते हैं कि संविधान को लेकर किसी तरह की छेड़छाड़ का कोई सवाल ही नहीं है।

संविधान के प्रति प्रतिबद्ध है सरकार

नड्डा ने कहा, "शब्द दर शब्द, अक्षर दर अक्षर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में यह सरकार संविधान के प्रति प्रतिबद्ध है।" संविधान सभा की बहस से खड़गे के उद्धरण पर उन्होंने कहा कि यह केवल मोदी सरकार के तहत ही था कि 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित किया गया। उन्होंने 1975 में आपातकाल लगाने और संविधान का उल्लंघन करते हुए राज्यों में 90 से अधिक निर्वाचित सरकारों को बर्खास्त करने के लिए कांग्रेस पर हमला किया।

प्रस्तावना की रक्षा

आरएसएस के बारे में उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने दो बार संगठन पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की और 1.25 लाख लोगों को दो साल तक जेल में रखा, लेकिन "आरएसएस मजबूत होकर उभरा, क्योंकि यह राष्ट्रवादी संगठन है और जमीनी स्तर से जुड़ा संगठन है।" उन्होंने कहा, "प्रस्तावना की रक्षा की गई है और की जायेगी।"

For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

English summary
Explore the ongoing controversy surrounding the removal of the Preamble from NCERT textbooks. Learn about the concerns raised by the Congress and BJP President JP Nadda's response, reaffirming the government's commitment to the Constitution.
--Or--
Select a Field of Study
Select a Course
Select UPSC Exam
Select IBPS Exam
Select Entrance Exam
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
Gender
Select your Gender
  • Male
  • Female
  • Others
Age
Select your Age Range
  • Under 18
  • 18 to 25
  • 26 to 35
  • 36 to 45
  • 45 to 55
  • 55+